साहित्यकार मार्कण्डेय शारदेय के निबन्ध-संग्रह सांस्कृतिक तत्त्वबोध का हुआ लोकार्पण

साहित्यकार मार्कण्डेय शारदेय के निबन्ध-संग्रह सांस्कृतिक तत्त्वबोध का हुआ लोकार्पण

पटना सोमवार को बिहार हिन्दी साहित्य सम्मेलन में, आहूत हिन्दी पखवारा एवं पुस्तक-चौदस मेला के पाँचवे दिन आयोजित आचार्य श्यामनंदन किशोर जयंती समारोह के अवसर पर, वरिष्ठ साहित्यकार मार्कण्डेय शारदेय के निबन्ध-संग्रह सांस्कृतिक तत्त्वबोध का लोकार्पण किया गया। पुस्तक पर अपना विचार रखते हुए, संस्कृत और हिन्दी के मनीषी विद्वान भवनाथ झा ने कहा कि वर्तमान युग में जिस प्रकार मनुष्यता का क्षरण हो रहा है, उसे रोकने में, मार्कण्डेय जी का यह लोकार्पित ग्रंथ अत्यंत प्रभावी है। उन्होंने कहा कि सांप्रदायिक द्वेष-युक्त धारणाएँ, समाज के लिए अत्यंत घातक है। इस प्रकार की धारणाएँ धर्म और इतिहास के अर्थ को विरूपित कर रही हैं।

अध्यक्षता करते हुए सम्मेलन अध्यक्ष डा अनिल सुलभ ने कहाकि सांस्कृतिक तत्व बोध केवल एक निबन्ध संग्रह नहीं अपितु सनातन धर्म का सार भी है | सम्मेलन के उपाध्यक्ष डा शंकर प्रसाद, प्रो आर सी सिन्हा, डा मधु वर्मा, कवि बच्चा ठाकुर, कुमार अनुपम, निर्मला सिंह, डा शालिनी पांडेय, चंदा मिश्र, सदानंद प्रसाद, जय प्रकाश पुजारी, डा रेखा सिन्हा, डा विनय कुमार विष्णुपुरी, डा पंकज प्रियम तथा शुभचंद्र सिंहा ने भी अपने विचार व्यक्त किए। मंच का संचालन सुनील कुमार दूबे ने तथा धन्यवाद-ज्ञापन कृष्णरंजन सिंह ने किया।
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