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“सत्य की जीत”; लेकिन जब तक षड्यंत्रकारी शक्तियों को दंड नहीं मिलता, तब तक न्याय अधूरा है! – अभय वर्तक, प्रवक्ता, सनातन संस्था

“सत्य की जीत”; लेकिन जब तक षड्यंत्रकारी शक्तियों को दंड नहीं मिलता, तब तक न्याय अधूरा है! – अभय वर्तक, प्रवक्ता, सनातन संस्था



साल 2008 के मालेगांव बम विस्फोट मामले में NIA की विशेष अदालत द्वारा साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर, कर्नल प्रसाद पुरोहित, मेजर रमेश उपाध्याय, समीर कुलकर्णी तथा अन्य सभी हिंदुत्वनिष्ठों को बरी कर देने के निर्णय से एक बार फिर ‘सत्य की जीत’ न्याय के मंदिर में हुई है। यह धर्मनिष्ठता की जीत है और समस्त हिंदू समाज के लिए एक ऐतिहासिक क्षण है। सनातन संस्था इन सभी निर्दोष राष्ट्रनिष्ठों का हार्दिक अभिनंदन करती है।


इस निर्णय से न केवल वर्षों से चला आ रहा अन्याय समाप्त हुआ है, बल्कि ‘हिंदू आतंकवाद’ की झूठी संकल्पना भी पूरी तरह ध्वस्त हो गई है। हालांकि आज हिंदुत्वनिष्ठों को न्याय मिला है, फिर भी जब तक उन षड्यंत्रकारी शक्तियों को दंड नहीं दिया जाता, जिन्होंने झूठे सबूत गढे, राष्ट्रनिष्ठों पर अमानुषिक अत्याचार किए और विशेषकर साध्वी प्रज्ञाजी तथा अन्य निर्दोषों को सालों तक कारावास में ठूंसकर रखा, तब तक यह न्याय अधूरा रहेगा। इन दोषियों पर कठोर कार्रवाई होनी ही चाहिए, ऐसी मांग सनातन संस्था के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री. अभय वर्तक ने इस ऐतिहासिक निर्णय के पश्चात की है।


श्री. वर्तक ने आगे कहा कि, इन निर्दोष हिंदुओं को ‘भगवा आतंकवाद’ और ‘हिंदू आतंकवाद’ जैसे झूठे आरोपों के कलंक के साथ अनेक वर्ष अन्यायपूर्ण कारावास भोगना पड़ा। तत्कालीन जांच एजेंसियों ने पक्षपातपूर्ण, पूर्वाग्रहयुक्त और राजनीतिक दबाव में काम किया। विशेषकर तत्कालीन वरिष्ठ पुलिस अधिकारी परमबीर सिंह जैसे लोगों ने झूठे साक्ष्य गढे और निर्दोषों को जबरन अपराधी घोषित करने का प्रयास किया। साथ ही, कांग्रेस के तत्कालीन नेता दिग्विजय सिंह, पी. चिदंबरम और सुशीलकुमार शिंदे ने ‘भगवा आतंकवाद’ शब्द का प्रचार कर पूरे हिंदू समाज को बदनाम करने का घृणास्पद प्रयास किया। वर्ष 2009 में, कांग्रेस सरकार ने मडगांव बम विस्फोट मामले में सनातन संस्था के साधकों को भी षड्यंत्रपूर्वक फंसाया था, जिन्हें 2013 में माननीय न्यायालय ने पूर्णतः निर्दोष मुक्त कर दिया। उसी प्रकार 2008 के मालेगांव प्रकरण में फंसाए गए राष्ट्रनिष्ठों को 17 वर्ष बाद न्यायालय से मुक्ति मिली है। कांग्रेस ने हिंदू समाज को आतंकवादी ठहराने का पाप किया, लेकिन न्यायदेवता ने हिंदुओं को न्याय दिया, ऐसा स्पष्ट वक्तव्य श्री. वर्तक ने अंत में किया।


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