ईरान में हिजाब का विरोध, सरकार की सख्ती बरकरार

ईरान में हिजाब का विरोध, सरकार की सख्ती बरकरार

ईरान में पुलिस हिरासत में हुई छात्रा महसा अमीनी की मौत के बाद से हिजाब के विरोध में हुए प्रदर्शनों पर सरकार लगातार सख्ती से पेश आ रही है। न्यूज एजेंसी एएफपी की एक रिपोर्ट के अनुसार प्रदर्शनों को भड़काने के आरोपों में ईरान ने दो महिला पत्रकारों पर राज्य के खिलाफ दुष्प्रचार का आरोप लगाया है। न्यायपालिका के प्रवक्ता मसूद सेतायेशी ने तेहरान में एक साप्ताहिक ब्रीफिंग में बताया कि निलौफर हमीदी और इलाहेह मोहम्मदी को सरकार के खिलाफ प्रचार करने और राष्ट्रीय सुरक्षा के खिलाफ साजिश रचने के लिए हिरासत में भेज दिया गया है। हाम मिहान अखबार की रिपोर्टर 35 वर्षीय मोहम्मदी को 29 सितंबर को कुर्दिस्तान प्रांत में अमिनी के गृहनगर साकेज में मृतका के अंतिम संस्कार में जाने के बाद गिरफ्तार किया गया था। साथ ही सुधारवादी समाचार पत्र सजांडेगी ने पिछले महीने के अंत में बताया कि अमिनी की मौत या उसके बाद की अशांति की रिपोर्टिंग के लिए 20 से अधिक पत्रकार हिरासत में लिया गया है। तेहरान में 300 से अधिक पत्रकारों ने एक संयुक्त बयान जारी कर अपने सहयोगियों की नजरबंदी और एक वकील तक पहुंच सहित उनके अधिकारों से वंचित करने की आलोचना की है। पत्रकारों का मानना है कि प्रदर्शनों की खबरें बाहरी दुनिया में न जाए इसलिए सरकार लगातार पत्रकारों को हिरासत में ले रही है। न्यायपालिका के अनुसार, विरोध प्रदर्शन शुरू होने के बाद से अब तक 2,000 से अधिक लोगों को आरोपित किया गया है, जिनमें से आधे तेहरान में हैं। ईरान में पुलिस हिरासत में हुई अमीनी की मौत के बाद से हिजाब के विरोध में महीनों से लोग सड़कों पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। हालांकि हिंसक प्रदर्शनों के बावजूद इस्लामिक ईरानी सरकार हिजाब के मामले पर टस से मस होने को तैयार नहीं है।
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