250 से अधिक हिंदुत्वनिष्ठो की उपस्थिती में छत्तीसगढ़ हिन्दु राष्ट्र अधिवेशन संपन्न !

- धर्मांतरण विरोधी सख्त कानून शीघ्र लागू होगा”
- छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय का आश्वासन

मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित छत्तीसगढ़ राज्य के मुख्यमंत्री मा. विष्णुदेव साय ने अधिवेशन को संबोधित करते हुए कहा, "राज्य सरकार धर्मांतरण की गंभीर समस्या के समाधान के लिए प्रतिबद्ध है। आगामी विधानसभा सत्र में सख्त धर्मांतरण विरोधी कानून लागू किया जाएगा।" उन्होंने यह भी कहा कि नक्सलवाद की समस्या को निश्चित समयावधि में जड़ से समाप्त करने का संकल्प उनकी सरकार ने लिया है।
अधिवेशन में पू. युधिष्ठिरलाल महाराज, पू. रामबालकदास महाराज, महामंडलेश्वर सर्वेश्वरदास महाराज, मा. श्री प्रबल प्रताप सिंह जूदेव, पू. वेदप्रकाशाचार्य महाराज, हिन्दू जनजागृति समिति के महाराष्ट्र व छत्तीसगढ़ संगठक श्री सुनील घनवट, सनातन संस्था के पू. अशोक पात्रीकर, तथा स्वातंत्र्यवीर सावरकर जी के पौत्र श्री रणजीत सावरकर जैसे अनेक मान्यवरों ने अपने विचार अधिवेशन में रखे।
श्री सुनील घनवट ने अधिवेशन को संबोधित करते हुए कहा , “छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद धीरे-धीरे समाप्त हो रहा है, किंतु अर्बन नक्सलवाद आज भी हमारे बीच रहकर राष्ट्र को अंदर से खोखला कर रहा है। धर्मांतरण और नक्सलवाद एक ही विचारधारा की दो शाखाएं हैं। अतः राज्य को कठोर धर्मांतरण विरोधी कानून लागू कर सख्ती से पालन कराना होगा।” उन्होंने लव जिहाद, गौहत्या, हलाल जिहाद जैसी विकराल समस्याओं की ओर ध्यान आकर्षित करते हुए कहा कि इनका स्थायी समाधान भारत को संवैधानिक रूप से हिन्दू राष्ट्र घोषित करने में निहित है।
घरवापसी अभियान का विस्तार, "छद्म हिंदुओं" पर कड़ी कार्रवाई की मांग : मा. श्री प्रबल प्रताप सिंह जूदेव ने गोवा में आयोजित सनातन राष्ट्र शंखनाद महोत्सव की प्रेरणाओं को साझा करते हुए बस्तर में घरवापसी अभियान शुरू करने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि, “प्रदेश में ‘छद्म हिंदुओं’ को चिन्हित कर उन पर कार्रवाई करने हेतु डी-लिस्टिंग कानून बनना आवश्यक है। मेरे पूज्य पिता स्व. दिलीप सिंह जूदेव जी की प्रेरणा से ही लाखों जनजातीय भाइयों को घरवापसी के माध्यम से सनातन धर्म से जोड़ा। यह कार्य और बढाया जायेगा ।”
रणजीत सावरकर का सम्मान, "ॐ सर्टिफिकेट" मुहिम की सराहना : स्वातंत्र्यवीर सावरकर स्मारक के कार्याध्यक्ष श्री रणजीत सावरकर का अधिवेशन में विशेष सम्मान किया गया। पू. अशोक पात्रीकर जी ने उन्हें भगवान श्रीकृष्ण की प्रतिमा भेंट की। श्री सावरकर ने महाराष्ट्र में हलाल प्रमाणन के विकल्प के रूप में "ॐ सर्टिफिकेट" की शुरूआत की जानकारी दी और छत्तीसगढ़ में भी इसे लागू करने का आह्वान किया।
धर्मांतरण कानून पर परिसंवाद : अधिवेशन के दौरान "धर्मांतरण कानून की आवश्यकता" विषय पर एक परिसंवाद का आयोजन भी हुआ। इसमें श्री सुनील घनवट, पत्रकार योगेश मिश्र, पूर्व पुलिस महानिरीक्षक सुशील द्विवेदी, अधिवक्ता आशीष शर्मा, तथा श्री कमल बिस्वाल जैसे विद्वानों ने सहभाग लिया। उपस्थित हिन्दुत्वनिष्ठों के प्रश्नों का समाधान किया गया और जब तक धर्मांतरण विरोधी कानून लागू नहीं होता, तब तक सतत कार्य करते रहने का संकल्प दोहराया गया।
प्रदर्शनी और संगठनात्मक सहभाग : अधिवेशन में धर्मशिक्षा से संबंधित फलक प्रदर्शनियों, धर्म, अध्यात्म, आयुर्वेद एवं राष्ट्ररक्षा विषयक ग्रंथों की प्रदर्शनी भी लगाई गई, जिसे भारी प्रतिसाद मिला। अधिवेशन के सफल आयोजन में श्री आशीष परिडा, श्री रोहित सिंह, श्री कमल बिस्वाल सहित अनेक कार्यकर्ताओं का विशेष योगदान रहा।
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