तुष्टिकरण के दुष्प्रभाव
(अशोक त्रिपाठी-हिन्दुस्तान समाचार फीचर सेवा)
लोकतंत्र मंे पूजा और उपासना की स्वतंत्रता है लेकिन इसे विवाद का विषय नहीं बनने देना चाहिए। वोट बैंक के चलते तुष्टिकरण की राजनीति के दुष्परिणाम देर-सवेर सामने आ ही जाते हैं। हरियाणा मंे तीन साल पहले जिला प्रशासन ने गुरुग्रााम मंे मुसलमानों के लिए जुमे की नमाज अदा करने के वास्ते 37 स्थान निर्धारित किये थे। हिन्दू संगठनों ने इस प्रकार के तुष्टिकरण का विरोध किया था। संयुक्त हिन्दू संघर्ष समिति ने उसी स्थल पर सामूहिक गोवर्द्धन पूजा की घोषणा कर दी थी। यह आग बढ़ती जा रही है। नोएडा में भी फेज-3 मंे सार्वजनिक स्थल पर नमाज पढ़ने का 15 नवम्बर को जमकर विरोध किया गया। पांच्यजन्य पत्रिका के सोशल मीडिया कोआर्डिनेटर अम्बुज भारद्वाज ने पुलिस अधिकारी को इसकी जानकारी दी। भारद्वाज के ट्वीट के बाद पुलिस ने कार्रवाई की। राजस्थान के जयपुर मंे राजस्थान कालेज में भी नमाज पढ़ने को लेकर बवाल हो चुका है। इस प्रकार के तुष्टिकरण पर सख्ती क्यों नहीं की जा रही है?
पिछले कुछ समय से सार्वजनिक स्थानों पर नमाज पढ़ने का विरोध लगातार बढ़ता जा रहा है। खुले स्थान पर नमाज पढ़ने का विरोध गुरुग्राम से शुरू हुआ और इसकी गूंज नोएडा में भी देखने को मिली है। नोएडा के सेक्टर 65 के एक पार्क में सार्वजनिक रूप से नमाज पढ़ने के ट्वीट पर फेज 3 पुलिस एक्शन में आई। नमाजियों को सार्वजनिक स्थल पर नमाज न पढ़ने की बात कर उन्हें मस्जिद में नमाज पढ़ने की बात कही। ट्वीट आरएसएस की साप्ताहिक पांच्यजन्य पत्रिका के सोशल मीडिया कॉर्डिनेटर अम्बुज भारद्वाज के ट्वीट के बाद पुलिस एक्शन में आई है।
गौरतलब है कि शुक्रवार 13 नवम्बर के दिन आरएसएस की साप्ताहिक पत्रिका के सोशल मीडिया कॉर्डिनेटर त्रिभुवन प्रताप सिंह नाम के व्यक्ति ने ट्विटर पर सेक्टर 65 में नोएडा अथॉरिटी पार्क की तस्वीर पोस्ट की जहां नमाज अदा की जा रही थी। ट्विटर यूजर ने नोएडा पुलिस, यूपी पुलिस, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कार्यालय और अन्य के आधिकारिक ट्विटर हैंडल को टैग करते हुए लिखा “यह एक मस्जिद नहीं है, बल्कि सेक्टर 65 में एक पार्क है। मुस्लिम समुदाय के 250 सदस्य यहां कोविड के दिशानिर्देशों का उल्लंघन कर नमाज अदा कर रहे हैं। कृपया संज्ञान लें” जिसपर नोएडा पुलिस ने मौके पर पहुंचकर नमाजियों को समझाकर मस्जिद में नमाज पढ़ने की बात कही। बता दें कि 2018 में जब गुरुग्राम में पहली बार सार्वजनिक स्थानों पर नमाज पढ़ने का विरोध प्रदर्शन हुआ, तो नोएडा पुलिस ने सेक्टर 58 के एक पार्क में शुक्रवार की नमाज को रोक दिया था। “दिसंबर 2018 में नोएडा अथॉरिटी पार्क में नमाज अदा करने को लेकर विवाद देखा गया था। सेक्टर द्वारा एक नोटिस जारी किया गया था, जिसमे थाना 58 क्षेत्र की कंपनियों को अपने कर्मचारियों से सार्वजनिक पार्क में सामूहिक रूप से नमाज नहीं पढ़ने को कहा।,इसके बाद यह रुक गया। फिर कोविड हुआ। अब जब स्थिति में सुधार हो रहा है, लोगों ने फिर से यहां नमाज अदा करना शुरू कर दिया है। नियमों के अनुसार सार्वजनिक स्थान पर किसी भी धार्मिक गतिविधि की अनुमति नहीं दी जा सकती है। अगर किसी सार्वजनिक स्थान पर कोई धार्मिक प्रोग्राम करना होता है तो उससे पहले पुलिस प्रशासन की परमिशन लेना जरूरी होती है।
