बुंदेलखंड में विरासत और विकास

बुंदेलखंड में विरासत और विकास

(डॉ दिलीप अग्निहोत्री-हिन्दुस्तान समाचार फीचर सेवा)
पांच वर्ष पहले तक बुंदेलखंड उपेक्षित था। यहां के लोगों ने क्रमशः सपा और बसपा पर विश्वास व्यक्त किया। इन पार्टियों को पूर्ण बहुमत मिलने में बुंदेलखंड का भी महत्वपूर्ण योगदान था लेकिन यहां के लोगों की आकांक्षा पूरी नहीं हुई। चंद क्षेत्रों को विशिष्ट मानने वाली सरकारों ने बुंदेलखंड पर कोई ध्यान नहीं दिया। पानी की समस्या ने बुंदेलखंड को बदहाल बना दिया था। कृषि और पशुपालन दोनों में लोगों को नुकसान उठाना पड़ता था। अपने मवेशियों को छोड़ कर लोग पलायन के लिए विवश होते थे। निवेश के अनुकूल माहौल नहीं था। भाजपा सरकारों से पहले यहां की समस्या के समाधान की कोई स्थाई योजना ही नहीं बनाई गई थी। तात्कालिक प्रयास अवश्य किए जाते थे लेकिन यह ऊंट के मुँह में जीरा वाली कहावत को ही चरितार्थ करते थे। नरेन्द्र मोदी ने पहली बार प्रधानमंत्री बनने के बाद ही बुंदेलखंड पर ध्यान दिया। उन्होंने यहां के लोगों को तात्कालिक राहत के साथ ही दीर्घकालिक कार्ययोजना भी बनाई किन्तु प्रारंभिक तीन वर्षो तक प्रदेश में सपा सरकार थी। इस कारण केंद्रीय योजनाओं का उचित क्रियान्वयन नहीं हो सका। योगी आदित्यनाथ सरकार बनने के बाद योजनाओं का प्रभावी क्रियान्वयन शुरू हुआ। इससे बुंदेलखंड अपनी बदहाली से बाहर निकलने लगा। कुछ दिन पहले ही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुंदेलखंड एक्स्प्रेस वे का लोकार्पण किया था। उसके पहले डिफेंस कॉरिडोर निर्माण और उद्योगों की स्थापना कार्य का शुभारंभ हुआ था। पानी के लिए बेहाल रहने वाले बुंदेलखंड में हर घर नल से जल का सपना साकार हो रहा है।

योगी आदित्यनाथ ने कुछ दिन पहले हमीरपुर के सुमेरपुर में हिन्दुस्तान यूनीलीवर की नवनिर्मित इकाई स्प्रे ड्रायड डिटर्जेंट पाउडर संयंत्र एवं वितरण केंद्र का लोकार्पण किया था। यूनीलीवर जैसी अंतरराष्ट्रीय कम्पनी ने उत्तर प्रदेश को अपनी अल्ट्रा-मॉडर्न फैक्ट्री स्थापित करने के लिए चुना। उसके प्रमुख अधिकारी ने स्वीकार किया था कि योगी सरकार के प्रयासों से यूपी में निवेश का बेहतर माहौल कायम हुआ है। इसलिए उद्योग जगत के लोग यहां निवेश के लिए उत्सुक हैं। कम्पनी अगले तीन वर्ष के दौरान सुमेरपुर में सात सौ करोड़ रुपये से अधिक का निवेश करेगी। लोकार्पित इकाई एक अत्याधुनिक स्प्रे ड्राइड डिटर्जेंट फैक्ट्री है। यहां लोकप्रिय लॉन्ड्री ब्राण्ड सर्फ एक्सेल सहित प्रमुख यूनीलीवर ब्रॉण्ड उत्पादों का निर्माण होगा। अत्याधुनिक तकनीक से लैस इस नई फैक्ट्री में ऑटोमेटिक स्टोरेज भी हैं और यह एक वितरण केन्द्र के रूप में भी काम करेगी।

