(प्रख्यात राष्ट्रवादी चिंतक श्यामा प्रसाद मुखर्जी की पुण्य तिथि पर कुछ पंक्तियाँ सादर निवेदित हैं)
श्यामा प्रसाद मुखर्जी,सांस्कृतिक राष्ट्रवाद के प्रणेता
अहम भूमिका राष्ट्र निर्माण,प्रखर राष्ट्रवादी चिंतन धारा ।
अखंडता अक्षुण्ण प्रयास प्रबल,
व्यक्तित्व अंतर साहस पसारा ।
वैकल्पिक राजनीति मूल स्तंभ,
जनसंघ स्थापना भाव नवेता ।
श्यामा प्रसाद मुखर्जी,सांस्कृतिक राष्ट्रवाद के प्रणेता
।।
स्वतंत्रता हेतु सतत् संघर्ष,
अंग्रेजी शासन विरोध पुरजोर ।
एक देश एक कानून पक्षधर,
राष्ट्र वंदना वैचारिक भोर ।
महान शिक्षाविद् राष्ट्रभक्त,
प्रतिभाशाली अप्रतिम विधिवेत्ता ।
श्यामा प्रसाद मुखर्जी, सांस्कृतिक राष्ट्रवाद के प्रणेता
।।
बापू आग्रह मंत्री पद स्वीकार,
दायित्व उद्योग-आपूर्ति विभाग ।
नेहरू संग वैचारिक मतभेद,
राष्ट्र हित तत्काल पद त्याग ।
हर निर्णय राष्ट्र सशक्ति ओर,
जाबांजी कृतित्व जीवन श्वेता ।
श्यामा प्रसाद मुखर्जी, सांस्कृतिक राष्ट्रवाद के प्रणेता
।।
जम्मू-कश्मीर पश्चिम बंगाल हेतु,
विलय स्वर सदा उग्र ओजस्वी ।
शिक्षा भाषा सुरक्षा संरक्षण,
लघु उद्योग क्षेत्र कृत्य यशस्वी ।
ध्येय एक भारत श्रेष्ठ भारत,
सेवा संग जनमानस विजेता ।
श्यामा प्रसाद मुखर्जी,सांस्कृतिक राष्ट्रवाद के प्रणेता
।।
कुमार महेंद्र
(स्वरचित मौलिक रचना)
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