प्रति माँ में माँ का कर दर्शन
प्रति माँ में माँ का कर दर्शन
सफल जनम हो जायेगा
प्रतिमा के दर्शन से केवल
नयन तृप्त हो पायेगा
स्त्रिया समस्ता सकला जगत्सु
कब ज्ञात इसे कर पायेगा
नवरातर में केवल बस
माँ माँ की रटन लगायेगा
मिला नहीं कुछ अब तक
फिर आगे क्या तू पायेगा
अपनी माँ को जननी कहता
बाकी रंभा रुक्मिणी है
बेटी तेरी सीता राधा
शेष सभी जीवन की बाधा
सिद्धिदात्री की सफल साधना
कर प्रति माँ की आराधन से ही
जीवन समर विजय कर पायेगा।।
.....मनोज कुमार मिश्र"पद्मनाभ"।
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