Advertisment1

यह एक धर्मिक और राष्ट्रवादी पत्रिका है जो पाठको के आपसी सहयोग के द्वारा प्रकाशित किया जाता है अपना सहयोग हमारे इस खाते में जमा करने का कष्ट करें | आप का छोटा सहयोग भी हमारे लिए लाखों के बराबर होगा |

"केवल उपस्थित नहीं, सार्थक होना"

"केवल उपस्थित नहीं, सार्थक होना"

जीवन का प्रत्येक मंच एवं प्रत्येक स्थान केवल भौतिक उपस्थिति का नाम नहीं है, वह आत्मा के विकास एवं व्यक्तित्व की अभिव्यक्ति का माध्यम होना चाहिए। जहाँ आपकी चेतना के स्वर को दबा दिया जाये, जहाँ आपकी साधना एवं श्रम की गूंज अनसुनी कर दी जाये, एवं जहाँ आपके होने का मर्म ही न समझा जाये — वहाँ ठहरना केवल समय का नहीं, आत्मा का भी अपमान है। सम्मान कोई याचना नहीं, बल्कि यह उस आंतरिक ज्योति की स्वाभाविक अपेक्षा है, जो प्रत्येक सच्चे कर्म में प्रकाशित होती है। जो स्थान आपके अस्तित्व की गरिमा को न स्वीकारे, वहाँ बने रहना उसी प्रकार व्यर्थ है जैसे फूल को उस उपवन में बने रहना, जहाँ उसकी सुगंध का कोई मूल्य न हो।


क्योंकि जहाँ सम्मान नहीं, वहाँ संवेदना नहीं; एवं जहाँ संवेदना नहीं, वहाँ सृजन एवं आत्म-विकास के सारे प्रयत्न निष्फल हो जाते हैं। अतः विवेक यही कहता है कि ऐसा कोई भी मंच छोड़ देना चाहिए जहाँ आपका मूल्य केवल देह की उपस्थिति तक सिमट जाये एवं आत्मा की पुकार उपेक्षित रह जाये। अंततः जीवन का ध्येय मात्र उपस्थित होना नहीं, सार्थक उपस्थित होना है — वहाँ, जहाँ आपके कर्मों का आदर हो, और आपके विचारों की प्रतिध्वनि हृदयों में सुनाई दे।


. "सनातन"
(एक सोच , प्रेरणा और संस्कार) पंकज शर्मा (कमल सनातनी)
हमारे खबरों को शेयर करना न भूलें| हमारे यूटूब चैनल से अवश्य जुड़ें https://www.youtube.com/divyarashminews #Divya Rashmi News, #दिव्य रश्मि न्यूज़ https://www.facebook.com/divyarashmimag

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