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छत्तीसगढ़ के बलरामपुर तातापानी पटवारी के भ्रष्टाचार से किसान परेशान शिकायत के बावजूद अब तक कार्रवाई नहीं

छत्तीसगढ़ के बलरामपुर तातापानी पटवारी के भ्रष्टाचार से किसान परेशान शिकायत के बावजूद अब तक कार्रवाई नहीं 

              प्रदेश के बलरामपुर (रा. ग.) जिला में रिश्वतखोर पटवारी के कारण आम किसान परेशान हैँ l पटवारी के जिम्मे राजस्व संबंधित कई कार्य होते हैँ, जिसके कारण ग्रामीण किसान से लेकर भूमिहीन तक पटवारी के भ्रष्टाचार और लेनदेन से त्रस्त हैँ l पीड़ित किसान आख़िरकार अपना फरियाद लेकर किसके पास जाय l राज्य सरकार के आला अधिकारी से लेकर मंत्री तक, जिला में कलेक्टर, अनुभागीय अधिकारी और तहसीलदार सबके पास अपनी समस्याओं को लेकर आम आदमी प्रतिदिन जाता है ,लेकिन वह थका हारा वापस आ जाता है I भ्रष्टाचार के शिकायत के प्रति कोई कारगर कार्रवाई करने के बजाय सरकार के अधिकारी गण खाली लीपापोती और बचाव करते हैँ l 
                छत्तीसगढ़ सरकार वैसे तो सरकारी कर्मचारियों के भ्रष्टाचार के खिलाफ “भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो” (ACB) के माध्यम से यदा कदा छापेमारी करके कार्रवाई करती रही है । लेकिन एसीबी की यह कार्रवाई ऊंट के मुँह में जीरा समान लगता है l 
              पटवारी मतलब “भ्रष्टाचार का प्रतिक” जिस भी दरवाजे पर गया अगर वह किसान है उसका कुछ भी काम नहीं है तो उसके घर लगा सब्जी, यदि मुर्गा मुर्गी पालक है तो अंडा और देशी मुर्गा जरूर ले लेता है l अगर किसी का पटवारी से कोई काम रहा तो आने जाने का अपने गाड़ी का खर्चा और रिश्वत की रकम वसूल करता है l अब तो प्रत्येक पटवारी रिश्वत खुद न लेकर अपने साथ एक निजी आदमी जो स्थानीय दलाल हीं होता है उसके जरिये भ्रष्टाचार की रकम लेता है l अब अपने डाइरेक्ट इसलिए नहीं लेता है कि रंगे हाँथ पकड़ाने का डर रहता है l 
              पटवारी की अवैध कमाई का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि एक एक पटवारी के पास अपनी लग्जरी कार होती है I आलीशान मकान आम बात है और ठाट बाट तो जैसे वह तहसीलदार को मात दे देता है l 
              छत्तीसगढ़ के बलरामपुर (रा. ग.) जिला में तातापानी पटवारी दिलीप कुमार जाटव के भ्रष्टाचार से सभी किसान तबाह हैँ, लेकिन अपना मुँह इसलिए नहीं खोलते हैँ कि उनका होने वाला काम पटवारी अपने गलत रिपोर्टस से या विरोधी से पैसा लेकर और ज्यादा खराब कर देगा l पटवारी का काम राजस्व भूमि से संबंधित रहता है l सीमांकन, नक्सा काटना, भूमि नामांतरण में रिपोर्ट, पंचनामा, नजरी नक्सा बनाना, दोनों फसल का रकबा रिपोर्ट खतौनी बनाना वगैरह कई प्रकार का कार्य होता है l जिसमें भारी भ्रष्टाचार है l 
               छत्तीसगढ़ में पटवारी एक महत्वपूर्ण पद है जो राजस्व विभाग अंतर्गत कार्य करता है। पटवारी के कार्य मुख्य रूप से भूमि राजस्व से संबंधित होते हैं और वे अपने क्षेत्र में भूमि के रिकॉर्ड को बनाए रखने और अद्यतन करने के लिए जिम्मेदार होते हैं। 
              कल्पना की जा सकती है जिसके पास भूमि रिकॉर्ड का रखरखाव, भूमि रिकार्ड अद्यतन करना,भूमि राजस्व का संग्रहण,भूमि विवादों का समाधान संबंधी महत्वपूर्ण कार्य इसके साथ हीं साथ भूमि सर्वक्षण और मापन तथा भूमि की सीमाओं को निर्धारित करने की जिम्मेवारी जैसा कार्य हो वह कितना प्रभावशाली होगा l इस कारण किसान का भयभीत होना लाजमी है जिसका नाजायज फायदा पटवारी किसानों से भ्रष्टाचार के जरिये उठाता है l 
                  छत्तीसगढ़ के बलरामपुर जिला अंतर्गत तातापानी एक महत्वपूर्ण पर्यटन स्थल है, उसके इर्द गिर्द के ग्रामीण यहाँ के पटवारी के भ्रष्टाचार से पीड़ित हैँ और कई शिकायत होने के बावजूद भी लगभग तीन साल से यहाँ का पटवारी दिलीप कुमार जाटव अपने पैरवी और भ्रष्टाचार के वसूली के पैसे से अधिकारियों को मैनेज करने के कारण काफी दबंगई से किसानों का आर्थिक शोषण करते हैं l इसके अपने भाई जो पत्रकार है,उसके धौस से और उसके मिडिया मैनेजमेंट से इनके खिलाफ भ्रष्टाचार का कोई समाचार प्रकाशित नहीं हो पाता है l तातापानी के किसान ऐसे पटवारी से निजात दिलाने के लिए कलेक्टर को शिकायत कर चुके हैँ I लिखित शिकायत आवेदन पुलिस विभाग को भी दिया जा चूका है लेकिन बावजूद अब तक जिला प्रशासन द्वारा कोई कार्रवाई नहीं किया गया है l राज्य सरकार को संज्ञान लेकर इसपर कार्रवाई करना चाहिए l

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