तेलंगाना में होगा घमासान

तेलंगाना में होगा घमासान

(अशोक त्रिपाठी-हिन्दुस्तान समाचार फीचर सेवा)

तेलंगाना के हैदराबाद शहर में 2 जुलाई से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की कार्यसमिति की बैठक हुई। ये बैठक दो दिनों तक चली। इससे पूर्व आपरेशन महाराष्ट्र पूरा किया गया। कार्य समिति की बैठक के जरिए तेलंगाना में पार्टी की पैठ बढ़ाने पर मंथन किया गया। बीजेपी ने मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव के नेतृत्व वाली सरकार पर भी तीखा हमला किया और कहा कि उनके सत्ता से जाने की उलटी गिनती शुरू हो गई है। इसका जवाब भी मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव ने दे दिया। केसीआर ने कहा भाजपा हमारी सरकार गिरा कर देखे हम केंद्र की सरकार गिरा देंगे। फिलहाल भाजपा ने तेलंगाना को घेरने का अभियान तो शुरू ही कर दिया है। इसमें हैदराबाद का नाम भाग्यनगर रखने और तेलंगाना को अलग राज्य बनाने का श्रेय लेने का प्रयास प्रमुख हैं। कर्नाटक के बाद तेलंगाना और आन्ध्र प्रदेश भाजपा के टारगेट में हैं। हैदराबाद में राष्ट्रीय कार्य समिति की बैठक का असली मकसद भी यही था। उधर तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव ने भी भाजपा पर जवाबी हमला सुनियोजित ढंग से शुरू किया। इसी के तहत 17 जुलाई को टीआरएस सांसदों को राज्य के प्रति केंद्र सरकार के ‘पक्षपातपूर्ण रवैये’ का कड़ा विरोध करने के लिए संसद के दोनों सदनों में आवाज उठाने का निर्देश दिया गया।

संसद का मॉनसून सत्र 18 जुलाई से शुरू हो गया है ।इसी के मद्देनजर राव ने तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) संसदीय दल की बैठक की थी। टीआरएस सांसदों को निर्देश दिया गया कि वे संसद सत्र के दौरान केंद्र द्वारा पेश किए जाने वाले किसी भी ‘जनविरोधी’ विधेयक को अस्वीकार करें। राव ने आरोप लगाया कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) सरकार द्वारा अपनाई जा रही ‘‘जनविरोधी नीतियों’’ के कारण कई क्षेत्रों में विकास ठप है। इस बीच एक सर्वे भी हो चुका है । सर्वे के अनुसार, अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव में राज्य में बीजेपी और टीआरएस के बीच कांटे की टक्कर हो सकती है। निजी तौर पर कराए गए एक ताजा सर्वे में टीआरएस को 38.88 प्रतिशत और बीजेपी को 30.48 प्रतिशत मत मिलने की संभावना जताई गयी है । इस प्रकार सत्तारूढ टीआरएस भाजपा से आगे तो है लेकिन अंतर ज्यादा नहीं है । मुख्यमंत्री राव ने इसीलिए भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्रीय सरकार पर आरोप लगाया कि वित्तीय मुद्दों पर केंद्र और तेलंगाना से संबंधित गोपनीय जानकारी भाजपा के सोशल मीडिया समूहों को लीक की जा रही है। राव के मुताबिक, तेलंगाना उन आठ राज्यों में से एक है, जो देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में अधिकतम योगदान करते हैं। मुख्यमंत्री ने दावा किया कि राजकोषीय उत्तरदायित्व और बजट प्रबंधन अधिनियम (एफआरबीएम) की सीमा के तहत, तेलंगाना 53,000 करोड़ रुपये उधार लेने के योग्य हैं, लेकिन बाद में केंद्र ने इसे घटाकर 23,000 करोड़ रुपये कर दिया। राव ने सांसदों से संसद में भाजपा के ‘असली रंग’ को ‘उजागर’ करने को कहा।

भाजपा की राष्ट्रीय कार्य समिति की बैठक से पहले ही बीजेपी महासचिव तरुण चुग ने राव पर हमला करते हुए कहा कि वह 3000 दिन से अधिक के अपने कार्यकाल के दौरान 30 घंटे के लिए भी अपने कार्यालय नहीं गए।चुग ने कहा कि उन्होंने समय रंगीन शाम बिताने, पारिवारिक शासन को बढ़ावा देने में गुजारा और उन लोगों की अनदेखी की, जिन्होंने राज्य के गठन के लिए बलिदान दिया है। राष्ट्रीय कार्य समिति की बैठक से जुड़ी कुछ प्रमुख बातें इस प्रकार हैं- बीजेपी ने राज्य के 119 विधानसभा क्षेत्रों में अपने नेताओं को जमीनी हालात जानने के लिए भेजा है। कार्यसमिति की बैठक समाप्त होने के ठीक बाद तीन जुलाई को एक जनसभा आयोजित की गयी, जिसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संबोधित किया। पार्टी ने एक प्रदर्शनी का भी आयोजन किया, जिसमें राज्य की संस्कृति, हस्तशिल्प, निजामों के शासन के खिलाफ तेलंगाना का मुक्ति संघर्ष और तेलंगाना को राज्य का दर्जा दिलाने में बीजेपी की भूमिका का प्रदर्शन किया गया । इस प्रदर्शनी में निजामों द्वारा किए गए अत्याचार की दास्तान को भी प्रदर्शित किया गया था। बताते हैं कि लाखों लोगों के अलावा राज्य भर के 35,000 से अधिक बूथ के बीजेपी कार्यकर्ता प्रधानमंत्री मोदी की जनसभा में शामिल हुए। यहां 18 साल बाद पार्टी की राष्ट्रीय कार्यसमिति की बैठक आयोजित की गयी थी।

