आइए मां आइए
आइए मां आइए, आइए मां आइएछोड़कर कैलाश माता, धरती पर अब आइए।१
प्रार्थना सब कीजिए,अजी प्रार्थना सब कीजिए
आ रहीं हैं महाकाली प्रार्थना सब कीजिए।२
वंदना सब कीजिए अजी वंदना सब कीजिए
आ रहीं हैं महालक्ष्मी वंदना सब कीजिए।३
अर्चना सब कीजिए अजी अर्चना सब कीजिए
आ रही हैं महासरस्वती अर्चना सब कीजिए ।४
अगवानी मां की कीजिए, अगवानी मां की कीजिए
आ रहीं हैं दुर्गे मां, अगवानी मां की कीजिए।५
पितृपक्ष का दिन ये अंतिम सर्वपितृतर्पणं
करके इस महालया में मां का स्वागत कीजिए।६
सिंह पर आरुढ़ हाथों खड्ग चक्र त्रिशूल ले
गदा मूशल परिघ चाप भुशूंडी शस्त्र व अस्त्र ले
दुष्टों का संहार करने महिषमर्दिनी आइए।
आइए मां आइए आइए मां आइए।७।
महिषमर्दिनी मां का अब गुणगान सब मिल कीजिए।
धुम्रलोचन घातिनी का ध्यान सब मिल कीजिए।
रक्तबीज का पानकर्त्री मां को सब मिल ध्याइए।
चंड मुंड संघातिनी का मान सब मिल कीजिए।
आइए मां आइए आइए मां आइए।८
महालय की शुभ घड़ी में आरती शुभ कीजिए।
शंख घंटा मृदंग आदि विविध वाद्य बजाइए।
ढोल शहनाई बजाकर मां का स्वागत कीजिए।
आइए मां आइए आइए मां आइए।९
अपने घर में दिव्य आसन मां के लिए बनाइए
दिव्य आसन पे जगत जननी को अब तो बिठाइए।१०-स्वरचित गीत
(सुशील कुमार मिश्र)
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