बालू की कमी से बाधित नहीं होंगे कार्य विभागों के निर्माण कार्य : विजय सिन्हा

- राज्य सरकार का कोई भी निर्माण विभाग संबंधित जिले के जिलाधिकारी से ले सकता है बालू के खनन और भंडारण का लाइसेंस
- बरसात को लेकर 15 जून से बालू के उत्खनन पर एनजीटी का तीन महीने तक लगता है प्रतिबंध
राज्य के उप मुख्यमंत्री सह खान एवं भूतत्व मंत्री श्री विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि आने वाले बरसात के मौसम में नदियों से बालू के उत्खनन पर प्रतिबंध लगने के बावजूद राज्य सरकार के किसी भी कार्य विभाग में चल रहे निर्माण कार्य बाधित नहीं होंगे। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार का कोई भी कार्य विभाग संबंधित जिले के जिलाधिकारी और जिला खनन पदाधिकारी से बरसात के दिनों में अपनी परियोजनाओं के लिए बालू के खनन और भंडारण का लाइसेंस जारी करवा सकता है।
इस संबंध में उनके विभाग ने सभी जिलों के जिलाधिकारियों और जिला खनन विकास पदाधिकारियों को आदेश जारी कर दिया है। उन्होंने कहा कि किसी भी कार्य विभाग का कामकाज बालू, गिट्टी और मिट्टी की कमी से बाधित नहीं होगा।
दरअसल, राज्य में सरकार के विभिन्न कार्य विभागों यथा, पथ निर्माण, भवन निर्माण, ग्रामीण कार्य, ग्रामीण विकास, लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण, जल संसाधन और लघु जल संसाधन जैसे विभागों के राज्यभर में चल रहे निर्माण कार्यों में सफेद और पीली बालू की कमी से निर्माण कार्यों में बाधा उत्पन्न होने की आशंका व्यक्त की गई है।
उप मुख्यमंत्री श्री सिन्हा ने बुधवार को अपने कार्यालय कक्ष में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि राज्य सरकार का कोई भी कार्य विभाग बालू और मिट्टी की कमी के कारण निर्माण कार्यों में आने वाली बाधाओं का बहाना नहीं बना सकता है।
खान मंत्री ने कहा कि मुझे कुछ समाचार माध्यमों से जानकारी मिली है कि बरसात के दिनों में नदियों से बालू के खनन पर प्रतिबंध लगने के बाद राज्य में सफेद और पीली बालू की कमी से निर्माण कार्य बाधित हो सकते हैं।
बता दें कि नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) के नियमों के अनुसार आगामी 15 जून से राज्य की सभी नदियों से बालू का उत्खनन बंद कर दिया जाता है। एनजीटी पर्यावरण सुरक्षा की दृष्टि से बरसात में नदियों से बालू के उत्खनन पर तीन महीने तक प्रतिबंध लगा देता है। ऐसे समय में राज्यभर में बालू की कमी महसूस की जाती है।
खान एवं भूतत्व मंत्री ने कहा कि उनके विभाग ने बरसात के मौसम में राज्य के सभी जिलों में बालू के पर्याप्त भंडारण की भी व्यवस्था की है। बालू के भंडारण के लिए भी उनका विभाग लाइसेंस जारी करता है। उन्होंने कहा कि अब राज्य में बालू के लूट का खेल खत्म हो चुका है। पिछले वित्तीय वर्ष 2024-25 में उनके विभाग ने राजस्व वसूली के निर्धारित लक्ष्य से भी अधिक राजस्व की वसूली की है। इससे स्पष्ट है कि राज्य में बालू माफिया की कमर तोड़ दी गई है। उन्होंने कहा कि पिछले वित्तीय वर्ष में बालू घाटों को सरेंडर करने वाले लाइसेंस धारियों के खिलफ सरकार सख्त कदम उठाएगी और उन्हे ब्लैक लिस्ट में डाला जाएगा।
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