101 साल बाद कृष्ण जन्माष्टमी पर बन रहा विशेष संयोग
आचार्य श्री कन्हैया तिवारीजी के कलम से
कृष्ण जन्माष्टमी पर इस बार 101 साल बाद जयंती योग का दुर्लभ संयोग बन रहा है 30 अगस्त यानी कल श्री कृष्ण जन्माष्टमी मनाया जाएगा बीते कई वर्ष बाद इस बार वैष्णो तथा गृहस्थ आश्रम में रहने वाले प्राणी के साथ जन्मोत्सव मनाएंगे श्रीमद्भागवत पुराण के अनुसार भगवान श्री कृष्ण का जन्म भाद्र कृष्ण पक्ष अष्टमी तिथि सोमवार रोहिणी नक्षत्र व वृष राशि में मध्य रात्रि में हुआ था ज्योतिषाचार्य मुरली जोशी जी के द्वारा कहा गया है कि भाद्रपद मास की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को भगवान श्री कृष्ण का जन्म हुआ था इसलिए प्रत्येक वर्ष भाद्र कृष्ण अष्टमी तिथि को श्रद्धालु जन्माष्टमी मनाते हैं इस वर्ष 30 अगस्त को धूमधाम से जन्माष्टमी मनाया जाएगा इस वर्ष जन्माष्टमी पर बहुत ही विशेष संयोग बन रहे हैं 30 अगस्त का दिन सोमवार है अष्टमी तिथि 29 अगस्त रात 10:10 पर आ रहा है सोमवार यानी 30 अगस्त को रात्रि 12:24 तक रहेगी उसके बाद नवमी तिथि प्रवेश कर रहा है
तथा इस दौरान चंद्रमा वृष राशि पर मौजूद रहेंगे सभी संयोग के साथ रोहिणी नक्षत्र भी 30 अगस्त के मौजूद रहेंगे रोहिणी नक्षत्र का प्रवेश 30 अगस्त प्रातः काल6,49 बजे हो जाएगा
अर्धरात्रि को अष्टमी तिथि और रोहिणी नक्षत्र एक साथ मिल जाने से जयंती योग का निर्माण होता है इसी योग में कृष्ण जन्माष्टमी का पर्व मनाया जाएगा
प कन्हैया तिवारी जी ने यह भी कहा कि 101 वर्ष के बाद ऐसा योग और संजोग दोनों मिला है अष्टमी तिथि रोहिणी नक्षत्र दिन सोमवार तीनों एक साथ मिलना अति दुर्लभ की बात है
3 जन्मों के पापों से मुक्त होते हैं
कन्हैया तिवारीजी ने कहा कि निर्णय सिंधु ग्रंथ के अनुसार ऐसे संजोग जब श्री कृष्ण जन्माष्टमी पर बनते हैं तो भक्तों को ऐसे संजोग का लाभ उठाना चाहिए श्रद्धालु को इसे हाथ नहीं जाने देना चाहिए इस संयोग में जन्माष्टमी व्रत करने से 3 जन्मों के जाने अनजाने होने वाले पापों से मनुष्य को मुक्ति मिलती है
संतान प्राप्ति के लिए करें जन्माष्टमी का व्रत
कहते है की संतान प्राप्ति के लिए महिलाएं जन्माष्टमी का व्रत करें
महिलाओं का इस दिन भगवान श्री कृष्ण के। बाल स्वरूप गोपाल का पूजन कर पंचामृत से स्नान कर नया वस्त्र धारण कराकर गोपाल मंत्र का जाप करना चाहिए इससे उन्हें यशस्वी दीर्घायु पुत्र प्राप्त होते हैं
पंडित कन्हैया तिवारी
मीठापुर पटना
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