"यात्रा स्मृति से संभावना तक""
हमारा भविष्य जितना कल्पना से परे, अनंत संभावनाओं से भरा हुआ प्रतीत होता है, हमारा अतीत भी उतना ही व्यापक, अनुभवों की स्मृति से ओतप्रोत होता है। दोनों सिरों पर फैली यह समय-रेखा हमें यह सिखाती है कि जीवन कभी भी स्थिर नहीं होता—यह निरंतर प्रवाह में है।
भविष्य हमें आकांक्षाओं, सपनों और नई दिशाओं की ओर खींचता है, जबकि अतीत हमारे अनुभव, शिक्षाएँ और पहचान को समेटे हुए होता है। इन दोनों के मध्य वर्तमान खड़ा है—मौन, लेकिन सबसे शक्तिशाली। यहीं हमारे निर्णय जन्म लेते हैं, यहीं से परिवर्तन की चिंगारी उठती है।
जब हम अतीत से सीख लेकर भविष्य की ओर बढ़ते हैं, और वर्तमान में पूरे होश से जीते हैं, तब हम अपने जीवन को सच्चे अर्थों में आकार देते हैं। इसलिए, न तो अतीत का बोझ बनें और न ही भविष्य की चिंता—बल्कि उस पल को संजोएँ जो आपके पास अभी है, क्योंकि वही आपकी सबसे बड़ी शक्ति है।
. "सनातन"
(एक सोच , प्रेरणा और संस्कार) पंकज शर्मा
(कमल सनातनी)
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