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चन्नी ने भी दिया चुनावी ‘चाकलेट’

चन्नी ने भी दिया चुनावी ‘चाकलेट’

(अशोक त्रिपाठी-हिन्दुस्तान समाचार फीचर सेवा)
पंजाब मंे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के काफिले को 20 मिनट तक रोकने का मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया है। केन्द्रीय गृहमंत्रालय ने भी राज्य सरकार से रिपोर्ट तलब की है और चरणजीत सिंह चन्नी की सरकार ने तीन सदस्यीय एक समिति बनाकर जांच करने को कहा है। इन सभी के बीच चुनावी आश्वासन और उपहार देने का क्रम जारी है। मुख्यमंत्री चन्नी ने 5 जनवरी को कैबिनेट से यह प्रस्ताव पारित करा लिया कि सरकार कोरोना के हालात से निपटने के लिए जनता को एक-एक हजार रुपये की मदद देगी। इससे पहले आम आदमी पार्टी ने भी इसी तरह की घोषणा कर रखी है। देखना यह है कि पंजाब की जनता नेताओं के प्रलोभन जाल मंे फंसती है अथवा इससे दूर रहती है। हालांकि चरणजीत सिंह चन्नी ने मुख्यमंत्री की कुर्सी संभालने के बाद फसल के नुकसान पर राहत राशि 12 हजार से बढ़ाकर 17 हजार कर दी है। इसी तरह राज्य के सफाई कर्मियों की नौकरी पक्की करके और पानी का बकाया बिल माफ करके जनता के बीच कांग्रेस की अच्छी छवि बनायी है। इसका लाभ भी कांग्रेस को चुनावों मंे मिल सकता है।

पंजाब की चन्नी सरकार की कैबिनेट ने 5 जनवरी को फैसला किया है कि राज्य में सामाजिक सुरक्षा पेंशन के लाभार्थियों को एक-एक हजार रुपये की मदद राशि दी जाएगी। यह राशि एक बार ही दी जानी है। बताया गया है कि 27.1 लाख लाभार्थियों के बैंक खातों में यह राशि ऑनलाइन ट्रांसफर की जाएगी। चुनाव नजदीक आते ही सभी राजनीतिक दल मतदाताओं को लुभाने के प्रयास में जुट गए हैं। पहले आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने वादा किया कि अगर उनकी सरकार बनती है तो राज्य की सभी महिलाओं को हर महीने 1000 रुपये की पेंशन मिलेगी। पंजाब सरकार की ओर से दी जाने वाली 1000 रुपये की ये सहायता राशि पहले से ही मासिक पेंशन या आर्थिक मदद के रूप में विधवाओं, बुजुर्ग महिलाओं, आश्रित बच्चों और दिव्यांग लोगों को दी जाने वाली 1500 रुपये की राशि से अलग होगी। सरकार ने बयान में कहा है कि 1000 रुपये की सहायता राशि इन लाभार्थियों को कोविड 19 महामारी के दौरान आए संकट से उबरने के लिए दी जाएगी।

पंजाब सरकार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में हुई चूक के मुद्दे पर एक हाईलेवल कमेटी बनाई है। इस कमेटी में दो पूर्व न्यायाधीश हैं जिन्हें 3 दिनों में सरकार को अपनी रिपोर्ट देनी होगी। यह जानकारी सरकार के प्रवक्ता ने दी। प्रवक्ता ने कहा कि पंजाब सरकार ने पीएम मोदी के फिरोजपुर दौरे के दौरान हुई चूक की जांच के लिए उच्च स्तरीय कमेटी का गठन किया है। समिति में न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) मेहताब सिंह गिल, प्रमुख सचिव (गृह मामलों) और न्यायमूर्ति अनुराग वर्मा शामिल होंगे और 3 दिनों के भीतर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेंगे। चुनावी राज्य पंजाब के दौरे पर गए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में 5 जनवरी को उस वक्त ‘गंभीर चूक’ हो गयी, जब फिरोजपुर में कुछ प्रदर्शनकारियों ने उस सड़क मार्ग को बाधित कर दिया जहां से उन्हें गुजरना था। इस वजह से पीएम एक फ्लाईओवर पर 20 मिनट तक फंसे रहे। घटना के बाद पीएम दिल्ली लौट गए। वह न तो किसी कार्यक्रम में शामिल हुए और न ही दो साल के बाद राज्य में अपनी पहली रैली को ही संबोधित कर सके।

