गुरूपर्व में श्रद्धालुओं द्वारा कोरोना गाइड लाइन पालन करने में शिथिलता!

गुरूपर्व में श्रद्धालुओं द्वारा कोरोना गाइड लाइन पालन करने में शिथिलता!

पटना सिटी के नालन्दा मेडिकल कॉलेज अस्पताल के सैकड़ों डाक्टरों व जूनियर्स डाक्टरों के कोरोना पॉजिटिव होने की खबर महामारी की भयावहता की ओर संकेत करता है। पटना में 20 गुणे दर से कोरोना संक्रमण की खबर आ रही है।
मालूम हो कि पिछले दिनों ईसाईयों के पर्व ईस्टर व नववर्ष को सार्वजनिक स्तर पर मनाने सरकारी मनाही का आदेश जारी किया गया था। वहीं दूसरी ओर श्री गुरूगोबिन्द सिंह जी महाराज के अवतरण दिवस को धूमधाम से मनाने की तैयारी जोरों से है। महाराज के 350वें शताब्दी वर्ष 2017 से सरकारी महकमों की जिस प्रकार सक्रियता बनी थी वह कमोबेश आज तक बनी हुई है।
प्रशासन को महामारी के बढ़ते फैलाव को रोकने के लिए कोरोना गाइडलाइन का कड़ाई के साथ पालन करवाना चाहिए था। कोरोना के दूसरे लहर के दौरान गुरुद्वारों के इर्दगिर्द के मुहल्लों हरमिंदर गली, कालीस्थान, दीरा ,कचौड़ी गली आदि में कई लोगों की मृत्यु भी हुई थी।
गुरूपर्व को लेकर बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या दिन प्रति दिन बढ़ रही है और सरकार आने वाले यात्रियों की न जांच कर रही और नहीं किसी गाइडलाइन का पालन करवाया जा रहा है।ऐसे में गुरूपर्व के बाद इस जानलेवा कोरोना वाइरस से सबसे ज्यादा प्रभावित इर्दगिर्द के मुहल्लों के साथ-साथ पटना सिटी की जनता होगी।
पटना जिला सुधार समिति के महासचिव राकेश कपूर ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से अनुरोध किया है कि जनता की सुरक्षा को देखते हुए उन्हें श्रद्धालुओं द्वारा कोरोना गाइडलाइन का पालन करवाने के लिए स्थानीय प्रशासन को निर्देश देना चाहिए।
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