Advertisment1

यह एक धर्मिक और राष्ट्रवादी पत्रिका है जो पाठको के आपसी सहयोग के द्वारा प्रकाशित किया जाता है अपना सहयोग हमारे इस खाते में जमा करने का कष्ट करें | आप का छोटा सहयोग भी हमारे लिए लाखों के बराबर होगा |

बैंक की राम कथा

बैंक की राम कथा

मुझे तो लूट लिया लोगों
मेरे ही अपने बैंक ने।
जिसने धोकाधड़ी के लेनदेन में
साथ दिया उन हैकरो का।
कितनी भी शिकायतें कर लो
इस डीजिटल वाले युग में।
जिसमें सिर्फ मूर्ख बनते है
हम सब ग्राहक जन ही।।


बड़े बड़े वादे और विज्ञापन
करते है हम सबको लुभाने।
पर हकीकत कुछ और होती है
जब खाते से फ्राड होता है।
लीपा-पोती करती है बैंक
और उसका सिस्टम बस।
फिर ग्राहक के विपरीत ही
अपना निर्णय थोप देते है।।


न सुनते है न ही पढ़ते है
सिस्टम जनरेट मेल भेजता है।
हम बताते लिखते घटना को
और वो सिस्टम की बात करते।
इसलिए खातेदारी सिर पिट लेते
और धोकाधड़ी को भूल जाते।
इस तरह बैंक कर्मचारी अधिकारी
बिना जाँच के केश बंद कर देते।।


जय जिनेंद्र
संजय जैन "बीना" मुंबई
हमारे खबरों को शेयर करना न भूलें| हमारे यूटूब चैनल से अवश्य जुड़ें https://www.youtube.com/divyarashminews #Divya Rashmi News, #दिव्य रश्मि न्यूज़ https://www.facebook.com/divyarashmimag

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