पंडित श्री सुरेश दत्त मिश्र जी को भावभीनी श्रद्धांजली
पंडित श्री सुरेश दत्त मिश्र जी का जन्म गया जिला प्रखंड टेकारी ग्राम स्यानंदपुर गांव में हुआ।ये बिहार राजभाषा विभाग के उच्च अधिकारी रहे।
साहित्य और समाज सेवा से इनका संबंध अन्यतम रहा।दोनों क्षेत्र में इनका अपूर्व योगदान रहा है।हलांकि ये राजभाषा हिन्दी के सेवक थे पर अपनी मातृभाषा की सेवा का व्यामोह न त्याग सके।अभी हाल हीं में उनकी कृति 'रामायण' का विमोचन भी हुआ था जो कि मगही भाषा में निबद्ध है।बहुत सी रचनाएं हिन्दी भाषा को दिए हैं।
ये साहित्य सेवी के साथ हीं साथ प्रसिद्ध समाज सेवी भी थे।सामाजिक स्तर पर आज 'सूर्यपूजा परिषद' इसका प्रमाण है।जबकि साहित्यिक क्षेत्र में 'दिव्य रश्मि' इन्हीं का अवदान है।इन दोनों के संस्थापक और आजन्म संरक्षक रहे।
विगत दिनों उनका स्वर्गवास पटना के आई.जी.आई.एम.एस.मे हो गया।इनके निधन की बात सुनते हीं साहित्यिक और सामाजिक क्षेत्र में शोक छा गया।ऐसे कर्मठ,सजग साहित्य सेवी,कुशल प्रशासक को खोकर हम और हमारा समाज आज हतप्रभ है।उनके धरोहरों का यह समाज सदा ऋणी रहेगा।वे भले आज हमलोगों के बीच न रहें पर.वांग्मय रुप में वे सदा सर्वदा हमलोगोँ का मार्गदर्शन करते रहेंगे।
बताते चलें कि दिव्य रश्मि के संपादक डा. राकेश दत्त मिश्र जी के ये पिता थे।इनके निधन से हम मर्माहत हैं।दिवंगत आत्मा की शांति के लिए प्रभु से प्रार्थी हूं।उन्हे अपने दिव्य धाम में सायुज्य दें।
महामानव श्री सुरेश दत्त मिश्र जी के प्रयाण काल में मैं साश्रु श्रद्धा सुमन अर्पित करता हूं।
---:भारणका एक ब्राह्मण.
संजय कुमार मिश्र "अणु"दिव्य रश्मि केवल समाचार पोर्टल ही नहीं समाज का दर्पण है |www.divyarashmi.com
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