माँ

माँ

दुनियाँ के सारे रिश्तों में से,
जो रिश्ता है सबसे खास,
करती जिससे प्यार सारी दुनियाँ ,
करती जिसपर अटूट विश्वास,
हम सबकी है सबसे प्यारी,
दुनियाँ में है सबसे न्यारी,
वह है हम सबकी प्यारी माँ,
जिसपर है सबकी आस।


पापा ने जिसे,
अपने घर-ऑगन में लाया,
बुढ़ी दादी ने जिसे,
अपनी पलकों पर बैठाया,
खाते हैं हम सब,
जिनकी हाथों का बना खाना,
होती नहीं जो कभी,
हम सबसे उदास।

पापा,दादी के पीछे,
सदैव वह घुमती,
हम बच्चों को अक्सर,
प्यार से माथा वह चुमती,
गुंजती है जिसकी आवाज,
अपनी घर-आँगन में चहुँओर,
कराती है जो हरदम,
हम बच्चों को पास।


खिलाती है सबको वह खाना,
सबके बाद वह खाती,
नहीं करती उफ-आह कभी,
सबके मन को वह भाती,
आओ करें सभी माँ की इज्जत ,
बैठें कुछ पल उनके पास,
करें सभी अपने माँ की सेवा,
बनायें उनका यह जीवन खास।
----0---- अरविन्द अकेला,पूर्वी रामकृष्ण नगर,पटना-27
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