आरबीआई का रीपो दर बरकरार: शक्तिकांत दास भारतीय रिजर्व बैंक

आरबीआई का रीपो दर बरकरार: शक्तिकांत दास भारतीय रिजर्व बैंक 

(आरबीआई) ने रीपो दर और अपने समायोजन वाले रुख को बरकरार रखा है। इसके साथ ही आरबीआई ने कहा कि बैंकिंग तंत्र में अतिरिक्त तरलता कम करने के लिए वह पारंपरिक स्थिर ब्याज दर के बजाय घट-बढ़ वाली दरों पर ध्यान देंगे। कई अर्थशास्त्री इसे चुपके से रिवर्स रीपो दर बढ़ाने का रास्ता मान रहे हैं। हालांकि केंद्रीय बैंक ने रिवर्स रीपो को अभी 3.35 फीसदी पर बनाए रखा है। लेकिन बाजार से अतिरिक्त नकदी खींचने के लिए 14 दिन की वेरिएबल रिवर्स रीपो सुविधा के उपयोग की बात भी कही गई है। आरबीआई 3 दिसंबर तक इसके जरिये बैंकिंग तंत्र से 6 लाख करोड़ रुपये खींच चुका है और 17 दिसंबर को 6.5 लाख करोड़ रुपये और 31 दिसंबर को 7.5 लाख करोड़ रुपये लिए जाएंगे। आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि जनवरी 2022 से नीलामी के जरिये तरलता कम की जाएगी। अर्थशास्त्रियों का कहना है कि इससे अल्वावधि की दरें बढ़ सकती हैं। आरबीआई ने मौद्रिक समिति की इस साल की अंतिम बैठक में रीपो दर 4 फीसदी ही रखते हुए अपना रुख भी समायोजन वाला बनाए रखा है। लेकिन मार्जिनल स्टैंडिंग सुविधा (एमएसएफ) में थोड़ा बदलाव किया गया है। इस सुविधा के जरिये बैंक आपात स्थिति में तरलता का प्रबंध करते हैं। अब बैंक जमा आधार की 2 फीसदी तक उधारी ले सकते हैं जबकि महामारी के दौरान 3 फीसदी तक उधारी की अनुमति थी। मौद्रिक नीति समिति के सदस्यों ने सर्वसम्मति से रीपो दर को मौजूदा स्तर पर बनाए रखने के पक्ष में मत दिया लेकिन बाह्य सदस्य जयंत वर्मा ने आरबीआई के समायोजन वाले रुख के खिलाफ अपना मत दिया।
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