सरकारी बचत योजनाओं पर बढ़ सकता है ब्याज

सरकारी बचत योजनाओं पर बढ़ सकता है ब्याज

पीपीएफ-सुकन्या जैसी छोटी बचत योजनाओं में पैसे लगाने वाले निवेशकों के लिए अच्छी खबर है। एफडी, रेपो रेट सहित अन्य ब्याज दरें बढ़ने के बाद अर्थशास्त्रियों का अनुमान है कि अब सरकारी बचत योजनाओं पर भी ब्याज बढ़ेगा। दरअसल, विभिन्न मेच्योरिटी वाली सरकारी प्रतिभूतियों पर यील्ड यानी प्रतिफल में बड़ा इजाफा हुआ है। सरकार की छोटी बचत योजनाओं की ब्याज दरें भी इन प्रतिभूतियों से जुड़ी होती हैं। ऐसे में पूरी संभावना है कि 30 जून को सरकार अगली तिमाही के लिए इन बचत योजनाओं की ब्याज दरों में इजाफा कर दे। महामारी के दबाव में पिछले दो साल से इन योजनाओं की ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं हुआ है। वैसे सरकार हर तिमाही में इनकी ब्याज दरों में बदलाव करती है।
रेटिंग एजेंसी इक्रा की मुख्य अर्थशास्त्री अदिति नायर का कहना है कि लघु बचत योजनाओं पर ब्याज दरें बढ़ने से वरिष्ठ नागरिकों, किसानों के साथ लड़कियों के नाम खोले जाने वाले सुकन्या निवेशकों को भी लाभ होगा। साथ ही इन योजनाओं में निवेश भी बढ़ेगा। नायर ने कहा, इससे डेट बाजार की उधारी पर भी रोक लगाने में मदद मिलेगी और बॉन्ड बाजार पर भी दबाव कम होगा। इतना ही नहीं सरकारी प्रतिभूतियों की बढ़ती यील्ड पर भी रोक लगाई जा सकेगी। उन्होंने अनुमान लगाया कि सरकार का कुल राजकोषीय घाटा चालू वित्तवर्ष में 1 लाख करोड़ रुपये से कम रह सकता है। सरकार ने इस महीने के आखिर में छोटी बचत योजनाओं पर ब्याज दरें बढ़ाईं तो करीब आधा दर्जन योजनाओं में निवेश करने वालों को इसका फायदा मिलेगा। इसमें पब्लिक प्रोविडेंट फंड यानी पीपीएफ, 1 से 3 साल और 5 साल वाली रिकरिंग डिपॉजिट (आरडी), वरिष्ठ नागरिक वय वंदन योजना, सुकन्या समृद्धि योजना, नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट (एनएससी), सीनियर सिटीजन सेविंग स्कीम और किसान विकास पत्र जैसी योजनाएं शामिल हैं।
केंद्र सरकार किसानों की आर्थिक सहायता के लिए प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना चला रही है। उसने इस महीने की शुरुआत में इस स्कीम की 11वीं किस्त जारी की थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 10 करोड़ से अधिक किसानों को 21,000 करोड़ रुपये से अधिक जारी किए। हालांकि, अगर आप भी इस योजना का लाभ ले रहे हैं, तो याद रखें कि इसकी 12वीं किस्त प्राप्त करने के लिए आपको अपना ई-केवाईसी पूरा करना होगा। अगर अंतिम तारीख तक ई-केवाईसी प्रक्रिया पूरी करने में विफल रहते हैं, तो आप पीएम किसान की 12वीं किस्त प्राप्त करने के योग्य नहीं होंगे। इससे पहले, ई-केवाईसी पूरा करने की अंतिम तिथि 31 मई, 2022 थी। पीएम किसान की आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार, यह डेडलाइन 31 जुलाई, 2022 तक बढ़ाई गई है। अगर आप इस स्कीम की अगली यानी 12वीं किस्त बिना किसी रुकावट के पाना चाहते हैं, तो यह जांच लें कि आपकी केवाईसी अपडेट है या नहीं। अगर ई-केवाईसी अपडेट नहीं है, तो इसे जल्द करा लें। पीएम किसान योजना के तहत किसानों को हर साल 6,000 रुपये मिलते हैं। यह रकम 2,000 रुपये की तीन किस्तों में उनके अकाउंट में ट्रांसफर होती है। इस स्कीम से हर साल लाखों किसान लाभान्वित भी होते हैं। अगर आप भी इस स्कीम का लाभ ले रहे हैं, तो आपको डेडलाइन तक अपनी ई-केवाईसी करवानी होगी। अगर आप यह नहीं करते हैं, तो आपके पैसे अटक सकते हैं। पीएम किसान पोर्टल पर इसकी विस्तार से जानकारी दी गई है।
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