जी 20 में भारत का महत्त्व

जी 20 में भारत का महत्त्व

(डॉ दिलीप अग्निहोत्री-हिन्दुस्तान फीचर सेवा)
एक समय था जब जी 20 शिखर सम्मेलन में भारत की भागीदारी औपचारिकता के निर्वाह तक ही सीमित रहती थी। इसमें विकसित देशों का ही जलवा दिखाई देता था। लेकिन नरेन्द्र मोदी अंतरिक और विदेश नीति ने इस नजरिये को बदल दिया है।विगत आठ वर्षों से जारी इस यात्रा ने दुनिया में भारत का महत्त्व और प्रभाव बढ़ाया है। यह जी 20 जैसे विशिष्ट संघठन में भी परिलक्षित होता है।वस्तुतः अंतरिक मोर्चे पर स्वावलंबी और आत्मनिर्भर बनने की कार्य योजना भारत को नए मुकाम पर पहुँचा रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने न्यू इंडिया का रोडमैप बनाया था। जिसमें भारत को विकसित देशों की श्रेणी में पहुंचाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया था। इसके साथ ही गरीबों, किसानों, छोटे व्यवसायियों का जीवन स्तर सुधारने का भी संकल्प लिया गया था। पिछले कार्यकाल में मोदी सरकार ने इस दिशा में अनेक योजनाएं लागू की थी। इनके सकारात्मक परिणाम भी देखने को मिले थे।

जनधन खातों से लेकर उज्ज्वला, प्रधानमंत्री आवास योजना, प्रत्येक घर तक बिजली पहुंचाने की योजना, सौर ऊर्जा योजना, किसान सम्मान योजना, शौचालय निर्माण योजना, मुद्रा बैंक योजना, कौशल विकास योजना, स्टार्ट अप, मृदा परीक्षण, योजना, शहरी व ग्रामीण सड़क निर्माण योजना जैसी अनेक योजनाओं में अभूतपूर्व कार्य किये गए थे। पिछले कार्यकाल में ही भारत दुनिया की छठी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था वाला देश बन गया था। अब इसके आगे की यात्रा तय करनी है। अब भारत ने ब्रिटेन को भी पीछे छोड़ दिया है। जबकि यूपीए सरकार में भारत ग्यारहवें स्थान पर था। उस समय अर्थव्यवस्था में निराशा और नीतिगत पंगुता का दौर था। ऐसे में ग्यारहवीं रैंक से भी नीचे आने का खतरा था। लेकिन मोदी सरकार ने कठोर उपाय किये, जिससे दुगनी से ज्यादा छलांग मिली थी। मोदी सरकार ने अर्थव्यवस्था को जो मुकाम दिया, वहां तक पहुंचने में पिछली सरकारों को पांच दशक लगे थे। मोदी सरकार ने प्रभावी कदमों के माध्यम से यह उपलब्धि हासिल की थी। उसने नीति आयोग का गठन किया था। केंद्र राज्य संबंधों में गतिशीलता, सहकारी संघवाद, जीएसटी परिषद् और राजकोषीय अनुशासन की व्यवस्था को लागू किया था। नरेंद्र मोदी जानते हैं कि किस प्रकार देश को विकसित बनाया जा सकता है। गरीबों को सशक्त बनाने और युवाओं को बेहतर भविष्य देने का कार्य किया जा रहा है। डिजिटल पेमेंट को प्रोत्साहन मिल रहा है।गरीबों तक उनका हक सीधे पहुंच रहा है। कृषि के बुनियादी ढांचे में निवेश के द्वारा अभूतपूर्व बदलाव किया जा रहा है। जिससे किसानों की आमदनी दोगुनी हो सकेगी।

राष्ट्रीय राजमार्ग कार्यक्रम का पुनर्गठन किया गया।जिससे राष्ट्रीय राजमार्ग ग्रिड का लक्ष्य पूरा होगा। मीडिया, विमानन, बीमा ओर एकल ब्रांड खुदरा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के नियम उदार बनाये गये।

