भगवा बनाम बसंती का द्वन्द्व

भगवा बनाम बसंती का द्वन्द्व

(अशोक त्रिपाठी-हिन्दुस्तान फीचर सेवा)

  • भाजपा के भगवा रंग का मुकाबला करने के लिए आम आदमी पार्टी ने बदली रणनीति।
  • आम आदमी वाली टोपी की जगह ओढ़ा बसंती चोला।
  • मनीष सिसोदिया व सत्येन्द्र जैन की तुलना केजरीवाल ने शहीद भगत सिंह से की।

राजनीति करना अब सभी के वश की बात नहीं है। कम से कम हमारे देश की राजनीति को लेकर तो यही कहा जा सकता है। अभी गत 17 अक्टूबर को आम आदमी पार्टी के नेता और दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसेदिया को सीबीआई ने पूछतांछ के लिए अपने कार्यालय में तलब किया था। इसके विरोध में आम आदमी कार्यकर्ता और नेता सीबीआई कार्यालय के सामने विरोध कर रहे थे। इस विरोध प्रदर्शन में एक खास बात देखी गयी। आम आदमी पार्टी के लोग अब तक अपनी पहचान वाली टोपी लगाकर प्रदर्शन करते थे लेकिन इस प्रदर्शन में नेता और कार्यकर्ता पीला पटका धारण किये थे ठीक उसी प्रकार जैसे भाजपा के लोग भगवा पटका धारण करते हैं। मनीष सिसोदिया भी रोड शो करते समय बसंती चोला धारण कर भगत सिंह का उल्लेख करते हुए कह रहे थे भाजपा के अत्याचार से वे डरने वाले नहीं हैं। इस प्रकार भगत सिंह का नारा ‘मेरा रंग दे बसंती चोला...’ को सियासत के मैदान में उतारा जा रहा है। यह सब गुजरात विधानसभा चुनाव को लेकर किया जा रहा है जहां भाजपा के मुकाबले में आम आदमी पार्टी को माना जा रहा है। कांग्रेस तीसरे स्थान पर खिसक गयी है। हालांकि पीएम मोदी ने जनता तक यह संदेश पहुंचाने का प्रयास किया है कि कांग्रेस का प्रचार साइलेंट है और उससे बीजेपी कार्यकर्ता सावधान रहें। इसका भी मकसद आम आदमी पार्टी को कमजोर करने से लगाया जा रहा है।

दिल्ली की नई शराब नीति मामले की जांच कर रही केंद्रीय जांच ब्यूरो 17 अक्टूबर को दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया से पूछताछ कर रही थी। राजधानी के एलजी विनय कुमार सक्सेना ने शराब नीति में अनियमितताओं की सीबीआई जांच की सिफारिश की है। आबकारी घोटाला मामले में सीबीआई ने दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को पूछताछ के लिए बुलाया था। समन मिलने के बाद मनीष सिसोदिया ने ट्वीट किया। अपने ट्वीट में उन्होंने लिखा कि उनके घर पर 14 घंटे सीबीआई की रेड कराई गई, लेकिन कुछ नहीं निकला। उन्होंने कहा कि उनके लॉकर की तलाशी ली उसमें भी कुछ नहीं निकला है। उनके गांव में भी उन्हें कुछ नहीं मिला है। इस प्रकार वह अपने को बेगुनाह बता रहे हैं। मनीष सिसोदिया के आवास पर कार्यकर्ताओं के जुटने की आशंका के चलते ही धारा 144 लगाने के साथ दिल्ली पुलिस और अर्धसैनिक बल की भारी तैनाती भी की गई। सीबीआई द्वारा समन जारी किये जाने पर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने केंद्र के खिलाफ अपनी सरकार की लड़ाई को ‘दूसरा स्वतंत्रता संघर्ष बताया और आम आदमी पार्टी (आप) के नेता मनीष सिसोदिया तथा सत्येंद्र जैन की तुलना शहीद भगत सिंह से की।

आप ने आरोप लगाया कि यह कदम आगामी गुजरात विधानसभा चुनाव से पहले उठाया गया है। आप ने दावा किया कि राज्य में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से उसका सीधा मुकाबला है। यह प्रतिक्रिया, आबकारी नीति बनाने और उसके क्रियान्वयन में कथित भ्रष्टाचार के सिलसिले में सीबीआई द्वारा उपमुख्यमंत्री सिसोदिया को पूछताछ के लिए तलब किये जाने के बाद आई थी। केजरीवाल ने एक ट्वीट में कहा, ‘‘जेल की सलाखें और फाँसी का फंदा भगत सिंह के बुलंद इरादों को डिगा नहीं पाये। यह आजादी की दूसरी लड़ाई है। मनीष (सिसोदिया) और सत्येंद्र (जैन) आज के भगत सिंह हैं। 75 साल बाद देश को एक ऐसा शिक्षा मंत्री मिला, जिसने गरीबों को अच्छी शिक्षा देकर सुनहरे भविष्य की उम्मीद जगाई। करोड़ों गरीबों की दुआएं इनके साथ हैं। प्रदर्शनकारी पीला पटका क्यों पहले थे, यह साफ हो गया।

सत्येंद्र जैन को धन शोधन के आरोप में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने 30 मई को गिरफ्तार किया था। सीबीआई ने इसी मामले में इंडो स्पिरिट्स के मालिक समीर महेंद्रू, गुरुग्राम स्थित बडी रिटेल प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक अमित अरोड़ा और इंडिया अहेड न्यूज के प्रबंधक निदेशक मूथा गौतम समेत कई लोगों से पूछताछ की है। सीबीआई ने मामले में आम आदमी पार्टी (आप) के नेता एवं ‘ओनली मच लाउडर के पूर्व मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) विजय नायर और हैदराबाद के एक व्यापारी अभिषेक बोइनपल्ली को गिरफ्तार भी किया है। बोइनपल्ली के साझेदार अरुण पिल्लई का नाम मामले में सीबीआई द्वारा दर्ज प्राथमिकी में बतौर आरोपी दर्ज है।

इस प्रदर्शन की तुलना 8 अप्रैल को राजस्थान के सीकर शहर में रामनवमी की विशाल भगवा रैली से किया जा रहा है। कलक्टर अविचल चतुर्वेदी ने रैली से दो दिन पहले जिले में धारा 144 लागू कर दी। जिसके तहत जिलेभर में रैली, प्रदर्शन व जुलूस पर पाबंदी लगा दी गई। इसके बाद भगवा रैली निकली बाद में दिल्ली बीजेपी के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने अरविंद केजरीवाल सरकार की आबकारी नीति को लागू करने में कथित अनियमितता को लेकर आम आदमी पार्टी के दफ्तर के पास प्रदर्शन किया था। गुजरात में एबीपी न्यूज ने सी वोटर्स के साथ मिलकर सर्वे किया है। इस सर्वे में सवाल पूछा गया कि राज्य में ढाई दशक से भी ज्यादा समय से सत्तारूढ़ बीजेपी का मुकाबला इस बार राज्य में किस पार्टी से है? ऐसे में प्रदेश की मुख्य विपक्षी पार्टी की रैंकिग ने चैंका दिया है। जवाब में 47 प्रतिशत लोगों ने आम आदमी पार्टी की बढ़त दिखाई है तो वहीं 41 प्रतिशत लोगों ने कांग्रेस की बढ़त दिखाई है तो वहीं 12 प्रतिशत लोगों ने इससे इंकार कर दिया है।
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