"एकांत: मनुष्यता की कुंजी"

"एकांत: मनुष्यता की कुंजी"

"जो मनुष्य प्रकृति के सानिध्य में समय बिताता है, वही सच्चा मनुष्य बन पाता है। भीड़भाड़ उसे भेड़ बना देती है।" यह उद्धरण प्रकृति और एकांत के महत्व को दर्शाता है।
यह सच है कि मनुष्य सामाजिक प्राणी हैं, और हमें दूसरों के साथ संबंध बनाने और बातचीत करने की आवश्यकता होती है।
लेकिन, अत्यधिक सामाजिकता और भीड़भाड़ से हमारा मन अशांत हो जाता है।
प्रकृति हमें शांति और एकांत प्रदान करती है, जहाँ हम अपने विचारों और भावनाओं पर ध्यान केंद्रित कर सकते हैं।
एकांत हमें आत्म-अवलोकन करने और अपनी आंतरिक आवाज सुनने का अवसर देता है।
यह रचनात्मकता और प्रेरणा को बढ़ावा देता है, और हमें समस्याओं का समाधान करने में मदद करता है।
प्रकृति में समय बिताने से हमारा तनाव कम होता है और मानसिक स्वास्थ्य बेहतर होता है।
यह हमें प्रकृति से जुड़ने और पृथ्वी के प्रति कृतज्ञता महसूस करने में भी मदद करता है।
अतः, प्रकृति और एकांत मनुष्य के जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
हमें नियमित रूप से कुछ समय अकेले प्रकृति में बिताना चाहिए ताकि हम अपने आप को फिर से खोज सकें और एक बेहतर इंसान बन सकें।
. "सनातन"
(एक सोच , प्रेरणा और संस्कार) 
पंकज शर्मा (कमल सनातनी)
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