बाल मजदूरी
--:भारतका एक ब्राह्मण.
संजय कुमार मिश्र 'अणु'
हां,
हमने देखा है-
सड़क के किनारे।
कप,प्लेट को धोते-
अपने नन्हे हाथों के सहारे।।
हां,
देखा है ईंट भट्ठे पर-
मिट्टी पाथते और
चिमनी सजाते हो कारे कारे।।
हां,
देखा है मैंने
सड़कों के किनारे।
भारी वाहनों को बनाते
रिंच-पिलास,देह पर मोविल डारे।
हां,
देखा,जाना और सुना।
तड़प रहा है आज-
उसका बचपना।।
वलिदाद अरवल (बिहार)
दिव्य रश्मि केवल समाचार पोर्टल ही नहीं समाज का दर्पण है |www.divyarashmi.com
0 टिप्पणियाँ
दिव्य रश्मि की खबरों को प्राप्त करने के लिए हमारे खबरों को लाइक ओर पोर्टल को सब्सक्राइब करना ना भूले| दिव्य रश्मि समाचार यूट्यूब पर हमारे चैनल Divya Rashmi News को लाईक करें |
खबरों के लिए एवं जुड़ने के लिए सम्पर्क करें contact@divyarashmi.com