भोजपुरी बसल रग में जेकरा

भोजपुरी बसल रग में जेकरा ,

भोजपुरिए जेकर आधार बा ।
भोजपुरी हर राज्य में समाहित ,
भोजपुरिए में बसल प्यार बा ।।
भोजपुरी करेले सबके स्वागत ,
प्रेम बरसावत बड़ा अपार बा ।
भोजपुरी भाषा बा मीठ भाषा ,
भोजपुरिए जीवन के सार बा ।।
बिहार झारखंड आधा यू पी ,
भोजपुरिए प्राण के आधार बा ।
भोजपुरी करेले सत्कार सबके ,
भोजपुरी जेकर उर के उद्गार बा ।।
शिष्ट सभ्य विनम्रता से भरल ,
जीवन में भरल हर आचार बा ।
देश प्रदेश में भोजपुरी बा बसल ,
बचल ना कतहीं इ संसार बा ।।
दुनिया के कोना कोना में घुसल ,
इ भोजपुरिया जन हमार बा ।
आठवीं अनुसूची में करीं शामिल ,
हमार इहे विनती बारंबार बा ।।
भोजपुरियो भारी शब्दकोश बा ,
एक चीज के कई कई नाम बा ।
भोजपुरी भाषा तो लागे अईसे ,
जईसे लागत जाड़ के घाम बा ।।
भोजपुरी भाषा में श्रीराम बसल ,
अयोध्या धाम सुंदर त्यौहार बा ।
भोजपुरी भाषी बा कर जोड़ले ,
सबके स्वागत में तईयार बा ।।
पूर्णतः मौलिक एवं
अप्रकाशित रचना
अरुण दिव्यांश
डुमरी अड्डा
छपरा ( सारण )बिहार ।
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