ध्यान रहे कि राष्ट्रीय कार्यकारिणी निर्णय लेने वाली पार्टी की प्रमुख इकाई है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यसमिति की बैठक में तेलंगाना में पार्टी की पैठ बढ़ाने पर जोर दिया गया। बैठक की तैयारियों के मद्देनजर भाजपा के नेताओं ने तेलंगाना के सभी 119 विधानसभा क्षेत्रों में पार्टी कार्यकर्ताओं से संवाद किया। पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि भाजपा केंद्र के अलावा 17 राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों में अपने दम पर या सहयोगी दलों के साथ शासन कर रही है, अभी भी कुछ राज्य ऐसे हैं जहां उसकी स्थिति कमजोर है। भाजपा की रणनीति के केंद्र में वे राज्य होंगे, जहां कांग्रेस या विपक्षी दलों का शासन है। भाजपा इस बात से भी उत्साहित है कि राज्य में वह मुख्य मुकाबले में है। यह बात एक सर्वे में पता चली है ।सर्वे के अनुसार, राज्य में विधान सभा चुनाव में बीजेपी और टीआरएस के बीच कांटे की टक्कर हो सकती है। निजी तौर पर कराए गए एक ताजा सर्वे में, टीआरएस को 38.88 प्रतिशत, बीजेपी को 30.48 प्रतिशत, कांग्रेस को 23.71 प्रतिशत और अन्य को 6.91 प्रतिशत वोट मिलने का दावा किया गया है।तेलंगाना में अगले साल विधानसभा के चुनाव होने वाले हैं और अब जनता का मूड परखने के लिए सर्वेक्षण किए जा रहे हैं। विभिन्न सर्वेक्षणों के नतीजों के कारण राज्य में राजनीतिक सरगर्मी तेज हो गई है और तीनों प्रमुख दलों- सत्तारूढ़ तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस), विपक्षी कांग्रेस और बीजेपी अगली सरकार बनाने का दावा कर रहे हैं। सर्वे से जाहिर है कि टीआरएस एक बार फिर बड़ी पार्टी बन सकती है लेकिन उसके वोट शेयर में 8 फीसदी तक गिरावट हुई है जबकि बीजेपी का वोट शेयर 23.5 फीसदी बढ़ सकता है। वर्ष 2018 में हुए चुनाव में 119 विधानसभा सीटों में से टीआरएस को 46.9 प्रतिशत वोट प्राप्त हुए थे और उसने 88 सीटें जीती थीं। कांग्रेस को 28.4 प्रतिशत वोट मिले थे और उसे 19 सीटों पर विजय मिली थी जबकि बीजेपी को केवल एक सीट से संतोष करना पड़ा था।अन्य दलों के विधायकों के शामिल होने के बाद टीआरएस के विधायकों की संख्या 102 हो गई है और उपचुनाव में जीत हासिल कर बीजेपी ने दो विधायकों की बढ़त हासिल की है। एक अन्य एजेंसी की ओर से कराए गए सर्वेक्षण के अनुसार, आगामी चुनाव में टीआरएस को 39.5 प्रतिशत वोट (56-59 सीटें) मिल सकते हैं।कांग्रेस को 31 प्रतिशत मत (37-39 सीटें) और बीजेपी को 21 प्रतिशत वोट (17 सीटें) मिल सकते हैं। टीआरएस के कार्यकारी अध्यक्ष के टी रामा राव ने दावा किया है कि 2023 विधानसभा चुनाव में 90 से ज्यादा सीटों पर जीत हासिल कर उनकी पार्टी फिर से सरकार बनाएगी। चंद्रशेखर राव के नेतृत्व वाली तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) 2014 से सत्ता में है। तेलंगाना सरकार में मंत्री रामा राव ने कहा कि कांग्रेस और बीजेपी की ओर से हाल में कराए गए सर्वेक्षणों में साबित हुआ है कि चंद्रशेखर राव 2023 का चुनाव जीतकर तीसरी बार मुख्यमंत्री बनने जा रहे हैं।
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