ओमिक्राॅन को लेकर योगी सचेत

ओमिक्राॅन को लेकर योगी सचेत

(अशोक त्रिपाठी-हिन्दुस्तान समाचार फीचर सेवा)
दक्षिण अफ्रीका मंे फैला कोरोना का नया वेरिएंट दुनिया भर मंे दहशत पैदा कर रहा है। भारत मंे भी बाहर से आने वालों की जांच करवायी जा रही है। पिछली बार की तरह इस बार किसी प्रकार की ढील भारत सरकार नहीं देना चाहती है। इसमंे राज्य सरकारों की महत्वपूर्ण भूमिका है। उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने ओमिक्राॅन वेरिएंट को आने से रोकने के लिए पहली दिसम्बर को पुख्ता तैयारी कर ली है। उन्हांेने टीम-09 को निर्देश दिये हैं कि कोविड के इस नए संक्रमण को किसी भी तरह रोका जाए। कोविड दिशा निर्देशों का सख्ती से पालन करते हुए मास्क को अनिवार्य किया जाए। उन्हांेने कहा है कि ट्रेसिंग, टेस्टिंग और टीकाकरण की नीति का ईमानदारी से क्रियान्वयन ही कोरोना महामारी को नियंत्रित कर सकता है। मुख्यमंत्री ने कहा है कि ग्राम स्तर के जनप्रतिनिधियों का भी सहयोग किया जाए। मुख्यमंत्री ने प्रदेश मंे आक्सीजन प्लांट पर विशेष निगरानी रखने को कहा है। उत्तर प्रदेश मंे अगले साल के प्रारम्भ मंे ही विधानसभा चुनाव होने हैं। इसलिए यहां सतर्कता बरतना ज्यादा जरूरी है।
दुनिया भर में कोरोना वायरस के ओमिक्राॅन वेरिएंट को लेकर मची दहशत के बीच उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने कोविड टीकाकरण को और तेज करने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की ओर से उच्चस्तरीय टीम-09 को दिए गए निर्देश में कहा गया है कि विश्व के अनेक देशों में नए वेरिएंट के संक्रमित मिलने की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है। ऐसे में हमें बहुत सतर्कता-सावधानी की जरूरत है। सभी जगहों पर मास्क को अनिवार्य कराएं।
कोविड टीके की दोनों खुराक पाने वालों की संख्या सबसे अधिक उत्तर प्रदेश में है। यहां 5 करोड़ 3 लाख अधिक लोगों को टीके की दोनों डोज देकर कोविड का सुरक्षा कवर प्रदान कर दिया गया है। वहीं 11 करोड़ 23 लाख लोगों ने टीके की पहली डोज प्राप्त कर ली है। यह संख्या टीकाकरण के लिए पात्र प्रदेश की कुल आबादी की लगभग 76.20 फीसदी से अधिक है। इस प्रकार प्रदेश में अब तक 16 करोड़ 27 लाख से अधिक कोविड वैक्सीन डोज लगाए जा चुके हैं। कोविड टेस्टिंग और टीकाकरण में उत्तर प्रदेश देश में शीर्ष स्थान पर है। कोविड से बचाव के लिए ट्रेसिंग, टेस्टिंग, ट्रीटमेंट और टीकाकरण की नीति के सही क्रियान्वयन से प्रदेश में महामारी पूरी तरह नियंत्रित है। बीते 24 घंटों में हुई 01 लाख 53 हजार 569 सैम्पल की जांच में कुल 7 संक्रमितों की पुष्टि हुई। इसी अवधि में 3 संक्रमित कोरोना मुक्त भी हुए। आज प्रदेश में कुल एक्टिव कोविड केस की संख्या 92 है। कोविड पर प्रभावी नियंत्रण बनाए रखने के लिए सावधानी और सतर्कता जरूरी है। कोविड टीकाकरण को और तेज करने के लिए ठोस प्रयास की जरूरत है। घर-घर जाकर सर्वेक्षण किया जाए। अब तक पहली डोज न लेने वालों की अलग सूची तैयार कराएं। जिनका दूसरा डोज ओवरड्यू हो गया हो उनकी अलग सूची बनाई जाए। दिव्यांग, अक्षम, निराश्रित, वृद्ध जनों से संपर्क कर उनका टीकाकरण कराएं। सीएमओ स्तर से ग्राम प्रधानों, पार्षदों का सहयोग लिया जाए। प्रदेश भर में पब्लिक एड्रेस सिस्टम की मदद से जागरूक करने की कवायद को शुरू किया जाए। ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग वैक्सीन का डोज प्राप्त कर सकें। विश्व के अनेक देशों में कोविड-19 के नए ओमिक्राॅन वेरिएंट के संक्रमित मिलने की संख्या में बढोतरी हो रही है। ऐसे में दूसरे देशों और प्रदेशों से उत्तर प्रदेश आ रहे हर व्यक्ति की जांच जरूर की जाए। बस स्टेशन, रेलवे स्टेशन व एयरपोर्ट पर अतिरिक्त सतर्कता बरतने की जरूरत है, बिना किसी की जांच किए उसे बाहर न आने दिया जाए। केंद्र सरकार की तरफ से गाइडलाइंस को प्रभावी रूप से लागू किया जाए। पहले चरण में इंटरस्टेट कनेक्टिविटी वाले बस स्टेशन पर जांच को तेजी से बढ़ाते हुए अतिरिक्त सतर्कता बरतें। कोरोना वायरस के नए वेरिएंट को लेकर शासन की ओर से जीनोम सिक्वेंसिंग की व्यवस्था करने के मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए हैं। लखनऊ के केजीएमयू , पीजीआई, गोरखपुर, झांसी, मेरठ में तेजी से जीनोम सीक्वेंसिंग की व्यवस्था की जाए। नगर विकास और ग्राम्य विकास विभाग प्रदेश में स्वच्छता और सेनिटाइजेशन की कार्यवाही को तेज करें। प्रदेश में निगरानी समितियों को सक्रिय करे। ताकि कोविड से संक्रमित व्यक्तियों की समय से पहचान हो जाए और उनका समय पर इलाज हो सके।
इसके साथ ही प्रदेश मंे आॅक्सीजन प्लांट स्थापना अभियान के रूप मंे की जा रही है। इस तरह अब तक विभिन्न जिलों मंे कुल 525 आॅक्सीजन प्लांट क्रियाशील किये जा चुके हैं। शेष प्लान्ट की स्थापना का कार्य यथाशीघ्र पूरा किया जाए। कोरोना-19 के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन को लेकर भारतीय रेल भी सतर्क हो गया है। रेलवे ने इसके प्रसार को रोकने के लिए पहले ही ऐहतियाती तौर पर कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। इसके लिए सभी जोनों को कड़े दिशानिर्देश जारी कर दिए हैं। इनमें पीएसए प्लांटस की प्रोपर मॉनिटरिंग से लेकर ऑक्सीजन सिलेंडरों के पर्याप्त स्टॉक रखने, पीपीई किट और टेस्टिंग मैटिरियल्स की उपलब्धता सुनिश्चित रखने, ज्यादा से ज्यादा आईसीएयू बेड्स तैयार रखने, हर रेलवे कर्मी के वैक्सीनेशन सरीखे कदम उठाने को लेकर सभी जोन के महाप्रबंधकों से कहा गया है। भारतीय रेलवे बोर्ड के कार्यकारी निदेशक, स्वास्थ्य डॉ. के श्रीधर ने सभी जोन, प्रोडक्शन यूनिटों के नाम एक आदेश जारी किया है। इसमें कहा गया है कि 24 नवंबर 2021 को दक्षिण अफ्रीका से SARS CoV&2 वैरिएंट ओमीक्राॅन के एक नए म्यूटेशन की सूचना मिली है, जिसने इस वेरिएंट को चिंता के नए वेरिएंट के रूप में नामित किया है। लिहाजा रेलवे को पहले से ही इसकी तैयारियां करनी होंगी। उन्होंने महाप्रबंधकों और यूनिट प्रमुखों से कहा है कि पेंडिंग पीएसए प्लांट्स का काम जल्द पूरा किया जाए। साथ ही पीएसए प्लांट्स और वेंटिलेटर्स के प्रोपर मेंटेनेंस और फंक्शनिंग को मॉनिटर किया जाए। भरे हुए ऑक्सीजन सिलेंडरों का पर्याप्त स्टॉक भी रखा जाए।
ओमिक्राॅन वेरिएंट के सामने आने के बाद दुनियाभर में लोगों के मन में यह सवाल उठने लगा है कि यह वायरस कितना घातक और तेजी से फैलता है, क्या यह डेल्टा वेरिएंट से भी ज्यादा संक्रामक है, क्या कोविड-19 वैक्सीन ले चुके लोग भी इसकी जद में आ सकते हैं? ऐसे तमाम सवालों के जवाब जानने के लिए विश्व के सभी साइंटिस्ट अपनी कोशिश में लगे हुए हैं। दरअसल साउथ अफ्रीका में ओमिक्राॅन वेरिएंट की पहचान के बाद विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इसे बेहद गंभीर और संक्रामक वेरिएंट बताया है। वल्र्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन का कहना है कि कई मेडिकल एक्सपर्ट और वैज्ञानिक इस वायरस की जांच कर रहे हैं और कुछ दिन या सप्ताह के अंदर इसे बारे में तथ्य सामने आएंगे। इसलिए यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की ओमिक्राॅन वेरिएंट को लेकर तैयारी समय पर उठाया गया कदम है। (हिफी)

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