सुखविंदर सिंह ‘सुक्खू’ हिमाचल के सीएम

सुखविंदर सिंह ‘सुक्खू’ हिमाचल के सीएम

(अशोक त्रिपाठी-हिन्दुस्तान फीचर सेवा)
हिमाचल में कांग्रेस ने गुटबाजी को सुलझाकर सुखबिंदर सिंह सुक्खू को मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठाया है। पार्टी का यह निर्णय अच्छा कहा जा रहा है क्योंकि पूर्व में राजस्थान और मध्य प्रदेश में कांग्रेस हाईकमान के फैसले से गुटबाजी को ही बढ़ावा मिला। यहां तक कि मध्य प्रदेश में सरकार ही चली गयी। हिमाचल में स्व. वीरभद्र सिंह के परिवार की तरफ से दबाव बनाने का प्रयास किया गया अथवा नहीं, यह तो प्रमाण के साथ नहीं कहा जा सकता लेकिन उनके परिवार को ही फिर से सीएम पद सौंपे जाने से गलत संदेश जा सकता था। सुक्खू युवा नेता हैं और छात्र जीवन से ही राजनीति में सक्रिय रहे हैं। कांग्रेस की शुरुआत की संस्कृति में वह रचे-बसे हैं, इसलिए वह पार्टी को मजबूत बनाने का प्रयास करेंगे। राज्य में सबसे बड़ी समस्या गुटबाजी की है। सुक्खू ने इसे स्वीकार नहीं किया लेकिन वे जानते हैं कि सामंजस्य बनाकर ही चलना होगा। इसीलिए जब कांग्रेस हाईकमान ने मुख्यमंत्री पद के लिए सुक्खू का नाम तय किया तब वह स्व. वीर भद्र सिंह के आवास पर गये और उनकी पत्नी प्रतिभा सिंह जी का आशीर्वाद लिया। इस प्रकार गुटबाजी खत्म करने की पहल उनकी तरफ से हो चुकी है। अब सुखबिंदर सिंह ने कहा है कि कैबिनेट की पहली बैठक में ही पुरानी पेंशन योजना को बहाल करने का निर्णय लिया जाएगा। इससे पता चलता है कि सुक्खू चुनाव से पहले संकल्प पत्र में किये गये वादे निभाने में ईमानदारी दिखाएंगे।

हिमाचल प्रदेश में सुखविंदर सिंह सुक्खू ने 11 दिसम्बर को मुख्यमंत्री पद की शपथ ग्रहण की। चार बार के विधायक सुक्खू ने शपथ ग्रहण के बाद कांग्रेस हाईकमान का आभार जताया। सुक्खू ने हिमाचल कांग्रेस की गुटबाजी को लेकर बेबाकी से अपनी बात रखी। सुक्खू ने कहा कि यह खुशी की बात है कि कांग्रेस पार्टी का आम कार्यकर्ता जिसका जीवन एनएसयूआई से शुरू हुआ, आज उसे प्रदेश की बागडोर सौंपी गई है। इसके लिए उन्होंने गांधी परिवार और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे का आभार जताया है। हिमाचल कांग्रेस में कोई गुटबाजी नहीं है। उन्होंने कहा कि बीजेपी कहती थी कि इनका दूल्हा कौन है, मेरी एडवाइज थी कि सामूहिक नेतृत्व में चुनाव लड़ेंगे और कोई चेहरा घोषित नहीं करेंगे। हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस एकजुट इसलिए है, क्योंकि यहां पर संगठन से जुड़े लोगों को आगे रखा गया है। लगभग 35 साल से जो लोग पार्टी का झंडा उठा रहे हैं, वो लोग जीतकर आए हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की विरासत को आगे लेकर जाएंगे। संगठन ही बड़ा होता है।

सुखविंदर सिंह सुक्खू ने हिमाचल प्रदेश के सीएम और मुकेश अग्निहोत्री ने डिप्टी सीएम पद की शपथ ली है। सुखविंदर सुक्खू को हिमाचल के राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ अर्लेकर ने शपथ दिलाई। इस दौरान कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के साथ राहुल-प्रियंका गांधी भी मौजूद रहे। केंद्रीय मंत्री आनंद शर्मा, हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा, हिमाचल प्रदेश के कांग्रेस प्रभारी राजीव शुक्ला, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रतिभा सिंह और वरिष्ठ नेता सचिन पायलट भी शपथग्रहण समारोह में उपस्थित रहे। हिमाचल के डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री ने शपथ ग्रहण करने के बाद कहा, हम पहली कैबिनेट बैठक में जनता से किए गए अपने वादों को पूरा करेंगे। पुरानी पेंशन योजना बहाल होगी। पहले लोग कहते थे कि कांग्रेस किसी भी राज्य में सत्ता में नहीं आएगी, लेकिन आज हमने बीजेपी का रथ को रोक दिया है।

