Advertisment1

यह एक धर्मिक और राष्ट्रवादी पत्रिका है जो पाठको के आपसी सहयोग के द्वारा प्रकाशित किया जाता है अपना सहयोग हमारे इस खाते में जमा करने का कष्ट करें | आप का छोटा सहयोग भी हमारे लिए लाखों के बराबर होगा |

साड़ी, नारी का निरुपम श्रृंगार

साड़ी, नारी का निरुपम श्रृंगार

हिंद संस्कृति नारी जगत,
देवी तुल्य परम छवि ।
सुसंस्कार मर्यादा वाहिनी,
परंपरा वंदन अनुपम नवि ।
सदियों सह दिव्य शोभना,
परिवार समाज राष्ट्र पहचान साकार।
साड़ी,नारी का निरुपम श्रृंगार ।।


यजुर्वेद ऋग्वेद संहिता उल्लेख ,
साड़ी अंतर मांगलिक महत्ता ।
यज्ञ हवन व्रत उपासना काज,
सशक्त धर्म आस्था सत्ता ।
वासस अधिवासस वैदिक उपमा,
वरिष्ठ मान सम्मान स्नेहिल आधार ।
साड़ी,नारी का निरुपम श्रृंगार ।।


आकार प्रकार शैली सुंदरता,
भोगौलिक रीति अहम बिंदु ।
रूचि अभिरुचि प्रधान घटक,
पारिवारिक मूल्य पैहम सिंधु ।
आत्मविश्वास सहज आरामदायी,
अभिवृद्धि गरिमा शील शान अपार।
साड़ी,नारी का निरुपम श्रृंगार ।।


कांजीवरम बनारसी मधुबनी,
पटोला नौवारी मूंगा रशम चंदेरी ।
गठोड़ा तसर बालूछरी कांथा ,
रशमी हकोबा बंधेज लहरिया महेश्वरी ।
लोक रंग विविधा संज्ञा संबोधन,
परिवेश प्रफुल्लित यौवन सदाबहार ।
साड़ी, नारी का निरुपम श्रृंगार ।।


कुमार महेंद्र
(स्वरचित मौलिक रचना)
हमारे खबरों को शेयर करना न भूलें| हमारे यूटूब चैनल से अवश्य जुड़ें https://www.youtube.com/divyarashminews #Divya Rashmi News, #दिव्य रश्मि न्यूज़ https://www.facebook.com/divyarashmimag

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