उ(व के धैर्य की परीक्षा

उ(व के धैर्य की परीक्षा

(अशोक त्रिपाठी-हिन्दुस्तान समाचार फीचर सेवा)
महाराष्ट्र में एकनाथ शिंदे की सरकार बनने के साथ इतना तो साफ हो गया कि यह बगावत सिर्फ कांग्रेस और एनसीपी के साथ महाविकास अघाड़ी सरकार बनाने के विरोध तक ही सीमित नहीं थी। इसके पीछे एक गहरी साजिश थी जो बाला साहेब ठाकरे की विरासत के एकमात्र उत्तराधिकारी उद्धव ठाकरे को परेशान किये हुए है। उन्हांेने जिस रणनीति से भाजपा को पछाड़ा था, वो तो पूरी तरह फेल ही हो गयी है, अब पार्टी का अस्तित्व ही खतरे में पड़ गया है। अभी 3 जुलाई को विधानसभा अध्यक्ष का चुनाव हुआ तो शिवसेना का एक विधायक और एकनाथ शिंदे के साथ चला गया। पार्टी के 40 विधायक शिंदे के साथ हैं जबकि उद्धव के पास 15 ही विधायक बचे हैं। इस समय उद्धव के धैर्य की परीक्षा है। उनके दाहिने हाथ समझे जाने वाले राज्यसभा सदस्य संजय राउत खुद ईडी के शिकंजे में हैं। इसके बावजूद वह उद्धव के साथ मजबूती से खड़े हैं और मनोबल बढ़ाते हुए कहते हैं कि उनकी पार्टी अपने दम पर सौ विधायक लाएगी। उद्धव ठाकरे वफादारों और गद्दारों के बीच उलझे हैं और उनके सामने स्पष्ट रास्ता नहीं दिख रहा है। धैर्य बनाए रखेंगे तो कोई न कोई राह भी निकल आएगी।

महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने पार्टी के बागी विधायकों पर निशाना साधा। उन्होंने कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि वे शिवसेना के निष्ठावान और गद्दार लोगों के बीच फंस गए हैं। हालांकि ठाकरे ने उम्मीद जताई कि वे जल्द ही बीच का रास्ता खोज निकालेंगे। उद्धव ठाकरे ने कहा है कि वह कुछ सदस्यों को लाभ मिलने के बावजूद पार्टी छोड़ता देख ‘आहत’ हैं और जल्द मराठवाड़ा क्षेत्र के हिंगोली का दौरा करेंगे। उद्धव की यह प्रतिक्रिया हिंगोली जिले के एक शिवसेना विधायक संतोष बांगर के महाराष्ट्र विधानसभा में विश्वास मत पर मतदान से कुछ देर पहले एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले बागी गुट में शामिल होने के एक दिन बाद आई है। शिवसेना नेता व राज्यसभा सांसद संजय राउत ने कहा है कि उनकी पार्टी महाराष्ट्र में अपने दम पर 100 सीटें जीतेगी। उद्धव ठाकरे ने कहा है कि राज्य में मध्यावधि चुनाव होने दें, स्पष्ट हो जाएगा कि कौन जीतता है और कौन हारता है।’ उद्धव ठाकरे गुट के इस नेता ने कहा, ‘शिवसेना बाबा (बालासाहेब) ठाकरे की है। किसी और की नहीं हो सकती। आप इसे पैसे के जरिए हाईजैक नहीं कर सकते। हिंगोली जिले के कलामनुरी से विधायक बांगर को हाल ही में विद्रोह के शुरुआती दिनों के वीडियो में रोते हुए बागियों से शिवसेना में लौटने की अपील करते हुए देखा गया था। अब बांगर के शिंदे गुट में शामिल होने और विश्वास मत के पक्ष में मतदान करने के बाद हिंगोली के सरकारी गेस्ट हाउस में जिले के शिवसेना नेताओं की एक बैठक आयोजित की गई थी। शिवसेना नेता रमेश शिंदे ने बताया कि उद्धव ने बैठक में शामिल पार्टी कार्यकर्ताओं से फोन पर बात की और कहा कि वह जल्द हिंगोली का दौरा करेंगे। शिंदे के मुताबिक, उद्धव ने शिव सैनिकों से कहा कि उन विधायकों और मंत्रियों को अपना साथ छोड़ते देखना बेहद तकलीफदेह है, जिन्होंने शिवसैनिकों की वजह से जीत दर्ज की और सब कुछ हासिल किया। बैठक से जुड़ा एक वीडियो सोशल मीडिया पर प्रसारित हुआ, जिसमें उद्धव कह रहे हैं, ‘लेकिन, जिन लोगों को कुछ हासिल नहीं हुआ, वे मेरे साथ हैं। मैं आप लोगों से मिलने के लिए जल्द हिंगोली आऊंगा।’ शिंदे ने कहा कि शिव सैनिक बांगर को आखिरी समय में बागी गुट से जुड़ता देख स्तब्ध थे। उन्होंने कहा, ‘शिवसेना स्थिर है, जिन शिव सैनिकों को बैठक के बारे में सूचित किया गया था, वे इसमें शामिल हुए।’ इससे पहले, बांगर को एक वीडियो में रोते हुए और यह कहते हुए देखा गया था कि महाराष्ट्र में माहौल खराब हो गया है और शिंदे के साथ सभी असंतुष्टों को पार्टी में वापस आ जाना चाहिए, क्योंकि उद्धव ठाकरे उन्हें निश्चित रूप से माफ कर देंगे। बांगर ने छत्रपति शिवाजी महाराज और बाल ठाकरे के अनुयायी के रूप में शिवसेना की तारीफ भी की थी और कहा था कि हिंदुत्व के भगवा ध्वज को बिना किसी दाग के ऊंचा रखना सभी का कर्तव्य है।