राजधानी जयपुर में स्थित राजस्थान यूनिवर्सिटी के राजस्थान कॉलेज में नमाज भी पढ़ने को लेकर खड़ा हुआ बवाल अब तूल पकड़ने लगा था। इस मुद्दे पर भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् दोनों विरोध प्रदर्शन करने पर उतारू हो गये। एनएसयूआई नमाज पढ़ने से छात्रों को रोकने वाले प्रोफेसर के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहा है। वहीं एबीवीपी ने कॉलेज में नमाज पढ़ने को छात्रों की पढ़ाई में खलल माना है।
एनएसयूआई प्रोफेसर को सस्पेंड करने की मांग को लेकर राजस्थान कॉलेज में तालाबंदी कर विरोध प्रदर्शन करेगा। वहीं छात्र संगठन एबीवीपी आरोप है कि कॉलेज परिसर में नमाज पढ़ने की इजाजत देना छात्रों की पढ़ाई में खलल पैदा करता है। इससे कॉलेज का माहौल खराब होगा। एबीवीपी की मांग है कि अगर नमाज पढ़ने की इजाजत दी जाती है तो फिर कॉलेज परिसर में कीर्तन और पूजा करने की इजाजत भी दी जाए। इसी मांग को लेकर एबीवीपी के छात्र राजस्थान कॉलेज परिसर में कीर्तन कर विरोध प्रदर्शन करेंगे। दरअसल राजस्थान कॉलेज परिसर में कुछ छात्रों ने नमाज पढ़ी थी। इस दौरान आपत्ति जताने पर पुलिस प्रशासन ने छात्रों को परिसर में नमाज पढ़ने से रोका। इस पर एनएसयूआई से जुड़े कुछ छात्र पुलिस प्रशासन से भिड़ गए। उन्होंने मांग करते हुये कहा कि या तो उन्हें खुले में नमाज पढ़ने दी जाए या फिर नमाज के लिए कॉलेज में अलग से जगह आवंटित की जाये। इसी बात को लेकर हल्की नोकझोंक और झड़प भी हुई।
भारतीय जनता पार्टी के नेता कपिल मिश्रा ने हरियाणा में गुरुग्राम के सेक्टर 12ए में उस स्थान पर गोवर्धन पूजा में शामिल हुए, जहां मुस्लिम समुदाय के लोग हर हफ्ते नमाज अदा किया करते थे। पूजा का आयोजन हिंदू संगठन संयुक्त हिंदू संघर्ष समिति ने किया था। मिश्रा ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि समिति ने राह दिखाई है कि शांतिपूर्ण तरीके से विचार कैसे रखे जाते हैं। सार्वजनिक स्थान पर नमाज करने पर आपत्ति जताते हुए मिश्रा ने कहा, ‘अगर विभिन्न धर्मों, पंथों और संप्रदायों के लोग हर हफ्ते एक दिन खुले सार्वजनिक स्थानों पर कब्जा लेते हैं, तो इसके परिणामस्वरूप सभी सड़कें और पार्क अवरुद्ध हो जाएंगे।’ पुलिस बल की मौजूदगी के बीच, मुख्य तौर विभिन्न हिंदू संगठनों के प्रदर्शनकारियों ने ‘जय श्री राम’ और ‘भारत माता की जय’ के नारे लगाए थे हालांकि, मुस्लिम समुदाय के लोग नमाज अदा करने के लिए स्थल पर पहुंचते रहे। तीन साल पहले, जिला प्रशासन ने शहर में मुसलमानों के लिए जुमे की नमाज अदा करने के वास्ते 37 स्थान निर्धारित किए थे, जिसके बाद कुछ हिंदू समूहों ने विरोध किया था।
कपिल मिश्रा कहते हैं, ‘हमें सड़क पर चलने, अपने दफ्तर, अस्पताल, कार्यस्थल जाने और व्यवसाय चलाने की स्वतंत्रता चाहिए। अगर एक समुदाय के लोग हर हफ्ते इस स्वतंत्रता को छीन लें, तो इसकी इजाजत नहीं दी जा सकती है। विश्व में कहीं भी इसकी अनुमति नहीं है।’ कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि ऐसा ही ‘तमाशा’ पहले शाहीनबाग में किया गया था। मिश्रा ने कहा कि उन्होंने सड़कों को बाधित करके तमाशा किया था। उन्होंने सवाल किया कि क्या उसके चलते सीएए (संशोधित नागरिकता कानून) रद्द कर दिया गया? उन्होंने कहा, “ हमारे देश का संविधान सभी को समान अधिकार देता है लेकिन सड़कें अवरुद्ध करना किसी की आस्था का हिस्सा नहीं हो सकता है।” (हिफी)दिव्य रश्मि केवल समाचार पोर्टल ही नहीं समाज का दर्पण है |www.divyarashmi.com
0 टिप्पणियाँ
दिव्य रश्मि की खबरों को प्राप्त करने के लिए हमारे खबरों को लाइक ओर पोर्टल को सब्सक्राइब करना ना भूले| दिव्य रश्मि समाचार यूट्यूब पर हमारे चैनल Divya Rashmi News को लाईक करें |
खबरों के लिए एवं जुड़ने के लिए सम्पर्क करें contact@divyarashmi.com