योगी आदित्यनाथ ने कहा कि बुन्देलखण्ड में ऊर्जावान प्रतिभाएं हैं, पर्यटन की अपार संभावनाएं भी हैं। कभी सूखे की मार और पेयजल के लिए तरस रहे बुन्देलखण्ड में आज बड़ा बदलाव आया है। यहां दशकों से लंबित सिंचाई परियोजनाएं पूरी हुई हैं। आजादी के अमृत वर्ष में हर घर नल का सपना भी पूरा होने जा रहा है। बुंदेलखंड में डिफेंस कॉरिडोर के माध्यम से औद्योगिक विकास की नई राह बनी है। बुन्देलखण्ड एक्सप्रेस-वे यहां के विकास को रफ्तार देने वाला होगा। राज्य सरकार इसके किनारे औद्योगिक क्लस्टर बना रही है। सुमेरपुर का यह प्लांट उसी कड़ी में एक कदम है। पहले बुन्देलखण्ड में निवेशको की कोई रुचि नहीं थी क्योंकि यहां सुविधाओं का घोर अभाव था। वर्तमान सरकार ने इस कमी को दूर किया। औद्योगिक माहौल निर्मित हुआ है। देश विदेश के निवेश उत्तर प्रदेश से जुड़ रहे हैं। इस प्रकार निवेश अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करता है। रोजगार सृजन और सामुदायिक विकास का सहज माध्यम भी बनता है। सुमेरपुर जैसे पिछड़े कहे जाने वाले क्षेत्र में यह संयंत्र प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष तौर पर लाखों लोगों के रोजगार का माध्यम बनेगा। बुंदेलखंड में पर्यटन विकास की भी योगी आदित्यनाथ ने कार्ययोजना बनाई है। पिछली बार मुख्यमन्त्री बनने के बाद ही योगी आदित्यनाथ ने विकास पर ध्यान दिया था। उत्तर प्रदेश में धार्मिक, प्राकृतिक और ऐतिहासिक पर्यटन स्थलों की कमी नहीं है लेकिन पिछली सरकारों ने इस ओर पर्याप्त ध्यान नहीं दिया। काशी मथुरा अयोध्या जैसे पर्यटन और तीर्थाटन स्थल भी उपेक्षित थे। योगी इन स्थलों को विश्वस्तरीय बना रहे हैं। इसके परिणाम स्वरूप यहां पहुंचने वाले पर्यटकों और तीर्थयात्रियों की संख्या में भारी वृद्धि हुई है। इसी प्रकार बुंदेलखंड ऐतिहासिक धरोहरों के लिए विख्यात रहा है। लेकिन पिछली सरकारों ने ऐसे स्थलों का पर्यटन की दृष्टि से विकास नहीं किया। जबकि समूचा बुंदेलखंड ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहरों से संपन्न है। झांसी, ललितपुर, जालौन, हमीरपुर, महोबा, बांदा और चित्रकूट में अनेक प्राचीन दुर्ग और किले हैं। ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व वाले झांसी के आठ, बांदा के चार जालौन के दो ललितपुर के सात, हमीरपुर के तीन, महोबा के पांच और चित्रकूट के दो किलों के पुरातात्विक सांस्कृतिक और ऐतिहासिक महत्व से परिचय कराती कॉफी टेबल बुक भी तैयार कराई जाएगी। संत तुलसीदास जी की जन्मस्थली राजापुर के पर्यटन विकास की कार्ययोजना को समयबद्ध ढंग से पूर्ण किया जाएगा। योगी आदित्यनाथ इन सभी को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने का प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि बुंदेलखंड क्षेत्र में अवस्थित प्राचीन किलों- दुर्गों का जीर्णोद्धार करके उन्हें पर्यटन के नवीन केंद्र के रूप में विकसित किया जाएगा। विशाल परिसर वाले कई किले अपनी भव्यता के साथ बेहतरीन होटल के रूप में तैयार हो सकते हैं। कलिंजर का किला करीब साढ़े पांच सौ हेक्टेयर के विशाल परिक्षेत्र में अवस्थित है। यहां निजी क्षेत्र की सहभागिता से लाइट एण्ड साउण्ड शो, कैम्पिंग-ट्रैकिंग रॉक क्लाइम्बिंग और फसाड लाइटिंग का कार्य होगा। किले पर नाइट गेजिंग तथा नेचर ट्रेल की गतिविधियां शुरू होंगी। झांसी की प्रसिद्धि दूर-दूर तक है। यहां बड़ी संख्या में पर्यटक आते हैं। योगी आदित्यनाथ ने कहा कि इसके समीप में स्थित बरुआ सागर किले तक जाने के लिए सुगम साधन की जरूरत है। बारह एकड़ परिसर वाला टहरौली किला और चार एकड़ परिसर वाली दिगारा की गढ़ी, चिरगांव का किला, लोहागढ़ का किला, चम्पत राय महल, रघुनाथ राव महल की स्थिति जीर्ण-शीर्ण हो रही है। इनके पुनरोद्धार के लिए ठोस प्रयास किये जायेंगे।बरुआ सागर किला,टहरौली के किले, दिगारा की गढ़ी, चम्पत राय के किले, महल महिपाल निवास, सरीला और रघुनाथ राव के महल को हेरिटेज होटल के रूप में विकसित कर फसाड लाइटिंग की जाएगी। बरुआ सागर के समीप स्थित और तालबेहट किले के नीचे स्थित झीलों पर वॉटर स्पोर्ट्स एडवेंचर टूरिज्म की गतिविधियों को शुरू किया जाएगा। मड़ावरा के किले और सौराई के किले पर पर्यटन की दृष्टि से पहुंच मार्ग,साइनेज तथा पेयजल व्यवस्था को बेहतर बनाया जाएगा। देवगढ़ दुर्ग परकोटे के नीचे बेतवा नदी में वॉटर स्पोर्ट की संभावनाएं हैं। महावीर स्वामी अभ्यारण्य तथा बानपुर किले को इको-टूरिज्म के लिए विकसित किया जा सकता है।
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