इससे पूर्व शिमला में कांग्रेस विधायक दल की बैठक में सुक्खू को विधायक दल का नेता चुना गया था। दरअसल कांग्रेस में हिमाचल चुनाव जीतने के बाद सीएम पद को लेकर कई दावेदारों के नाम सामने आ रहे थे। कई समर्थक राज्य के पूर्व सीएम वीरभद्र सिंह (दिवंगत) की पत्नी प्रतिभा सिंह को सीएम बनाने की मांग कर रहे थे, लेकिन तमाम खींचतान के बीच कांग्रेस आलाकमान ने सुखविंदर सुक्खू को हिमाचल का नया सीएम बनाया। शपथ ग्रहण के ठीक बाद मंच पर पूर्व सीएम वीरभद्र सिंह( दिवंगत) की तस्वीर पर माल्यार्पण किया गया और सभी नेताओं ने हाथ जोड़कर उन्हें नमन किया। पहाड़ी राज्य के हमीरपुर जिले के नादौन से विधायक सुक्खू ने हाल ही में हुए राज्य चुनावों के लिए कांग्रेस की अभियान समिति का नेतृत्व किया। सुखविंदर को राहुल गांधी की टीम का माना जाता है। हिमाचल प्रदेश के मनोनीत मुख्यमंत्री सुक्खू ने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रतिभा वीरभद्र सिंह से उनके आवास पर मुलाकात की थी। बैठक के बाद, प्रतिभा ने कहा कि आज दोपहर होने वाले शपथ ग्रहण समारोह में भाग लेना उनका प्रमुख कर्तव्य है। उन्होंने कहा, मैं उनके शपथ ग्रहण समारोह में क्यों नहीं शामिल होऊंगी? बिल्कुल, मैं जाऊंगी।

सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहते हैं मुझे खुशी है कि मैं एक साधारण परिवार से होने के बावजूद सीएम बनने जा रहा हूं। मुझे यह मौका देने के लिए मैं कांग्रेस पार्टी और गांधी परिवार का शुक्रगुजार हूं। मेरी मां ने मुझे राजनीति में आने से कभी नहीं रोका। मां के आशीर्वाद के कारण मैं आज यहां पहुंचा हूं। हिमाचल प्रदेश कांग्रेस प्रमुख प्रतिभा सिंह के असंतोष के बारे में पूछे जाने पर, सुक्खू ने कहा, ऐसा कोई असंतोष नहीं है। इससे पहले प्रतिभा सिंह के समर्थकों ने उन्हें मुख्यमंत्री बनाए जाने की मांग को लेकर नारेबाजी की थी। 58 वर्षीय सुक्खू जमीनी स्तर के राजनेता हैं, जो नीचे से ऊपर उठे हैं और पहाड़ी राज्य में व्यापक संगठनात्मक अनुभव रखते हैं। चार बार के विधायक 58 वर्षीय सुक्खू, राज्य में कांग्रेस के पूर्व प्रमुख रहे हैं और एनएसयूआई और युवा कांग्रेस का हिस्सा रहे हैं। वह 2013 से 2019 तक पार्टी की राज्य इकाई के अध्यक्ष रहे। छह बार के मुख्यमंत्री रहे पार्टी के कद्दावर नेता वीरभद्र सिंह को पसंद न आने पर भी वह अपने मन की बात कहने से कभी नहीं हिचके। सुखविंदर सिंह सुक्खू हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस के युवा नेताओं को बढ़ावा देने और संवारने के पक्षधर रहे हैं। मिलनसार स्वभाव वाले सुक्खू का संगठन में लंबे समय तक रहने के कारण पहाड़ी राज्य में व्यापक नेटवर्क है। गांधी परिवार के वफादार माने जाने वाले सुक्खू, छात्र जीवन से ही राजनीति में सक्रिय थे और एनएसयूआई के उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़े थे। वह राज्य में एनएसयूआई और भारतीय युवा कांग्रेस के अध्यक्ष थे। उन्होंने शिमला नगर निगम के लिए चुनाव लड़ा और जीता। सुक्खू ने पहली बार 2003 में नादौन से विधानसभा चुनाव जीता था। भाजपा के प्रेम कुमार धूमल के बाद वे हमीरपुर जिले से दूसरे मुख्यमंत्री होंगे। उनके पैतृक गांव ‘भाबराश् में जश्न मनाया गया। इस जश्न में उनके परिवार और ग्रामीणों के अलावा पार्टी कार्यकर्ताओं ने भाग लिया और लोग ढोल-नगाड़े पर नृत्य करते दिखे। महिलाओं ने स्थानीय गीत गाकर खुशी का इजहार किया। हमीरपुर के एक बार फिर राज्य की सत्ता का केंद्र बनने पर लोग काफी खुश दिखे। यहां गांधी चैक पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने पटाखे फोड़े और मिठाइयां बांटी। नये मुख्यमंत्री के करीबी सुनील शर्मा (बिट्टू) ने कहा कि यह जनता की जीत है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस हमीरपुर को अधुनिक जिले के रूप में परिवर्तित करेगी और इसके विकास में पैसे की कमी आड़े नहीं आएगी।
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