
राजधानी में चाेरी की घटनाएं लगातार हाे रही हैं। सितंबर में 15 दिनों में ही 18 घटनाएं हाे चुकी हैं। पुलिस इसे राेकने में अक्षम साबित हाे रही है। राजधानी में 35 थाने हैं और 7 तरह की पुलिस गश्त की व्यवस्था है। 108 जगहों पर सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। लेकिन, हकीकत में सब हवा-हवाई है।
दैनिक भास्कर के 16 रिपोर्टरों की 8 टीमाें ने राजधानी को 8 भागों में बांटकर देर रात गश्ती का जायजा लिया, तो पुलिसिया दावे फेल नजर आए। कहीं, पुलिस वाले जिप्सी में झपकी लेते दिखे, तो कहीं थाने के गेट पर ही। सड़क पर न तो साइकिल गश्त दिखी, न ही बाइक पुलिसिंग। कहीं-कहीं पुलिस जिप्सी लगाए दिखी, लेकिन आने-जाने वालाें की न रोक-टोक और न ही जांच। शहर में बने मे आई हेल्प यू में रात में मजदूर साेते दिखे। पेश है रिपोर्ट....
आर ब्लॉक-पाटलिपुत्र
आर ब्लॉक चौराहे पर जिप्सी में पुलिसकर्मी उसमें सोए थे। कहा- काम करते-करते थक जाते हैं, तो नींद आ जाती है। हड़ताली चौक पर सन्नाटा था, लेकिन सचिवालय मोड़ पर कुछ पुलिसकर्मी मौजूद थे। इनकम टैक्स गोलंबर पर भी एक भी पुलिसकर्मी नहीं दिखा। राजीवनगर थाने के पास सन्नाटा पसरा था।
रोड नंबर नौ के पास तीन लाठीधारी पुलिसकर्मी दिखे। वे भी आराम करने की तैयारी में थे। राजीवनगर गुमटी, पुराना पाटलिपुत्र थाना, पॉलीटेक्निक मोड़, पाटलिपुत्र गोलंबर, अल्पना मार्केट, बोरिंग रोड पानी टंकी मोड़ तक न गश्ती गाड़ी और न पुलिसकर्मी दिखे।
गांधी मैदान-दीघा रोड
गांधी मैदान से दीघा रोड में आगे बढ़ने पर पुलिस की गश्ती कहीं नहीं मिली। करगिल चौक पर भी सन्नाटा था। डाकबंगला पर भी सन्नाटे का आलम था। पोस्ट का गेट खुला था, लेकिन पुलिस नदारद।
न्यू बाइपास, दानापुर
न्यू बाइपास के अनीसाबाद गोलंबर और चितकोहरा गोलंबर पर पुलिस नहीं नजर आई। जगनपुरा पुलिस पोस्ट में ताला जड़ा था। रूपसपुर, दानापुर और खगौल थाना क्षेत्र सबसे अधिक अपार्टमेंट वाला इलाका है। रात 11 से 12:30 बजे तक आरपीएस मोड़ से सगुना मोड़, दानापुर, तकियापर, गोला रोड, रूपसपुर रेलवे ब्रिज के नीचे होते खगौल के मोती चौक व दानापुर जंक्शन के सामने कहीं गश्ती नजर नहीं आई। सिर्फ गोला रोड में एक अपार्टमेंट के नीचे तीन पुलिसकर्मी थे, वो भी बिना वाहन के।
कंकड़बाग
पोस्टल पार्क के पास मंदिर के पास 10:20 बजे ही पुलिस नदारत थी। कंकड़बाग और मलाही पकड़ी पर भी पुलिस बूथ खाली दिखाई दिया। 70 फीट पर एक जीप और उसमें ड्राइवर सहित पांच पुलिसकर्मी दिखाई दिए जो कुछ देर बाद 70 फीट से राजेंद्रनगर तक गश्त करते दिखे। लोहिया पार्क, साई मंदिर, कंकड़बाग निगम कार्यालय, कंकड़बाग थाने के आसपास और गलियों में पुलिस की गश्ती नहीं दिखी। वापसी के दौरान साढ़े 11 बजे भी किसी स्थान पर पुलिसकर्मी नहीं दिखे।
कदमकुआं, राजेंद्रनगर और अशोक राजपथ
