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बांग्लादेश से घुसपैठ

बांग्लादेश से घुसपैठ

(अशोक त्रिपाठी-हिन्दुस्तान समाचार फीचर सेवा)
अभी पिछले दिनों पश्चिम बंगाल के कूच बिहार में बांग्लादेश से घुसपैठ करने वालों ने जिस तरह सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) पर हमला किया, उससे चिंता पैदा हो रही है। बीएसएफ जवानों ने हालांकि 2 घुसपैठियों को मार गिराया लेकिन मीडिया की मानें तो भारत-बांग्लादेश सीमा पर घुसपैठ का बाजार चलता है। गृहमंत्रालय के अनुसार भारत में हाईटेक सर्विलेंस, गहन गश्त, बाड़बंदी और फ्लड लाइटिंग से अवैध बांग्लादेशी घुसपैठियों की गिरफ्तारी कम हुई है अर्थात् घुसपैठ कम हो रही है। छह साल पहले 5900 से अधिक घुसपैठियण् बांग्लादेश वापस भेजे गये थे लेकिन 2019 मंे आंकड़े बताते हैं कि 2175 बांग्लादेशी घुसपैठ करके आये। बताया जाता है कि कोलकाता से लगभग 80 किमी. दूर पेट्रोल एकीकृत चेकपोस्ट के पास एंटरप्राइज मनीचेंजिंग की सुविधा देने वाला एक व्यक्ति अवैध एंट्री (घुसपैठ) के नाम पर 15 हजार रुपये प्रति व्यक्ति लेता है। उसने बताया कि मानव तस्कर भारत-बांग्लादेश सीमा के दोनों तरफ मिल-जुलकर यह धंधा कर रहे हैं। घुसपैठियों की एंट्री कराने वाले कई ठिकाने बताए जाते हैं। इससे नशीली दवाओं की तस्करी को भी बढ़ावा मिल रहा है। यह समस्या काफी पहले से है। सुप्रीम कोर्ट ने यूपीए सरकार को भी इसके लिए फटकार लगायी थी और 2014 में नरेन्द्र मोदी ने भी असम की जनता को भरोसा दिलाया था कि बांग्लादेश से घुसपैठ को हर कीमत पर रोका जाएगा।
पश्चिम बंगाल के कूचबिहार में भारत-बांग्लादेश सीमा पर 12 नवम्बर को तड़के हुई फायरिंग में दो घुसपैठिए मारे गए. सुबह तीन बजे बांग्लादेश की तरफ से भारतीय सीमा में घुसे कुछ घुसपैठिए बांस के तंबू गाढ़ कर मवेशियों के सिरों की तस्करी करने का प्रयास कर रहे थे. बाड़े के आगे बीएसएफ के जवानों ने उन्हें वापस जाने की चेतावनी दी, लेकिन उन्होंने बीएसएफ की इस चेतावनी को अनसुना कर दिया. इसके बाद जवानों ने इन घुसपैठियों को रोकने के लिए नुकसान न पहुंचाने वाले शस्त्रों का इस्तेमाल किया, लेकिन बदले में घुसपैठियों ने जवानों पर लोहे के डंडों और लाठियों से हमला बोल दिया। मामले की गंभीरता और खतरे को भांपते हुए बीएसएफ पार्टी ने घुसपैठियों की ओर हवा में गोलियां चलाईं। बाद में सीमा बाड़ और अंतरराष्ट्रीय सीमा के बीच दो अज्ञात घुसपैठियों के शव मिले। इस घटना में सेना का एक जवान भी घायल हो गया, जिसे बाद में अस्पताल पहुंचाया गया।
इससे पूर्व सीमा पार कर भारत आने की कोशिश कर रहे 12 बांग्लादेशी नागरिकों को बिठारी और हाकीपुर इलाके से गिरफ्तार किया गया था। बीएसएफ के अधिकारियों ने इस बारे में बताया। बीएसएफ ने एक बयान में कहा कि गश्ती दल ने उत्तर 24 परगना के बिठारी, हाकीपुर और डोबोलिया इलाके से दो अलग-अलग घटनाओं में बांग्लादेश की आठ महिलाओं और चार पुरूषों को पकड़ा। शुरूआती पूछताछ के दौरान, बांग्लादेशी घुसपैठियों ने बताया कि बांग्लादेशी बिचैलिए की मदद से वे भारत में घुसे। बयान के मुताबिक, गिरफ्तार लोगों को आगे कानूनी कार्रवाई के लिए संबंधित थानों के हवाले कर दिया गया है। भाजपा के तत्कालीन राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं मौजूदा गृहमंत्री अमित शाह ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘हमारा उस समय बांग्लादेश के साथ कोई समझौता (भूमि सीमा समझौता) नहीं था। इसलिए सीमा पर बाड़बंदी का काम पूरा नहीं हो सका। अब समझौता है।’ उनसे सवाल किया गया था कि केंद्र में वाजपेयी नीत भाजपा सरकार और प्रफुल्ल कुमार महंत के नेतृत्व में राज्य में दो बार रही अगप सरकार के दौरान भी मुद्दे का हल क्यों नहीं हो सका।
