सभी महिलाओं को सादर समर्पित
पत्नी को पहचान बहुत
पत्नी को पहचान बहुत, सर्वोत्तम ही चुनती है,
कटा गरीबी मे जीवन, ख्वाब सुनहरे बुनती है।
हूँ बड़भागी चयन हमारा, उनके मन को भाया,
डाँट रही हो भले सामने, मन ही मन तो गुणती है।
हो जाये गर देर मुझे जो, शाम ढले घर आने में,
दरवाजे के बाहर खडी, अक्सर मुझको दिखती है।
करा समर्पित जीवन सारा, निज घर को त्यागा है,
मेरी दीर्घायु की खातिर, व्रत उद्यापन करती है।
दिव्य रश्मि केवल समाचार पोर्टल ही नहीं समाज का दर्पण है |www.divyarashmi.com
0 टिप्पणियाँ
दिव्य रश्मि की खबरों को प्राप्त करने के लिए हमारे खबरों को लाइक ओर पोर्टल को सब्सक्राइब करना ना भूले| दिव्य रश्मि समाचार यूट्यूब पर हमारे चैनल Divya Rashmi News को लाईक करें |
खबरों के लिए एवं जुड़ने के लिए सम्पर्क करें contact@divyarashmi.com