काश! राष्ट्र ने नेताजी के सिद्धांत और विचार को क्रियान्वित किया होता--------- डॉ. विवेकानंद

काश! राष्ट्र ने नेताजी के सिद्धांत और विचार को क्रियान्वित किया होता--------- डॉ. विवेकानंद

जीवन की चुनौतियों को सहर्ष स्वीकार करने वाले, शक्ति, साहस और पराक्रम के प्रतीक, राष्ट्रवादी विचारों से कभी समझौता नहीं करने वाले नेताजी सुभाष चंद्र बोस के सिद्धांतों और विचारोंको यदि राष्ट्र ने क्रियान्वित किया होता तो आजादी के बाद भी इसकी ऐसी दुर्दशा नहीं होती।
यह विचार है विभिन्न सामाजिक संगठनों से जुड़े भारतीय राष्ट्रीय ब्राह्मण महासभा एवं कौटिल्य मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ विवेकानंद मिश्रा का। स्थानीय डॉक्टर विवेकानंद पथ में पराक्रम दिवस पर उन्होंने उक्त विचार प्रकट किया।
महासभा एवं मंच के संरक्षक विभिन्न संगठनों से जुड़े सम्मानित साहित्यकार आचार्य राधा मोहन मिश्र माधव ने कहा कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस भारतीय परिष्कृत संस्कृति के प्रतीक पुरुष हैं। देश के युवाओं में राष्ट्र राष्ट्रभक्ति भावना के लिए आज भी प्रासंगिक हैं।
बोधगया स्थित जगतगुरु शंकराचार्य मठ के स्वामी सत्यानंद गिरी जी ने कहा कि देश के युवाओं में राष्ट्रभक्ति की लौ जलाने वाले नेताजी जिनके लहू का एक-एक कतरा राष्ट्र के लिए समर्पित था। उन्होंने राष्ट्र के प्रति कर्तव्य को ईमानदारी से निर्वहन करने हेतु युवाओं को राष्ट्रीय आंदोलन में भाग लेने के लिए प्रेरित किया।
साहित्य महापरिषद के अध्यक्ष डॉ राम सिहासन सिंह ने कहा कि यह दिन साहस को नमन करने का है , युवाओं को नेताजी से प्रेरणा लेने का है।
ज्योतिष शोध संस्थान के निदेशक डा. ज्ञानेश भारद्वाज ने कहा कि राष्ट्र के पौरुष को जाग्रत कर भारत माता की स्मिता की रक्षा में अंतिम दम तक दम-खम से तत्पर रहने वाले अप्रतिम नेता थे। उत्तराखंड भारतीय राष्ट्रीय ब्राह्मण महासभा एवं कौटिल्य मंच के प्रदेश अध्यक्ष पंडित राजेश चंद्र नौटियाल ने सुभाष चन्द्र बोस न अपने महान कृतित्व एवं व्यक्तित्व से वे हमेशा युवाओं के प्रेरणास्रोत बने रहेंगे।
पराक्रम दिवस के अवसर पर आयोजित समारोह में भाग ले रहे मगध बिहार के गौरव भारतीय सीने जगत के महान शख्सियत इंडियन एक्टर और फिल्म प्रोड्यूसर राजेश कुमार (बर्मा गुरवा निवासी ) ने सुभाष चंद्र बोस को नमन करते हुए कहा कि सचमुच नेताजी जिस सम्मान के अधिकारी थे उसे राष्ट्र ने नहीं दिया । जिसके कारण आज विभिन्न समस्याओं से भारत घिरा हुआ है। उन्होंने सुभाष चंद्र बोस की जयंती को प्रधानमंत्री मोदी जी द्वारा पराक्रम दिवस के रूप में निर्णय लेने के लिए भूरी भूरी प्रशंसा किया है। युवाओं को उनसे प्रेरणा लेने की सलाह दी।
अंत में कौटिल्य मंच के सचिव डिंपल कुमारी ने इस अवसर पर उपस्थित लोगों को हार्दिक अभिनंदन करते हुए धन्यवाद ज्ञापित किया।
इस अवसर पर भाग लेकर जिन प्रमुख व्यक्तियों ने अपने विचार व्यक्त किये उनमें मंजू देवी किरण पाठक मनोज कुमार उनियाल अद्यतन भारत के संपादक वरिष्ठ पत्रकार रवि भूषण पाठक पुष्पा गुप्ता रणजीत पाठक सुजीत कुमार देवेंद्र नाथ मिश्रा और रवि भूषण पाठक पवन मिश्रा विक्रम मिश्रा कविता राऊत संगीता कुमारी पुजा तरन्नुम तारा
पुष्प लता रजनी मोहम्मद इरशाद चावला सुनीता देवी नेहा कुमारी पुष्पा गुप्ता मीना दे वी कुमारी नीलम कुमारी ममता देवी सुनीता देवी रेशमा परवीन मोहम्मद सद्दाम फरहद आदि उल्लेखनीय है।

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