ध्यान रहे कि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने 4 जुलाई को महाराष्ट्र विधानसभा के दो दिवसीय विशेष सत्र के अंतिम दिन महत्वपूर्ण शक्ति परीक्षण में जीत हासिल की थी। 288 सदस्यीय सदन में 164 विधायकों ने विश्वास प्रस्ताव के पक्ष में, जबकि 99 ने इसके खिलाफ मतदान किया था। बांगर के आने से शिंदे गुट में शामिल होने वाले शिवसेना विधायकों की संख्या 40 पर पहुंच गई है।

मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे पर उनकी मर्सिडीज कार को लेकर तंज कसा। शिंदे ने मराठी में ट्वीट किया, ‘ऑटो रिक्शा, मर्सिडीज (कार) से आगे निकल गया। क्योंकि यह सरकार आम आदमी की है।’ शिवसेना नेताओं ने हाल ही में शिंदे पर तंज कसते हुए उन्हें ‘ऑटो रिक्शा चालक’ बताया था। इसी का जवाब देते हुए शिंदे ने ट्वीट में अपनी साधारण पृष्ठभूमि का अप्रत्यक्ष संदर्भ देते हुए उद्धव पर मर्सिडीज कार को लेकर तंज कसा। एकनाथ शिंदे आजीविका चलाने के लिए ऑटो रिक्शा चलाते थे। उद्धव से पहले उनकी सहयोगी और शिवसेना के नेता संजय राउत ने बागी विधायकों पर पीठ में छुरा घोंपने का आरोप लगाया था। इस पर शिंदे प्रवक्ता और विधायक दीपक केसरकर ने गोवा में कहा था कि उनका इरादा उद्धव ठाकरे का अपमान करने का बिल्कुल नहीं है। संजय राउत ने हम पर पीठ में छुरा घोंपने का आरोप लगाया, लेकिन यह सच नहीं है। हम पीठ में छुरा घोंपने वाले नहीं हैं। एकनाथ शिंदे ने 40 विधायकों को अपने साथ लाकर शिवसेना नेतृत्व के खिलाफ बगावत कर दी थी। इसकी वजह से पिछले हफ्ते उद्धव ठाकरे की अगुआई वाली महाविकास अघाडी सरकार गिर गई थी। शिंदे और बीजेपी ने मिलकर विधानसभा में बहुमत भी साबित कर दिया है।

राज्यसभा सांसद संजय राउत कहते हैं कि उनकी पार्टी महाराष्ट्र में अपने दम पर 100 सीटें जीतेगी। उन्होंने कहा, ‘हमें अब भी उम्मीद है कि ये विधायक लौट आएंगे। बागियों से हमारी हमेशा बातचीत होती थी। ये हमारे लोग हैं, वापस आएंगे। सुबह का भूला अगर शाम को घर आ जाए तो उसे भूला नहीं कहते।’ महाराष्ट्र विधानसभा में 3 जुलाई को स्पीकर का चुनाव हुआ, जिसमें भाजपा विधायक राहुल नार्वेकर ने एमवीए उम्मीदवार और शिवसेना विधायक राजन साल्वे को हरा दिया। नार्वेकर को 164 वोट मिले, जबकि राजन साल्वे को 107 मत मिले। इसके अगले दिन विधानसभा में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की सरकार का बहुमत परीक्षण हुआ, जिसे उन्होंने 164 वोटों के साथ जीत लिया। एमवीए के समर्थन में 99 वोट ही पड़े थे।
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