हास्य सकारात्मक ऊर्जा का श्रोत

हास्य सकारात्मक ऊर्जा का श्रोत

पटाक्षेप एकल जीवन,
समूह भाव पुरजोर ।
नैराश्य अस्ताचल बिंदु,
आशा संचरण चारों ओर।
तन मन नित सौम्य जवां,
परिवेश खुशियां ओत प्रोत
हास्य सकारात्मक ऊर्जा का श्रोत ।।


गायन कविता चुटकलों संग,
समाविष्ट नाट्य नृत्य कला ।
संकीर्ण मानसिकता विलोप,
अंतर विस्तीर्ण दीप जला ।
सुलझ जाती गुत्थियां सारी ,
जीवन आरूढ़ उत्साह उमंगी पोत ।
हास्य सकारात्मक सोच का श्रोत ।।


योग साधना सम महत्ता,
दैनिक जीवन अभिन्न अंग ।
उद्गम स्थल समस्या समाधान,
श्रृंगार सेतु लोक राग रंग ।
दूर जाति धर्म लिंग विभेद
सदा समता समानता भाव न्योत ।
हास्य सकारात्मक ऊर्जा का श्रोत ।।


मृदुल मधुर विचार प्रवाह,
संप्रेषण पट मैत्री आह्लाद ।
स्नेह प्रेम भाईचारा कारक,
परिवार समाज मुस्कानी संवाद ।
आराधना स्तुति सदृश फलन,
उरस्थ प्रज्वलन आनंद ज्योत ।
हास्य सकारात्मक ऊर्जा का श्रोत ।।


महेन्द्र कुमार
(स्वरचित मौलिक रचना)
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