कदमकुआं, राजेंद्रनगर और अशोक राजपथ पर गश्ती नदारद दिखी। मैकडाेवल गोलंबर के पुलिस पोस्ट में मजदूर सो रहा था। मखनिया कुआं पुलिस पोस्ट में भी कोई अनजान सोया था। आसपास मौजूद कुछ लोगों ने बताया कि दिन में ही पुलिस कम दिखाई पड़ती है, रात में कौन रहेगा? अशोक राजपथ पर सन्नाटा था। कुल्हड़िया कॉम्प्लेक्स के पास कुछ पुलिसकर्मी जीप में बैठे थे। टीम को देखते ही झट से गाड़ी से उतरे और चहलकदमी करने लगे।
बोरिंग राेड चाैराहा-बुद्धा काॅलोनी
बोरिंग रोड चौराहा, रात 12 बजे। एक जिप्सी लगी थी, जिसमें कुछ पुलिस वाले बैठे थे। कुछ लोग आ-जा रहे थे, लेकिन पुलिसकर्मी किसी काे रोक-टोक नहीं रहे थे। बुद्धा काॅलोनी की तरफ जाने पर एक भी गश्ती गाड़ी नहीं दिखी। बुद्धा काॅलोनी थाने के सामने एक जिप्सी खड़ी थी जिसमें कोई पुलिसकर्मी मौजूद नहीं था। थाना कैंपस में सन्नाटा पसरा था। सरिस्ता में एक एसआई मौजूद था, जो टेबल पर ही गहरी नींद में सो रहा था।
पटना सिटी: रात 12 बजे पत्थर की मस्जिद के पास दुकान के अहाते में दुबके होमगार्ड के जवान दिखे। कौन आ रहा है, कौन जा रहा है, उन्हें इससे मतलब नहीं। कैमरा देख कर चौकन्ना हो जाते हैं। महेंद्रू पोस्ट ऑफिस के पास सुल्तानगंज की मोबाइल लगी है। आलमगंज के पास एक आरक्षी एक बाइक सवार को रुकने का इशारा करता है, लेकिन वह आंबेडकर चौक की ओर निकल जाता है।
पुलिस का सात तरह की गश्त का दावा
1. डॉल्फिन मोबाइल वैन से शहर के 10 मार्गाें पर।
2. दिवा और संध्या गश्ती- 30 स्थानों पर- सुबह 9:30 से दोपहर 1:30 और शाम 4 से रात 8:30 बजे तक।
3. शस्त्र रात्रि गश्ती-30 स्थानों पर- रात 10:30 से सुबह 5:30 बजे तक।
4. पैदल गश्ती- 80 स्थानों पर- रात 10:30 से सुबह 5 बजे तक।
5. साइकिल गश्ती- रात 10 से सुबह 5 बजे तक।
6. हाईवे पैट्रोलिंग- रात 9 से सुबह 6 बजे तक।
7. एंटी रेस व क्विक मोबाइल- पूरे शहर में- सुबह 9 से शाम 7 बजे तक।
खगौल लख से चितकाेहरा
खगाैल लख से चितकाेहरा गाेलंबर तक दूरी 8 किलाेमीटर की दूरी में खगाैल, फुलवारीशरीफ, बेउर और गर्दनीबाग थाने हैं। इतनी दूरी के बीच केवल फुलवारीशरीफ टमटम पड़ाव पर दाे जवान मुस्तैद दिखे। महावीर कैंसर संस्थान के पास एक जिप्सी दिखी। बाकी जगह सन्नाटा। अनीसाबाद माेड़ का मे आई हेल्प यू बंद था।
बोर्ड काॅलोनी: शास्त्रीनगर थाना इलाके के पुनाईचक, पटेल नगर, राजवंशी नगर के इलाके में बोर्ड काॅलोनी का सरकारी क्वार्टर है। लगभग पांच हजार परिवार रहते हैं। जनवरी से यहां की सुरक्षा प्राइवेट सुरक्षाकर्मियों के भरोसे है। लोगों ने 12 सुरक्षाकर्मियों को रखा है।
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source https://www.bhaskar.com/local/bihar/patna/news/if-you-take-peace-in-the-night-wake-up-because-the-police-here-are-also-sai-127739110.html
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