इसी आपाधापी मंे चन्नी सरकार ने एक हजार रुपये देने की घोषण कर दी। राज्य के 27.1 लाख लोगों को दी जाने वाली इस राशि से पंजाब सरकार के करीब 277.13 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है। वहीं इसके अलावा राज्य सरकार की कैबिनेट ने निर्माण कार्य में लगे मजदूरों को भी सहायता राशि दिए जाने पर मुहर लगाई है। 3000 रुपये की यह सहायता राशि उन मजदूरों को मिलेगी, जो पंजाब बिल्डिंग एंड अदर कंस्ट्रक्शन वर्कर्स वेलफेयर बोर्ड से जुड़े हैं। यह अंतरिम आर्थिक मदद के तौर पर दी जाएगी।

इसके साथ ही कैबिनेट ने गुरु रविदास बनी अध्ययन सेंटर कमेटी, डेरा सचखंड बल्लां को भी 25 करोड़ रुपये आवंटित किए जाने को स्वीकृति दे दी है। यह धनराशि पिछले साल 31 दिसंबर को पंजाब निर्माण कार्यक्रम के तहत योजना विभाग की ओर से आवंटित की गई थी। इससे पहले मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने राज्य भर की 53,000 से अधिक आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं के मासिक मानदेय में वृद्धि करने की घोषणा की थी। सीएम चन्नी ने कहा था कि आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं का मासिक पारिश्रमिक 8,100 रुपये से बढ़ाकर 9,500 रुपये, मिनी आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं का मासिक मानदेय 5,300 रुपये से बढ़ाकर 6,300 रुपये और सहायिकाओं के मानदेय को 4,050 रुपये से बढ़ाकर 5,100 रुपये कर दिया गया है।

चरणजीत सिंह चन्नी ने जब से पंजाब के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली है, वो लगातार राज्य की जनता के हितों में फैसले ले रहे हैं। ऐसा लग रहा है जैसे पंजाब में सीएम चन्नी खुद के बल बूते पर सत्ता में कांग्रेस को लाने की कोशिश में हैं। आज हम आपको मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी द्वारा लिए गए फैसले कांग्रेस के लिए चुनावी हथियार साबित हो सकते हैं। सीएम चन्नी की अध्यक्षता मैं कैबिनेट बैठक हुई। इस दौरान कई अहम फैसले लिये गए जो कि चुनावी प्रचार-प्रसार के दौरान कांग्रेस को फायदा पहुंचा रही है। पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में सफाई सेवकों को पक्का करने पर फैसला लिया गया। सीएम चन्नी के इस फैसले से आगमी विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को इसका फायदा मिल सकता है क्योंकि मतदाताओं के ऐतबार से देखें तो करीब चार हजार सफाई कर्मचारियों की नौकरी पक्की हो गई। पक्के हुए कर्मचारी खुश हो कर विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को वोट दे सकते हैं इन चार हजार परिवारों की वजह से एक तरह से कांग्रेस का चुनाव प्रचार भी घर-घर तक पहहुंच रहा है। वहीं कैबिनेट बैठक में बकाया बिजली के बकाया बिल को माफ करने जैसे मुद्दों पर भी चर्चा हुई। पंजाब में कृषि कानूनों के मुद्दे पर किसान संगठन सियासी दलों का बहिष्कार कर रहे थे लेकिन खेती बिल की वापसी के बाद सियासी समीकरण बदलते हुए नजर आ रहे हैं। एक तरफ भाजपा कृषि कानूना वापस करने के फैसले का सियासी माइलेज लेना चाह रही है वहीं दूसरी ओर सीएम चन्नी की कैबिनेट ने कपास की फसल के नुकसान पर राहत राशि को 12 हजार रुपये प्रति एकड़ से बढ़ाकर 17 हजार रुपए प्रति एकड़ करने की मंजूरी दे दी है। सीएम चन्नी के इस फैसले से किसानों का झुकाव कांग्रेस की तरफ हो सकता है। सीएम चन्नी की कैबिनेट ने पंजाब में बकाया बिजली बिल माफी का फैसला किया है। इस फैसले से पंजाब पर पांच सौ करोड़ रुपये का आर्थिक बोझ बढेगा। अगर इसके सियासी फायदे की बात की जाए तो पंजाब सरकार पर आर्थिक बोझ तो पड़ेगा लेकिन जिन परिवारों के हजारों रुपये का बकाया बिल माफ होगा तो कही न कही सरकार के प्रति उसका झुकाव देखने को मिल सकता है जो कि वोट में भी बदल सकता है। सरकार की तरफ से लिए गए फैसले के मुताबिक ग्रामीण उपभोक्ताओं के 256.97 करोड़ रुपये और शहरी उपभोक्ताओं को 17.98 करोड़ रुपये के बिल माफ किए जाएंगे। इसके साथ ही ग्राम पंचायत और समितियों की तरफ से चलाई जा रही जल आपूर्ति योजनाओं के भी 224.55 करोड़ रुपये माफ होंगे। (हिफी)
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