महिला अधिवक्ता के घर पर जानलेवा हमला, परिवार की सुरक्षा को लेकर गहरी चिंता | पुलिस से न्याय की माँग
पटना। रिपोर्टर: रमेश कुमार चौबे
पटना में कानून व्यवस्था पर एक बार फिर सवाल खड़े हो गए हैं, जब चाणक्या नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी की अध्यापिका और पटना उच्च न्यायालय की वरिष्ठ अधिवक्ता मीता मोहिनी के घर पर खुलेआम हमला किया गया। यह घटना न केवल एक संवेदनशील कानूनी पेशे से जुड़ी महिला के आत्म-सम्मान और सुरक्षा पर हमला है, बल्कि यह दर्शाता है कि राजधानी में अपराधी बेखौफ घूम रहे हैं।
घटना मंगलवार की शाम लगभग 4 बजे की है, जब उत्तरी श्रीकृष्णापुरी स्थित किताब भवन रोड पर अधिवक्ता मीता मोहिनी के निवास स्थान पर कंकड़बाग के डॉ. जनकदेव प्रसाद सिन्हा एवं डॉ. शीला शर्मा के पुत्र डॉ. शान्तनु सिन्हा ने अपने साथ 5-6 अज्ञात व्यक्तियों के साथ मिलकर जानलेवा हमला किया।
हमला सुनियोजित और हिंसक था
पीड़िता द्वारा श्रीकृष्णापुरी थाना को दिए गए लिखित आवेदन में बताया गया है कि हमलावरों ने लोहे की रॉड, हथौड़ा, ईंट-पत्थर, पाइप आदि खतरनाक हथियारों का प्रयोग करते हुए उनके घर के गेट, खिड़कियों, दरवाजों और वाहन को क्षति पहुँचाई। इतना ही नहीं, हमलावरों ने मल से भरे बैग और चप्पलें घर पर फेंकीं, जिससे माहौल अत्यंत अशोभनीय हो गया।
हमले के दौरान डॉ. शान्तनु सिन्हा लगातार गाली-गलौज और जान से मारने की धमकियाँ देते रहे। उन्होंने गेट का ताला तोड़ने और घर में घुसने की कोशिश की। इस हमले में घर में मौजूद पालतू कुत्ते को भी चोटें आईं।
पारिवारिक विवाद को बताया कारण
मीता मोहिनी ने अपने आवेदन में कहा है कि यह हमला एक लंबे समय से चल रहे पारिवारिक संपत्ति विवाद का नतीजा है। उनका आरोप है कि डॉ. शान्तनु सिन्हा उनके मौसेरे भाई हैं, और उनकी मां के परिवार की संपत्ति को लेकर कोर्ट में चल रहे टाइटल पार्टिशन सूट के कारण वह लगातार विवाद उत्पन्न कर रहे हैं। यह हमला भी उसी पारिवारिक रंजिश का नतीजा है।
जान से मारने की धमकी, पुलिस से सुरक्षा की गुहार
मीता मोहिनी ने स्पष्ट रूप से लिखा है कि डॉ. शान्तनु ने धमकी दी है कि वह अगली बार और अधिक लोगों के साथ आकर न केवल उन्हें, बल्कि उनके पति अधिवक्ता रुद्रांकधारी सिन्हा और पूरे परिवार को मार डालेंगे। उन्होंने बार-बार रुद्रांकधारी सिन्हा के बारे में पूछताछ की, जो घटना के समय कोर्ट में उपस्थित थे।
न्याय और सुरक्षा की माँग
मीता मोहिनी ने पुलिस प्रशासन से जान-माल की सुरक्षा की माँग करते हुए दोषियों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कानूनी कार्रवाई करने की अपील की है। उन्होंने कहा कि यदि समय रहते कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया, तो उन्हें और उनके परिवार को गंभीर खतरा बना रहेगा।
कानून व्यवस्था पर सवाल
इस घटना ने एक बार फिर राजधानी पटना में महिलाओं और अधिवक्ताओं की सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ा दी है। जिस तरह दिनदहाड़े हथियारबंद लोगों ने एक महिला अधिवक्ता के घर पर हमला किया, वह पुलिस की निष्क्रियता और अपराधियों के हौसले बुलंद होने का संकेत देता है।
कई नागरिकों और सामाजिक संगठनों ने इस घटना को लेकर तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि यदि ऐसे लोगों को तत्काल गिरफ़्तार नहीं किया गया तो बिहार में "जंगलराज" की पुनरावृत्ति जैसी स्थिति बन जाएगी।
प्रशासनिक चुप्पी पर सवाल
अब देखना यह है कि पटना पुलिस और प्रशासन इस मामले में कितनी तत्परता दिखाता है। पीड़िता के अनुसार थाना में आवेदन देने के बावजूद अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है।
यह केवल एक महिला अधिवक्ता का मामला नहीं है, यह समाज में कानून व्यवस्था और महिलाओं की सुरक्षा की एक गूंजती हुई चेतावनी है।
निष्कर्ष:
मीता मोहिनी और उनके परिवार के साथ हुई यह घटना यह दर्शाती है कि पारिवारिक संपत्ति विवाद किस हद तक हिंसक रूप ले सकता है। इस मामले में दोषियों को तुरंत गिरफ़्तार कर सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए ताकि कानून का डर समाज में बना रहे और महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके।
(यह रिपोर्ट रमेश कुमार चौबे द्वारा तैयार की गई है)
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