गरीब परिवारों के विकास हेतु सतत जीविकोपार्जन योजना से राज्य के 27 करोड़ परिवार जुडकर अपनी आय निरंतर बढ़ा रहे है यह एक सुखद संकेत है:- श्री बिजेन्द्र प्रसाद यादव उपाध्यक्ष, बिहार राज्य योजना पर्षद

गरीब परिवारों के विकास हेतु सतत जीविकोपार्जन योजना से राज्य के 27 करोड़ परिवार जुडकर अपनी आय निरंतर बढ़ा रहे है यह एक सुखद संकेत है:- श्री बिजेन्द्र प्रसाद यादव उपाध्यक्ष, बिहार राज्य योजना पर्षद


पटना, 09 मार्च 2022 को  आज दिनांक 09.03.2022 को सूचना भवन स्थित सभागार मे ग्रामीण विकास विभाग के योजनाओं की समीक्षा के दौरान माननीय उपाध्यक्ष, बिहार राज्य योजना पर्षद श्री बिजेन्द्र प्रसाद यादव ने बताया कि गरीब परिवारों के विकास हेतु सतत जीविकोपार्जन योजना से राज्य के 27 करोड़ परिवार जुडकर अपनी आय निरंतर बढ़ा रहे है यह एक सुखद संकेत है।
समीक्षाक्रम में ग्रामीण विकास विभाग द्वारा बताया गया कि जीविकोपार्जन योजना से राज्य के लगभग 1.27 करोड़ परिवार जुड़े है, इनकी अपनी बचत 1,150 करोड़ रू0 है। ऋण भुगतान 98.5 प्रतिशत हैं।इससे अनुसुचित जाति- अनुसूचित जनजाति के करीब 94 प्रतिशत परिवार सम्बद्ध हैं। बैठक में बताया गया कि चालू वित्तीय वर्ष 2021-22 मे स्वयं सहायता समूह को करीब 5000 करोड़ बैंक ऋण मिल जाने की संभावना है। साथ ही बताया गया कि हर पंचायत में बैंक सखी बैंको से समन्वय स्थापित करने हेतु कार्यरत है। पशु सखी द्वारा टीकाकरण आदि के कार्य सम्पन्न कराये जा रहे है। दीदी की रसोई के माध्यम से कई स्कूलों, अस्पतालों, आर0बी0आई0 एवं एस0 बी0 आई कार्यलायों में कैंटीन चल रहे हैं। एक दीदी की रसोई को आइ0एस0सो0 सार्टिफिकेशन भी मिला है। जीविकोपार्जन योजना के माध्यम से 18 जिलों में 4000 परिवार मधुमक्खी पालन से जुड़े हैं। सोलर सिस्टम पर भी काम हो रहा है। अत्यन्त गरीब परिवारों के विकास हेतु सत्त जीविकोपार्जन योजना संचालित है।
ग्रामीण विकास विभाग द्वारा बताया गया कि जीविका अन्य राज्यों यथा- राजस्थान, झारखण्ड, उत्तरप्रदेश, असम, अरूणाचल प्रदेश और उत्तराखण्ड में नेशनल रिसोर्स आॅगेर्नाइजेशन के रूप में काम कर रहा है। 
अन्त मे माननीय उपाध्यक्ष द्वारा निदेश दिया गया की वित्तीय वर्ष की समाप्ति के पश्चात् ग्रामीण विकास विभाग बजट प्रावधान तथा वास्तविक उपलब्धि के बारे मे एक प्रतिवेदन बिहार राज्य योजना पर्षद को उपलब्ध कराये। आगे की कार्य- योजना की रूप रेखा तैयार करें। उन्होने कहा कि ग्रामीण जीविकोपार्जन योजना रोजगार एवं आर्थिक संसाधन के सृजन का पैमाना बनेगा। साथ ही योजनाओं की भौतिक एवं वित्तीय उपलब्धि के साथ इनसे लाभान्वित व्यक्तियों के सम्बन्ध मे भी आकड़े तैयार करे ताकि राज्य की उपलब्धि की सही तस्वीर प्रस्तुत हो सके। 
समीक्षा बैठक में योजना पर्षद के सदस्य श्री अशोक मिश्रा, परामर्शी श्री उदय सिंह कुमावत, ग्रामीण विकास विभाग के प्रधान सचिव श्री अरविन्द चैधरी, योजना पर्षद के सचिव श्री विनय कुमार के साथ वरीय पदाधिकारी मौजूद थे। 

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