इस पर अमित शाह ने कहा, ‘घुसपैठ समस्या के हल के लिए, केंद्र और राज्य दोनों स्थानों पर भाजपा की सरकार चाहिए। सिर्फ असम सरकार से इसका समाधान नहीं हो सकता।’ शाह ने हालांकि अवैध प्रवासियों के निर्वासन पर प्रतिबद्धता जताने से इंकार किया और कहा, ‘सत्ता में आने के बाद, हम सीमा को पूरी तरह से बंद करेंगे और एनआरसी को अद्यतन बनाने की प्रक्रिया तेज करेंगे। निर्वासन असम, भारत और बांग्लादेश की सरकारों के बीच संयुक्त समझौते से करना होगा। सिर्फ असम सरकार इसे नहीं कर सकती।’ अब असम मंे भी भाजपा सरकार है लेकिन घुसपैठ हो रही है।
असम-बांग्लादेश बॉर्डर पर घुसपैठ जैसे मामले को रोकने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार और राज्य सरकार के रवैये पर नाराजगी जाहिर की थी। कोर्ट ने कहा कि आदेश के बावजूद जमीन पर काम होते नजर नहीं आ रहा। कोर्ट द्वारा नियुक्त कमिश्नर की रिपोर्ट के बाद सुप्रीम कोर्ट ने अपनी नाराजगी जाहिर की। उपमन्यु हजारिका की एक रिपोर्ट में कहा गया कि सीमा पर कड़ी चैकसी के इंतजाम नहीं किए गए हैं। कई जगह रोशनी का इंतजाम किया गया, लेकिन वहां बिजली ही नहीं है। एक जगह ऐसी है, जहां भारत और बांग्लादेश के लोग आसानी से एक दूसरे के देश की सीमा रेखा में प्रवेश कर सकते हैं। कई जगहों पर पुलिस की गश्त के इंतजाम नहीं किए गए हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से यह भी पूछा था कि अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशियों के भारत में जन्में बच्चों को यहां की नागरिकता दी जा सकती है या नहीं? सुप्रीम कोर्ट ने एक बड़े फैसले में आदेश दिया था कि केंद्र सरकार अवैध घुसपैठ रोकने के लिए बांग्लादेश की सीमा पर चैकसी के लिए तमाम इंतजाम करें। सीमा पर बाड लगाने के अलावा नियमित गश्त और लाइट लगाने के आदेश भी दिए गए थे।
उसी दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुवाहाटी में भाजपा कार्यकर्ताओं की रैली को संबोधित करते हुए कहा, मैं इस तरह के बंदोबस्त करुंगा, जिसके बाद रोज रोज असम आने वाले और उसे तबाह करने वाले बांग्लादेशियों के लिए सभी रास्तों को बंद कर दिया जाएगा। मेरी बात का भरोसा कीजिए कि असम की इस समस्या के स्थाई समाधान के लिए भूमि हस्तांतरण समझौता किया जाएगा। यह समझौता दोनों देशों के बीच भूमि सीमा सहमति के तहत सीमा के निर्धारण से संबंधित है। मोदी ने यह आश्वासन ऐसे समय में दिया है जब भाजपा की प्रदेश इकाई और असम गण परिषद् ने इस आधार पर समझौते का विरोध किया था कि जमीनों की अदला-बदली में असम को बांग्लादेश की तुलना में अधिक क्षेत्र गंवाना पड़ेगा। मोदी ने कहा था कि भूमि के आदान-प्रदान से जुड़े समझौते के संबंध में वह राज्य की जनता की भावनाओं को समझते हैं और असम की सुरक्षा के साथ कोई समझौता नहीं करेंगे।इसके विपरीत पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी बांग्लादेश से घुसपैठ करने वालों के प्रति नरम रवैया अपनाती हैं। पिछले वर्ष ममता ने कहा था कि जो लोग बांग्लादेश से आए और अब प्रदेश मंे रहकर वोट दे रहे हैं, ऐसे लोग भारतीय हैं। उन्हें देश की नागरिकता पाने के लिए नए सिरे से आवेदन करने की जरूरत नहीं है। इस प्रकार घुसपैठ करने वालों का हौसला बना है। यह हौसला उद्दंडता तक पहुंच गयी और वे बीएसएफ पर हमला करने लगे हैं। यह देश की एकता एवं अखंडता के लिए घातक है। (हिफी)
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