सब कोई घर से हमारा के,

सब कोई घर से हमारा के,

कुकुर नियर दुत्कारत बाटे।
एगो माई बिया जे हमरा खातिर,
एक लोटा पानी ले के ठाढ़ बाटे।।
हम का करीं कतहुँ कौनो,
काम धंधा मिलत नइखे।
सर्टिफिकेट लेके घुमत बानी,
केहू ओके देखत नइखे।।
रास्ता किनारे ठेला लगावत बानी,
त पुलिस भगावत बाटे।
हांथ गोड़ जोड़लो पर,
डंडा बरसावत बाटे।।
सरकारी घोषणा सुनत सुनत,
उमर अब बितल जाता।
नौकरी ना भ‌इला से घर में,
टुटल जाता सब नाता।।
पढ़ल लिखल नवयुवकन के,
हमार ज‌इसन आज इहे बा हाल भ‌इल।
सब जागा से दुत्कार छोड़ के,
अब जिनगी में कुछ नइखे रह ग‌इल।। जय प्रकाश कुवंर
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