आ रहे हम आपके घर-द्वार

आ रहे हम आपके घर-द्वार

हम हैं आपके दोस्त,रिश्तेदार
आ रहे हम आपके घर-द्वार
घर से नफरत बाहर रखना
देना हमें सिर्फ प्यार ही प्यार।
हम हैं आपके बेटे...l
नहीं चाह जलपान,खाने की
देना हमें प्रेम,सद्व्यवहार
नहीं मूंह फेरना मेरे आते ही
पूछना मेरा हाल,समाचार।
हम हैं आपके बेटे...l
यह जिंदगी है बहुत ही छोटी
रखें सबसे प्रेम सरोकार
मानव ही मानव के काम आता
फिर काहे को लफड़ा,मार।
हम हैं आपके बेटे...l
गर जरूरत पड़े कभी "अकेला" की
करना याद अवश्य एकबार
जीवन में गर आपके काम आउं
हो जायेगा मेरा सपना साकार।
हम हैं आपके बेटे...l
कौन यहाँ रहा अजर अमर
अमर नहीं है यह संसार
दो दिन की यह जिंदगी प्यारे
हंस लो,बोल लो,कर लो प्यार।
हम हैं आपके बेटे...l
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अरविन्द अकेला,
पूर्वी रामकृष्ण नगर,पटना-27
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