नफरत की दुनियाँ छोड़कर,प्यार की बात करें :-अकेला

नफरत की दुनियाँ छोड़कर,प्यार की बात करें :-अकेला

औरंगाबाद,(दिव्य वाणी)।हिन्दी दिवस की पूर्व संध्या पर औरंगाबाद जिला की सामाजिक व साहित्यिक संस्था जन विकास केन्द्र,जनेश्वर विकास केन्द्र एवं साहित्य संवाद के संयुक्त तत्वाधान में जिला मुख्यालय स्थित अधिवक्ता भवन में आयोजित कवि गोष्ठी में खूब जमीं कवियों की महफिल,जिसमें हिन्दी साहित्य के सुधी श्रोता खूब गोता लगाते रहे।
औरंगाबाद जिले के वरिष्ठ कवि कालिका सिंह की अध्यक्षता,वरीय अधिवक्ता एवं वरीय कवि श्री राम राय के संयोजन में आयोजित कवि गोष्ठी में वरीय हास्य- व्यंग्य के कवि अरविन्द अकेला ने कवि गोष्ठी का संचालन करते हुए कहा मंच पर उपस्थित कवियों व श्रोताओं की ओर मुखातिब होकर कहा "आओ अंधेरों की बस्ती में,प्रकाश की बात करें,नफरत की दुनियाँ छोड़कर प्यार की बात करें।
नवोदित शायर मोजाहिद हुसैन गौहर ने अपने रब से फरियाद करते हुए कहा-:दुवा है कुदरत मेहरबान हो जाये,मायूस चेहरे पर मुस्कान आ जाये।युवा कवि चंदन कुमार पाठक ने अपनी मन की टीस को व्यक्त करते हुए कहा-:आग लगल हे मन उपवन में,कईसे इसे बुझाऊँ जी,नयनों में नहीं आँसु बचल हे,कोयल हे कुहकावत जी। युवा कवि धर्मेन्द्र कुमार सिंह ने अपनी कविता के माध्यम से लोगों के मन को गुदगुदाते हुए कहा-:"नौकरी छोड़कर घर आजा हमार पिया,भलेही खाईब हम नून,रोटी सतुआ,पिया भलई नहीं माजा हमार पिया।
वरीय कवि एवं शिक्षक ने हिन्दी दिवस पर लिखी अपनी कविता से लोंगो के दिलों पर छाप छोड़ते हुए कहा-:"हिन्दी पढ़िये हिन्दी लिखिये,और हिन्दी हीं बोलिये,मीठी भाषा हिन्दी भाषा, सबके हृदय में धोलिये"।
हिन्दी साहित्य के वरिष्ठ कवि रामकिशोर सिंह ने अपनी रचना की इन पंक्तियों "मैन हिन्दी हूँ,मैं हिन्दी हूँ,विश्व साहित्य की मैं बिन्दी हूँ, कालिका सिंह ने अपनी रचना "यह नदी,वह नदी एवं युवा कवि राजेन्द्र पाठक ने "अपनी पुस्तक "कविता का बाप " पुस्तक की इन पंक्तियों " साहित्य की इस कचहरी में,मामला जो दर्ज था,एक तरफ कविता खड़ी,दूजा कवि खुदगर्ज था" सुनाकर अपनी अमिट छाप छोड़ी वहीं वरीय कवि संजय कुमार सिंह,रमेश कुमार,लालदेव सिंह की कविता काफी सराही गयी। वरीय सामाजिक कार्यकर्ता इरफान फातमी ने औरंगाबाद के मशहूर दिवंगत शायर प्रदीप रौशन की कई रचना को सुनाकर उनकी समृति को जीवंत कर दिया।
इस कवि गोष्ठी का उद्घाटन महोत्सव पुरुष सिद्धेश्वर विद्यार्थी,अरविन्द अकला,श्री राम राय,राम जी सिंह,प्रेमेंद्र कुमार मिश्र एवं इरफान अहमद फातमी एवं जय प्रकाश ने दीप प्रज्वलित कर किया।
इस कवि गोष्ठी में ज्योतिषविद शिवनारायण सिंह, युवा संचालक उज्जवल रंजन सिंह,रमेश कुमार , राजेन्द्र सिंह एवं प्रणव कुमार सिंह की उपस्थिति देखने को मिली।
----0---- अरविन्द अकेला
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