Advertisment1

यह एक धर्मिक और राष्ट्रवादी पत्रिका है जो पाठको के आपसी सहयोग के द्वारा प्रकाशित किया जाता है अपना सहयोग हमारे इस खाते में जमा करने का कष्ट करें | आप का छोटा सहयोग भी हमारे लिए लाखों के बराबर होगा |

जब - जब होते रहे दो इकट्ठे एक साथ

जब - जब होते रहे दो इकट्ठे एक  साथ

जब - जब होते रहे दो इकट्ठे एक  साथ , 
कहीं भी सहजता पूर्वक करते साफ हाथ। 
हाल की बात चोरी करते पकड़े गए रंगे हाथ, 
खूब मार पड़ी थी भेजे गए पुलिस के साथ। 
तब लूटने निकले थे दोनों महिला के भेष में , 
पहन लाल साड़ी, लंबे - लंबे नकली केश में । 
अपने ही घर से चोर उचक्के निकलते हैं, 
गिरगिट से भी जल्दी अपना रंग बदलते हैं । 
आस्तीन में मारकर कुंडली बैठ जाते हैं ,
मौका पाकर समाज में जहर उगलने लगते हैं।

✍️ डॉ रवि शंकर मिश्र "राकेश"
दिव्य रश्मि केवल समाचार पोर्टल ही नहीं समाज का दर्पण है |www.divyarashmi.com

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