
पटना मेडिकल कॉलेज में बच्चा चोर गैंग के चंगुल से मासूम प्रिंस को छुड़ा लिया गया है। दो महीने बाद ग्रेटर नोएडा से उसकी बरामदगी हुई है। पटना पुलिस की टीम रविवार को उसे लेकर यहां पहंची। पहली बार तीसरी आंख की नजर थी, जिससे सुराग मिल पाया, वरना अक्सर ही पुलिस का सीसीटीवी कैमरा बंद रहता है। हर बड़ी घटना पर जब फुटेज खंगालने की कोशिश की जाती थी, तो कोई बड़ा सुराग नहीं मिल पाता था। इस बार सीसीटीवी से ही पुलिस को बड़ी मदद मिली है। दो साल में पटना मेडिकल कॉलेज में बच्चा चोरी की 8 घटनाएं हुई हैं, जिनमें से अधिकतर मामलों में परिजनों ने खुद से बच्चे को बरामद किया है।
महिलाओं के गैंग के सॉफ्ट टारगेट पर मासूम
पटना मेडिकल कॉलेज मासूमों के लिए सेफ नहीं है। बच्चे यहां गैंग के साफ्ट टारगेट पर होते हैं। आए दिन बच्चा चोरी की घटनाएं होती हैं। अब तक जो भी खुलासे हुए हैं, उनमें महिलाओं का नाम सामने आया है। बच्चा चोरी की घटनाएं पटना में सबसे अधिक पीएमसीएच में ही होती हैं, लेकिन अधिकतर मामले पुलिस के रिकार्ड में इसलिए नहीं आ पाते हैं, क्योंकि कैंपस से ही बच्चों की बरामदगी के बाद पुलिस मामले को दफन कर देती है। अस्पताल प्रशासन भी ऐसे मामलों पर गंभीर होकर सबक नहीं लेता है, जिससे घटनाएं कम नहीं हो रही हैं।
पलक झपकते ही हो जाती है चोरी
पीएमसीएच में दिनदहाड़े बच्चा चोरी की वारदात आम बात है। वर्ष 2018-19 में ऐसी 8 घटनाएं हो चुकी हैं। पटना मेडिकल कॉलेज में बढ़ती घटनाओं को लेकर ही सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे। पीएमसीएच में टीओपी चौकी पुलिस के साथ अधिक संख्या में गार्ड तैनात किए गए हैं। इसके बाद भी बच्चा कैसे चोरी हो जा रहा है, यह बड़ा सवाल है। वर्ष 2019 में बच्चा चोरी का एक ऐसा मामला सामने आया था, जिसमें दानापुर की एक महिला पुलिस की पकड़ में आई थी। वह ओपीडी से धोखे से एक दुधमुंहे बच्चे को लेकर भाग रही थी। परिजनों के शोर मचाने के बाद अस्पताल में मौजूद मरीजों के तीमारदारों ने महिला को पकड़कर पुलिस को सौंपा था।
नवजात बच्चों पर रहती है नजर
बच्चा वार्ड में गैंग से जुड़ीं महिलाएं लगी रहती हैं। चोरी की घटनाएं ओपीडी और महिला वार्ड से ही होती है। वर्ष 2019 में 9 जनवरी को गुलबी घाट निवासी दिलीप की पत्नी की पीएमसीएच में डिलीवरी हुई थी, पांच दिन के बच्चे को अस्पताल के गेट से चोरी किया गया था। वर्ष 2018 में 11 नवंबर को स्त्री व प्रसूति वार्ड में मरचा मरची की रहने वाली सरोज देवी का बच्चा चोरी हो गया। अब तक चोर गिरफ्तार नहीं हुआ है। वर्ष 2017 में 16 सितंबर को नालंदा जिले के बिगहा पोस्ट के ग्राम बरसाई की रहने वाली सोहनी देवी का पांच दिन का बच्चा पीएमसीएच से चोरी हुआ था। हालांकि, गार्ड ने चोर को पकड़ लिया था। 23 मार्च, 2017 को पीएमसीएच में सीतामढ़ी से इलाज कराने आई रानी देवी का 6 साल का बच्चा चोरी हो गया। इसमें महिला चोर शामिल थी, जिसे पकड़ने के बाद महिला गैंग का नाम सामने आया।
सुरक्षा पर बड़ा सवाल
पीएमसीएच की सुरक्षा व्यवस्था पर बड़ा सवाल है। सवाल है कि अजनबी महिलाएं कैसे वार्ड के अंदर पहुंच जाती हैं और घटना को अंजाम देती हैं। सुरक्षा के साथ गार्ड की पूरी व्यवस्था है। इसके बाद भी घटनाएं कैसे हो रही हैं। सुरक्षा की चाक-चौबंद व्यवस्था का दावा किया जाता है, लेकिन घटनाएं हर साल होती हैं। वर्ष 2019 में पीएमसीएच से दो साल पहले 25 साल की एक आरोपित महिला को पीरबहोर थाने की पुलिस ने पकड़ा था। महिला ने कई बड़ा खुलासा किया था, लेकिन पूरा नेटवर्क खंगाला नहीं जा सका था। पूर्वी रामकृष्णा नगर में रहने वाले एक बाबा का नाम भी इस मामले में चर्चा में रहा है, लेकिन पुलिस के द्वारा इसका खुलासा नहीं किया जा सका है।
बच्चों की सुरक्षा को लेकर तैयार किया जा रहा जाल
पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल के अधीक्षक डॉ बिमल कारक का कहना है कि सीसीटीवी फुटेज का जाल और मजबूत किया जा रहा है। बच्चा चोरी की घटनाओं पर अंकुश लगाने को लेकर सुरक्षा का बड़ा नेटवर्क तैयार किया गया है। गार्ड के साथ अन्य तरह से भी निगरानी की जा रही है। सीसीटीवी के आधार पर गैंग में शामिल लोगों को पकड़ा जा रहा है। बच्चा चोरी की घटना नहीं हो, इसके लिए डॉक्टर व अन्य स्टाफ को भी अलर्ट किया गया है। सीसीटीवी कैमरे की निगरानी पटना मेडिकल कॉलेज में बढ़ा दी गई है।
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source https://www.bhaskar.com/local/bihar/news/child-theft-gang-in-patna-pmch-incident-captured-on-cctv-camera-127851234.html
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