गौ माता,सनातन संस्कृति का मूल आधार
हिय वसित संपूर्ण देवलोक,समुद्र मंथन अनमोल रत्न ।
पुलकित प्रफुल्लित जीवन,
कर तत्पर परिचर्या प्रयत्न ।
पुनीत पावन दर्शन अनुपमा,
असीम सुख समृद्धि अपार ।
गौ माता,सनातन संस्कृति का मूल आधार।।
सींग शोभा महादेव शंकर ,
उदर शिव सुत कार्तिकेय ।
मस्तक ब्रह्मा ललाट रुद्र,
सींग अग्र इंद्र देव अजेय ।
अश्वनीकुमार विराजित कर्ण,
नयनन सूर्य चंद्र ज्योति विसार ।
गौ माता,सनातन संस्कृति का मूल आधार ।।
दंतस्थ गरुड़ जिह्वा शारदे ,
तैंतीस कोटि दैवीय आगार ।
श्री कृष्ण गौ अति स्नेहिल,
पदमा संग अलौकिक श्रृंगार ।
हिंद संस्कृति संस्कार प्रेरणा,
घर देहरी शुभ मंगल सदाबहार ।
गौ माता,सनातन संस्कृति का मूल आधार ।।
समग्र नागरिक नैतिक धर्म,
गाय माता सेवा दृढ़ संकल्प ।
परिवेश उत्संग संचेतना प्रसार,
गऊ साध्य माध्य काया कल्प ।
तन मन धन योगदान अहम,
राज पटल शीर्ष प्रतिष्ठा निखार ।
गौ माता, सनातन संस्कृति का मूल आधार ।।
कुमार महेन्द्र
(स्वरचित मौलिक रचना)
हमारे खबरों को शेयर करना न भूलें| हमारे यूटूब चैनल से अवश्य जुड़ें https://www.youtube.com/divyarashminews #Divya Rashmi News, #दिव्य रश्मि न्यूज़ https://www.facebook.com/divyarashmimag
0 टिप्पणियाँ
दिव्य रश्मि की खबरों को प्राप्त करने के लिए हमारे खबरों को लाइक ओर पोर्टल को सब्सक्राइब करना ना भूले| दिव्य रश्मि समाचार यूट्यूब पर हमारे चैनल Divya Rashmi News को लाईक करें |
खबरों के लिए एवं जुड़ने के लिए सम्पर्क करें contact@divyarashmi.com