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बाइडन की शिखर सम्मेलन में आलोचना

लॉस एंजेलिस। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन को शिखर सम्मेलन में खुली आलोचना का सामना करना पड़ा। इसके साथ ही उन्हें ब्राजील के दूर-दराज नेताओं की शिकायतें भी सुननी पड़ी। उन्होंने प्रवासियों से लेकर जलवायु परिवर्तन तक के मुद्दों पर प्रगति की मांग की। हाल में कई फैसलों के लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन दुनिया के निशाने पर आए हैं। इसके बाद भी उन्होंने लॉस एंजेलिस में ये समिट रखी, ताकि दुनिया को ये मैसेज दिया जा सके कि वॉशिंगटन लोकतंत्र और लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा की दिशा में काम कर रहा है। मैक्सिकन राष्ट्रपति एंड्रेस मैनुअल लोपेज ओब्रेडोर के अमेरिकी शिखर सम्मेलन के बहिष्कार के बावजूद संयुक्त राज्य अमेरिका ने बाकी देशों के साथ कई मुद्दों पर बात की। बाइडन ने अमेरिका के शिखर सम्मेलन में अपना पक्ष रखा, तो क्यूबा, निकारागुआ और वेनेजुएला के वामपंथी नेताओं ने उन्हें निरंकुश बता दिया। जो बाइडन को यहां तक कि महाद्वीप के छोटे देश ब्राजील की ओर से भी सीधी आलोचना सुननी पड़ी। ब्राजील ने कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि समिट में सभी देशों को आमंत्रित नहीं करना अक्षम्य था। ब्राजील ने क्यूबा के खिलाफ आधी सदी के अमेरिकी दबाव अभियान को मानवता के खिलाफ अपराध भी करार दिया। बाइडन ने कहा कि संयुक्त राज्य अमेरिका इस बात पर विशेष ध्यान देगा कि सार्वजनिक स्वास्थ्य और स्वच्छ ऊर्जा में सुधार के लिए हम सभी देश एक साथ बेहतर काम कैसे कर सकते हैं।
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