भारत ‘हिन्दू राष्ट्र’ बनने पर बॉलीवुडवालों की हिन्दू धर्म के विरोध में बोलने की हिम्मत नहीं होगी ! - श्री. शरद पोंक्षे, प्रसिद्ध अभिनेता

‘बॉलीवुड का हिन्दूद्वेष’ इस संवाद में ‘सेन्सर बोर्ड’ के कामकाज का भांडाफोड !

भारत ‘हिन्दू राष्ट्र’ बनने पर बॉलीवुडवालों की हिन्दू धर्म के विरोध में बोलने की हिम्मत नहीं होगी ! -
 श्री. शरद पोंक्षे, प्रसिद्ध अभिनेता     

    इस देश का विभाजन धर्म के आधार पर हुआ । मुसलमानों को तो पाकिस्तान  इस्लामी राष्ट्र’ के रूप में मिलापरंतु कांग्रेस की तुच्छ राजनीति के कारण भारत हिंदुओं का न होते हुए सेक्युलर’ देश बनाया गया । इसके अनेक दूरगामी परिणाम हुए । जिसमें से एक है कि बॉलीवुड के कुछ लोग जानबूझकर हिन्दू धर्म के विरोध में कृतियां कर रहे हैं । हिन्दू धर्म के विरोध में बोल रहे हैं । जब भारत देश हिन्दू राष्ट्र’ होगातब यह लोग हिन्दू धर्म के विरोध में बोलने का साहस नहीं करेंगे । इस्लाम के विरोध में कुछ भी होने पर लोग रास्तों पर उतरते हैं । वैसा ही हिन्दुओं को करना चाहिए, ऐसा प्रतिपादन प्रसिद्ध मराठी अभिनेता श्रीशरद पोंक्षे ने किया । हिन्दू जनजागृति समिति द्वारा आयोजित बॉलीवुड का हिन्दूद्वेष !’, इस ऑनलाइ संवाद’ में वे बोल रहे थे ।

तमिल भाषा समझ में न आते हुए भी तमिल फिल्म’ सेन्सर करने का  आग्रह किया श्रीसतीश कल्याणकर

    ‘सेन्सर बोर्ड’ के कामकाज का भांडाफोड करते हुए केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड’ के पूर्व सदस्य श्रीसतीश कल्याणकर ने कहा कि चलचित्रों द्वारा व्यापक स्तर पर प्रबोधन होता हैइसलिए सेन्सर बोर्ड की जिम्मेदारी भी अधिक है । किसी भी धर्म को निशाना बनानेवाले दृश्य न होइसलिए कानून में सभी प्रकार की धाराएं है । पीके’ चलचित्र से आपत्तिजनक दृश्य न हटाने पर समाज में तनाव निर्माण होगाऐसा मैंने लिखित मैं दिया । तब भी यह दृश्य हटाए नहीं गए । तदुपरांत चलचित्र को तीव्र विरोध हुआ । सबसे बडी शोकांतिका अर्थात मुझे तमिल भाषा नहीं आतीतब भी मुझे एक तमिल चलचित्र सेन्सर’ करने का आग्रह सेन्सर बोर्ड’ के अधिकारियों ने किया । मेरे मना करने पर उन्होंने कहा केवल दृश्य (सीनदेखकर सेन्सर करें ।’ संक्षेप में सेन्सर बोर्ड को हास्यास्पद बना दिया गया है । सभी प्रकार की अनुमति दिए जाने के कारण निर्माताओं द्वारा नियमों का पालन न कर कैसे भी चलचित्र बनाएं जा रहे हैं । वास्तव में सेन्सर बोर्ड को प्रशिक्षण देने की आवश्यकता है ।

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हिन्दू आइटी सेल’ के श्रीरमेश सोलंकी ने कहा कि बॉलीवुड में निवेशित सारा पैसा अपराध जगत का है । इसीलिए जानबूझकर हिन्दू धर्म को निशाना बनानेवाले चलचित्र एवं वेबसीरिज बनाई जा रही हैं । इस माध्यम से हजारों करोड रुपए का काला धन सफेद किया जा रहा है । रावण-लीला’ चलचित्र और कन्यादान’ जैसे विज्ञापन बनानेवाले अन्य पंथियों के हलालाकन्फेशन पद्धति द्वारा किए जानेवाले बलात्कार पर चलचित्र क्यों नहीं बनाते ?

     ‘हिन्दू जनजागृति समिति’ के महाराष्ट्र और छत्तीसगढ राज्य समन्वयक श्रीसुनील घनवट ने कहा कि गदर चलचित्र में अभिनेत्री का नाम सकिना’ और दूसरे चलचित्र में जॉनी लिवर के अब्दुल्ला’ नाम पर आपत्ति उठाई जानेपर तत्काल नाम बदल दिए गए । इसी प्रकार हिन्दुओं की धार्मिक भावना के प्रति सेन्सर बोर्ड संवेदनशील क्यों नहीं है सेन्सर बोर्ड में एक धार्मिक प्रतिनिधि नियुक्त किया जाएंऐसी मांग हम विगत अनेक वर्षों से कर रहे हैं । आज केवल रावण-लीला’ जैसे चलचित्र ही नहींअपितु मराठी-हिन्दी भाषा के 48 से अधिक धारावाहिकों द्वारा हिन्दू धर्मसंस्कृतिकुटुंबव्यवस्था पर आक्रमण किया जा रहा है । ऐसे निर्माताओं को कारागृह में डालना चाहिए । तब ही अन्यों को सीख मिलेगी । 
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