शक्तिस्थल माता मंगलागौरी गया
सत्येन्द्र कुमार पाठक
बिहार के गया जिले का गया स्थित ब्रह्मयोनि पर्वत समूह की भष्मकुट गिरी पर माता सती का स्तन गिरने के कारण सिद्धपीठ मां मंगलागौरी विराजमान है । भष्मकुट पर्वत पर मां मंगलागौरी मंदिर के गर्भगृह में मां सती के स्तन स्थापित है। भगवान शंकर अपनी पत्नी सती का जला हुआ शरीर आकाश में उद्विग्न होकर तांडव करने के क्रम में मां सती के शरीर का टुकड़ा देश के 51 स्थानों पर गिरने से शक्ति पीठ के रूप में प्रसिद्ध है ।श्वेत और वराह कल्प में ब्रह्मयोनि पर्वत समूह का भष्मकुट पर्वत पर माता सती के स्तन गिरा था। माता मंगल को मंगला , मंगल गौरी , पालनकत्री , उद्धारकर्ता , मंगलमय कर्ता कहा गया है । मंगलागौरी मंदिर के गर्भगृह में अखंड दीपक जल रही है ।पद्म पुरान, वायु पुराण , मारकंडेय पुराण , देवीभागवत और अग्नि पुराण में माता मंगला का उल्लेख हैं । मंगला गौरी मंदिर 15 वी शताब्दी में बना हुआ सनातन धर्म के शैव सम्प्रदाय , ब्रह्म सम्प्रदाय , वैष्णवपंथीय , शाक्त सम्प्रदाय की मंगलागौरी मंदिर करुणा एवं दया की माता मंगलागौरी शक्ति को समर्पित है । मंदिर पूर्व की दिशा में और मंगलागौरी पहाड़ी पर बनवाया गया है। इस मंदिर तक जाने के लिए सीढिया बनायीं गयी है ।और मोटर से जाने के लिए रास्ते की भी व्यवस्था की गयी है। मंगलागौरी मंदिर परिसर में भगवान शिव मंदिर और महिषासुर मर्दिनी, दुर्गा और माँ काली, भगवान गणेश, भगवान हनुमानजी मंदिर है। असुर , दानव दैत्य तथा राक्षस संस्कृति के रक्षक गय द्वारा गया नगर की स्थापना किया गया था । गयासुर ने गया के भष्मकुट गिरी पर मंगलागौरी देवी का जागृत मंदिर की स्थापना की थी । द्वापरयुग में पाण्डवपुत्र भीम द्वारा मंगलागौरी स्थान पर श्राद्धकर्म किया था । पाण्डवपुत्र भीम घुटने के निशान है।
डुंगेश्वरी गुफा मंदिर - गया से 10 कि. मि. पर डुंगेश्वरी पर्वत श्रंखला पर अवस्थित महाकाल की तीन गुफाओं का समूह है। सनातन धर्म के शाक्त सम्प्रदाय और बौद्ध तीर्थ का स्थान पर बोधगया में ज्ञान प्राप्ति से पूर्व भगवान बुद्ध ने माता डुंगेश्वरी के समक्ष तपस्या की थी। डुंगेश्वरी गुफा में माता डुंगेश्वरी एवं महात्मा बुद्ध की पवित्र और आत्मीय शक्तियां के रूप में स्थापित है । बुद्ध काल में डुंगेश्वरी पर्वत आध्यात्मिक चिंतन मैडिटेशन का केंद्र था । गया में बंगला स्थान मुहल्ले में माता बांग्ला , बागेश्वरी मोहल्ले में माता बागेश्वरी एवं पितमहेश्वर मुहल्ले में माता काली , माता शीतला मंदिर है ।
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