आँसू छंद नहीं होते हैं

आँसू छंद नहीं होते हैं

आँसू नियम नहीं होते हैं
भावों की अनुभूति है आँसू
कभी ख़ुशी कभी गम होते हैं।


मैंने देखे सुख के आँसू
हँसते गाते झिलमिल आँसू
दुःख मे भी देखे हैं आँसू
दर्द भरे रोते से आँसू।


हुई बिदाई जब बिटिया की
छलक पड़े आँखों से आँसू
गौरव के पल आने पर भी
बह निकले आँखों से आँसू।


कभी किसी की मृत्यु हुई जब
बरबस बहते देखे आँसू
खुशियों के अवसर पर भी तो
रुक न सके आँखों मे आँसू।


दरिया कभी बनाते हैं आँसू
मोती सम पलकों मे आँसू
जार-जार रोते हैं आँसू
बार-बार आते हैं आँसू।


दिल ने जब भी रोना चाहा
सुख गए आँखों के आँसू
प्यार जहाँ इनको मिल पाया
छलक गये आँखों से आँसू।


सुख में भी आँखों मे आँसू
सूरदास के बहते आँसू
ऊँच- नीच का भेद न करते
नर- नारी के आते आँसू।


प्रियतम की चाहत है आँसू
माँ नयनो मे ममता आँसू
भाई बहन का प्यार हैं आँसू
जीवन का श्रृंगार है आँसू।

डॉ अ कीर्तिवर्धन
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