विगत वित्त वर्ष में चैंसठ अरब डॉलर से अधिक का प्रत्यक्ष निवेश आया था। प्रत्येक ग्रामीण परिवार में बिजली का कनेक्शन और स्वच्छ ईधन आधारित रसोई सुविधा होगी। इसके अलावा 2024 तक प्रत्येक घर में पेयजल आपूर्ति की व्यवस्था कर दी जाएगी। अंतरिक्ष क्षेत्र में क्षमता का वाणिज्यिक रूप से उपयोग के लिये न्यू स्पेस इंडिया लिमिटेड नाम से नए सार्वजनिक उपक्रम का गठन किया गया है, इसका मकसद इसरो के लाभ का पूरा उपयोग करना है। दलहन के बाद अब तिलहन क्षेत्र में भी उत्पादन क्रांति लाई जाएगी। किसानों को ऑनलाइन विपणन सुविधा प्रदान की जाएगी। जिससे उन्हें उचित लाभ मिलेगा। न्यू इंडिया के निर्माण में तेजी लाई जाएगी। लालफीताशाही को समाप्त किया जाएगा। पिछले पांच वर्षों के दौरान इसमें बहुत कमी आई है। इस वर्ष तक करीब दो करोड़ पात्र गरीब परिवारों को प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत घर उपलब्ध करा दिए जाएंगे। पिछले पांच वर्षों में एक करोड़ से अधिक गरीब परिवारों को मकान उपलब्ध कराये गए। करीब तीन करोड़ खुदरा व्यापारियों और दुकानदारों के लिये पेंशन योजना दी जाएगी। पांच अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था का लक्ष्य हासिल करने के लिये बुनियादी ढांचा, डिजिटल अर्थव्यवस्था में भारी निवेश और रोजगार सृजन पर जोर दिया जाएगा। भारतमाला, सागर माला योजना को भी आगे बढ़ाया जा रहा है। बुनियादी सुविधाओं में सौ लाख करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा। मध्यम वर्ग को पैंतालीस लाख का घर खरीदने पर डेढ़ लाख रुपये की अतिरिक्त छूट मिल रही है।

दुनिया की समृद्ध महाशक्तियों के समूह जी-20 का अध्यक्ष अब भारत बन गया है। इंडोनेशिया के बाली में आयोजित दो दिवसीय शिखर सम्मेलन के समापन समारोह में इंडोनेशिया के राष्ट्रपति जोको विडोडो ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जी-20 समूह का नेतृत्व सौंपा। प्रधानमंत्री मोदी ने भी इसे गर्व का क्षण करार दिया। समापन समारोह में इंडोनेशिया के राष्ट्रपति जोको विडोडो ने औपचारिक रूप से भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को जी-20 समूह की

अध्यक्षता का जिम्मा सौंपा। भारत एक दिसंबर से आधिकारिक तौर पर जी-20 की अध्यक्षता ग्रहण करेगा। इस मौके पर भारतीय प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि जी-20 का नेतृत्व करना हर भारतीय के लिए गर्व की बात है। भारत के विभिन्न शहरों और राज्यों में दी-20 समूह की गतिविधियों से जुड़ी बैठकें आयोजित की जाएंगी। इस दौरान अतिथियों को भारत की अद्भुत, विविध व समावेशी परंपराओं के साथ सांस्कृतिक समृद्धि का पूरा अनुभव मिलेगा।

वर्ष 2008 में आई आर्थिक मंदी के बाद जी-20 समूह का गठन हुआ था। वैश्विक स्तर पर आर्थिक मामलों में सहयोग के लिए ये समूह काम करता है। जी-20 शिखर सम्मेलन हर साल आयोजित किया जाता है। जी-20 शिखर सम्मेलन के दौरान एक तरह से वैश्विक अर्थव्यवस्था का एजेंडा तय किया जाता है। जी-20 समूह में दुनिया के शीर्ष अर्थव्यवस्था वाले 19 देश और यूरोपीय संघ शामिल है।

भारत और यूरोपीय संघ के अलावा अमेरिका, अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्रिटेन, ब्राजील, कनाडा, चीन, दक्षिण अफ्रीका, दक्षिण कोरिया, इटली, फ्रांस, जर्मनी, इंडोनेशिया, जापान, मैक्सिको, रूस, सऊदी अरब और तुर्की जी-20 समूह के सदस्य हैं। इंडोनेशिया से अध्यक्षता संभालने के बाद अब भारत अगले एक साल तक जी-20 समूह का नेतृत्व करेगा। अगले वर्ष 2023 में जी-20 शिखर सम्मेलन की मेजबानी भारत करेगा और राजधानी दिल्ली में नौ और दस सितंबर को अगला जी-20 शिखर सम्मेलन आयोजित किया जाएगा। वस्तुतः भारत ने नवोन्मेषी तकनीक और प्रतिभा के वैश्वीकरण को सुनिश्चित किया है। भारत में, प्रौद्योगिकी-समानता और सशक्तिकरण की एक शक्ति है। भारत की तकनीक और नवप्रवर्तन ने पहले ही दुनिया को प्रभावित किया है। छोटे व्यवसायों को एक बड़ा ग्राहक खोजने में मदद की है। इससे भ्रष्टाचार की गुंजाइश भी कम हुई है। इस तकनीक ने ऑनलाइन निविदा में मदद की है। इससे परियोजनाओं में तेजी आई है और पारदर्शिता बढ़ी है। इसने पिछले वर्ष एक ट्रिलियन रुपये के खरीद मूल्य के आंकड़े तक पहुंच बनाई है। भारत अगले कुछ वर्षों में बुनियादी ढांचे में सौ ट्रिलियन रुपये से अधिक का निवेश कर रहा है। अब भारत निवेशकों के लिए पसंदीदा स्थहल बन चुका है। हमारे खबरों को शेयर करना न भूलें| हमारे यूटूब चैनल से अवश्य जुड़ें https://www.youtube.com/divyarashminews https://www.facebook.com/divyarashmimag

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