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डा.भगवती शरण मिश्र का निधन अपूर्णीय क्षति है

डा.भगवती शरण मिश्र का निधन अपूर्णीय क्षति है

महान साहित्य सेवी पूर्व आई.ए.एस और बिहार राजभाषा विभाग के पूर्व निदेशक रहे डा.भगवती शरण मिश्र जी का निधन 26/08/21 को हुआ।यह साहित्य समाज के लिए अपूर्णीय क्षति है।डा.मिश्र जी हिंदी,संस्कृत, बंगला,मैथिली,अंग्रेजी साहित्य के भी अधिति विद्वान थे।वे मैथिली अकादमी के अध्यक्ष रहे थे।मुजफ्फरपुर  नगर निगम के भी प्रशासक रहे थे।भारतीय रेल सेवा के भी पदाधिकारी रह चुके थे।
       डा. मिश्र जी का जन्म रोहतास जिले के संझौली प्रखंड अंतर्गत बेनसागर गांव में हुआ था।वे एक कुशल साहित्यकार, समाजसेवी और उदार हृदय व्यक्ति थे।सदा समाज हित मे वे निमग्न रहे।
इनके द्वारा रचित उपन्यास 'पुरुषोत्तम' और 'पवनपुत्र' बडे चर्चित रहे।हिन्दी की मासिक पत्रिका 'कादंबिनी ' के नियमित लेखक रहे हैं।पटना के 'शांति बाबा आश्रम' के विषय में भी इन्होंने लिखा।
इन्हें के पुत्र डा. दुर्गा शरण मिश्र जी है जो आज पिता के नक्शे कदम पर है।वे भी योग्य प्रशासक और राजभाषा अधिकारी हैं।वर्तमान समय में डा. मिश्र जी का निवास दिल्ली में था जहां उन्होने अंतिम सांस ली और वहीं पर अंतिम संस्कार भी सम्पन्न हुआ।
         वे मग समाज के शिरोमणि थे।उनका इस तरह.से चला जाना साहित्य और समाज के लिए बडी रिक्तता है।इसकी भारपाई निकट भविष्य में संभव नहीं है।मैं दिवंगत डा.मिश्र जी को श्रद्धासुमन अर्पित करता हूं।भगवान से प्रार्थना है उन्हे सायुज्य प्रदान करें।
         ---:भारतका एक ब्राह्मण.
           संजय कुमार मिश्र "अणु"
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