Advertisment1

यह एक धर्मिक और राष्ट्रवादी पत्रिका है जो पाठको के आपसी सहयोग के द्वारा प्रकाशित किया जाता है अपना सहयोग हमारे इस खाते में जमा करने का कष्ट करें | आप का छोटा सहयोग भी हमारे लिए लाखों के बराबर होगा |

अहंकार पर विजय पाना ही मार्दव धर्म

दिगंबर जैन समाज की ओर से मनाए जानेवाले दस दिवसीय महापर्व पर्युषण के दूसरे दिन सोमवार को उत्तम मार्दव धर्म की पूजा से हुई। पर्युषण पर्व का द्वितीय दिवस उत्तम मार्दव नामक दिवस है जो अहंकार पर विजय प्राप्त करने की कला को समझने और सीखने का दिन होता है।

व्यक्ति के लिए यह आवश्यक है कि वह अहंकार को त्याग कर दूसरों के प्रति विनम्रता के साथ मृदुता का आचरण करे। अहंकार इंसान की एक बहुत बड़ी कमजोरी है। सत्ता, संपदा और शक्ति को पाकर भले हम अहंकार करने लगें, पर इसका स्थायित्व नहीं है। अहंकार से हम फूल तो सकते हैं, पर फैल नहीं सकते।दिगंबर जैन मंदिर में दूसरे दिन भी अधिक श्रद्धालु पहुंचे
मीठापुर दिगंबर जैन मंदिर में शांतिधारा त्रिलोकचंद निर्मल कुमार जैन कासलीवाल ने कराई। संध्या आरती महावीर प्रसाद संजय कुमार जैन ने करवाई। मौके पर विजय जैन कासलीवाल, सुरेंद्र जैन मौजूद थे। मुरादपुर दिगंबर जैन मंदिर में शांतिधारा पुजारी सुबोध जैन फंटी ने करवाई। कांग्रेस मैदान दिगंबर जैन मंदिर में दूसरे दिन श्रद्धालुओं की संख्या अधिक रही।



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today


source https://www.bhaskar.com/local/bihar/patna/news/mardava-religion-is-to-overcome-ego-127649742.html

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